Kaptanganj Sugar Mill Resumes Operations After Settling 32 Crore Dues Farmers Rejoice अगले सत्र से कप्तानगंज चीनी मिल चलने के संकेत, Kushinagar Hindi News - Hindustan
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अगले सत्र से कप्तानगंज चीनी मिल चलने के संकेत

Kushinagar News - कपतानगंज चीनी मिल ने किसानों के बकाया 54 करोड़ रुपये में से 32 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। मिल का ताला खोलने के बाद, 31 मार्च तक 7 करोड़ और अप्रैल में 11 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आश्वासन...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरWed, 19 March 2025 09:08 AM
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अगले सत्र से कप्तानगंज चीनी मिल चलने के संकेत

कुशीनगर। कपतानगंज चीनी मिल द्वारा बकाया के भुगतान में संवेदनशीलता और तत्परता के दृष्टिगत जिला गन्ना अधिकारी का निरीक्षण चीनी मिल के दोबारा चलने के दिशा में एक शुभ संकेत माना जा रहा है। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज के निर्देश पर जिला गन्ना अधिकारी डीकै सैनी ने कप्तानगंज चीनी मिल का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए।

कप्तानगंज की चीनी मिल शंकर शंकरा संकुल वर्ष 2022 मे किसानों का करीब 54 करोड़ रूपये बकाया लगा कर बंद हो गयी थी। जिसको तहसील प्रशासन द्वारा 28 जुलाई 2023 को सील कर दिया गया था। साथ ही बकाया मूल्य भुगतान को लेकर कुर्की के बाद नीलामी की भी तिथि नीयत की गई थी। परंतु न्यायालय से स्थगन आदेश आ जान के बाद नीलामी रोक दी गई थी। भुगतान के लिए तहसील प्रशासन द्वारा निरंतर कड़ा रुख बरकरार रखा गया था। जिसके फलस्वरुप चीनी मिल द्वारा अब तक 32 करोड़ रूपया भुगतान कर दिया गया है और मौजूदा बकाया महज 22 करोड़ रह गया है। भुगतान की गारंटी के साथ चीनी मिल द्वारा जिला प्रशासन से पिछले दिनों अनुरोध किया गया था कि दो माह के अंदर संपूर्ण भुगतान कर दिया जायेगा और चीनी मिल दोबारा चलेगी। जिसके क्रम में जिला प्रशासन के निर्देश पर तहसील प्रशासन द्वारा लगभग एक पखवारा पूर्व चीनी मिल के सील किए गए ताला को खोल दिया गया था। ताला खुलने के बाद चीनी मिल द्वारा अतिरिक्त चार करोड का अब तक भुगतान किया जा चुका है। मिल प्रबंधन द्वारा इस संबंध में बताया गया कि 31 मार्च तक सात करोड अप्रैल माह में बचने वाले शेष 11 करोड का सुनिश्चित भुगतान कर दिया जाएगा। दूसरी तरफ निरंतर भुगतान की स्थिति को देखते हुए क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।

सन 1934 में स्थापित हुई कप्तानगंज चीनी मिल स्थापना काल से लेकर 2022 तक ऐतिहासिक पेराई कर किसानों को लाभ पहुंचाया था। इस मिल से 50 किलोमीटर की दूरी तक के गन्ना किसान जुड़े थे। वर्ष 2022 मे अचानक चीनी मिल की चिमनी से निकलने वाला धुआं बंद हो गया। मिल पर उस वक्त किसानों का भारी भरकम बकाया था और किसानों के सामने अंधेरा छा गया था। लेकिन 3 वर्ष पश्चात अब चीनी मिल एक बार पुन- चलने की सुगबुगाहट होने से किसान मजदूर व्यापारी सब में खुशी की लहर दौड़ गई है। किसान मधुसूदन मिश्रा, सीताराम, दरोगा पांडेय, योगेंद्र सिंह, गोलू मिश्रा, महेश सिंह, प्रवीण सिंह, ओम प्रकाश पांडेय, सत्येंद्र पांडेय आदि ने खुशी का इजहार किया है।

कार्यकारी निदेशक किसानों से की अपील, अगले सत्र से गन्ना गिराएं

चीनी मिल के कार्यकारी अध्यक्ष राकेश सक्सेना व अध्यक्ष एस के श्रीवास्तव ने बताया कि चीनी मिल चलाने के लिए मिल में काम शुरू कर दिया गया है। एक माह के अंदर संपूर्ण गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया जाएगा किसानों का हित हमारे लिए सर्वोपर है। किसान उच्च वेरायटी के गन्ने की बुवाई करें और अगले पेराई सत्र में कप्तानगंज चीनी मिल पर गन्ना गिराएं।

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