चीन-अमेरिका के टैरिफ वार में शेयर बाजार धड़ाम, निवेशकों का भारी नुकसान
Kushinagar News - कुशीनगर में चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ युद्ध के कारण शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है। निवेशकों को एक रात में ही 700 प्वाइंट का नुकसान हुआ है। पंकज मिश्रा और अन्य निवेशकों ने लाखों रुपये गंवाए हैं।...

कुशीनगर। चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ वार के चलते अपने यहां भी शेयर बाजार धड़ाम हो गये हैं। इसके चलते निवेशकों को शेयर बाजार से फायदा होने की जगह नुकसान हो रहा है। एक रात में मात्र एक से दो मिनट में सात सौ प्वाइंट का बीटीसी क्रैश हुआ है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दोनों बड़े देशों के चलते आगामी दिनों में भी बाजार में लगातार उथल पुथल बनी रहेगी। जिले के निवेशकों की बेचैनी बढ गई है।
पंकज मिश्रा ने स्टॉक मार्केट फ्यूचर में टाटा पावर, टाटा मोटर्स, टाटा स्टिल बीएसएल, नेस्ले और अदानी ग्रीन सहित एक दर्जन से अधिक देश के सम्मानित कंपनियों में 7 लाख 60 हजार रुपये इन्वेस्ट किए थे। यकायक मार्केट क्रैश होने से फिलहाल 2 लाख 80 हजार रुपये के नुकसान में है। भारी नुकसान होने से चिंतित पंकज मिश्रा ने बताया कि ऐसी मंदी किसी आपात स्थिति में भी देखने को नहीं मिलती है।
फॉरेक्स ट्रेडर अमित पांडेय ने बताया कि ट्रेडिंग में बिटकॉइन ट्रेडिंग करने के दौरान रात्रि के 10.22 बजे यकायक 700 प्वाइंट बाजार गिर गया। यह गिरावट इतनी तेजी से हुई कि सोचने समझने का भी वक्त नहीं मिला और 870 यूएसडी जो भारतीय मुद्रा में करीब 74,610 रुपये का नुकसान हो गया। गिरावट में इतनी तेजी रही कि पोर्टफोलियो से पोजिशन स्वतः एग्जिट हो गया। हालांकि गिरावट से पहले बिटकॉइन निर्धारित रेट से 180 यूएसडी की बढ़त में था। तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के रहने वाले अधिवक्ता आनंद श्रीवास्तव वर्षों से शेयर बाजार में बॉयर के रूप में ऑप्शन ट्रेडिंग करते है, जो बैंक निफ्टी में शुक्रवार से अपनी पोजिशन ले रखी थी। शनिवार और रविवार मार्केट बंदी के बाद सोमवार को मार्केट 1200 प्वाइंट से ज्यादा का गैपडाउन ओपन होते ही 3 लाख 74 हजार का नुकसान हो गया। इससे ट्रेडर आनंद काफी दुखी हैं। आनंद ने अपने भाई के शादी में खर्च के लिए थोड़े-थोड़े रूपये एकत्रित किए थे। महज दो सप्ताह बाद 20 अप्रैल को ही भाई की शादी होनी है।
चीन व अमेरिका के टैरिफ लगाने से बाजार में बढ़ी अस्थिरता
ट्रंप प्रशासन ने 180 से अधिक देशों पर लगाए गए व्यापक टैरिफ को लेकर सख्त रुख अपनाया है। इससे बाजार में अस्थिरता और चिंता बढ़ गई है और त्वरित बातचीत से किसी अनुकूल नतीजे की उम्मीदों को झटका लगा है। इससे अमेरिका सहित दुनियाभर के देशों में मंदी का खतरा बढ़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय बाजारों में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार की सुबह एक बुरे सपने जैसी रही। जैसे ही बाजार खुला, सेंसेक्स लगभग 4,000 अंक लुढ़क गया और निफ्टी 21,750 के नीचे चला गया। सुबह 9.50 बजे तक सेंसेक्स 2,752 अंक की गिरावट के साथ 72,613 पर और निफ्टी 882 अंक टूटकर 22,022 पर आ गया। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में तो 13 फीसदी तक की गिरावट के साथ बाजार लगातार गिरती गई।
जानकारों का कहना है कि यह गिरावट सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। दुनियाभर के शेयर बाजारों में इसका जबर्दस्त असर है। एशिया, यूरोप और अमेरिका सभी के प्रमुख बाजारों में तेज गिरावट आई है। जापान का निक्केई 7 प्रतिशत टूटा, ताइवान वेटेड 10 प्रतिशत गिरा और अमेरिकी बाजारों में 5.50 प्रतिशत और नसाडा 5.73 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज हुई। इस वैश्विक गिरावट का सीधा असर भारत जैसे उभरते बाजारों पर पड़ा, जिससे भारतीय निवेशक भी घबरा गए हैं। इससे बिकवाली तेज हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका की मौजूदा नीतियां बनी रहीं, तो यह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल सकती हैं। भारत को भले ही सीधे तौर पर उतना नुकसान न हो, लेकिन वैश्विक मंदी का असर यहां भी जरूर दिखेगा।
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