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चैती मेला: जो शाखें नींम की हैं, अब उन्हें चंदन बनाना है...

Lakhimpur-khiri News - गोला गोकर्णनाथ में ऐतिहासिक चैती मेला के सांस्कृतिक मंच पर जवाबी कव्वाली का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि भाजपा नेता धर्मेन्द्र गिरि मोंटी ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। कव्वाल शरीफ परवाज और नेहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीTue, 15 April 2025 02:15 AM
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चैती मेला: जो शाखें नींम की हैं, अब उन्हें चंदन बनाना है...

गोला गोकर्णनाथ। ऐतिहासिक चैती मेला के सांस्कृतिक मंच पर दसवें दिन हुई जवाबी कव्वाली शरीफ परवाज कानपुर, नेहा सुल्तानपुरी उन्नाव की जवाबी कव्वाली का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि भाजपा नेता धर्मेन्द्र गिरि मोंटी, विशिष्ट अतिथि श्रमिक कल्याण समिति के अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, व्यापार मण्डल नगर अध्यक्ष पारस प्रसाद मिश्रा, व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष अरुण अवस्थी,कार्यक्रम अध्यक्ष बैजनाथ अग्निहोत्री और पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ल रिंकू ने दीप जलाकर किया। पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला रिंकू ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेला चैती गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल है। कानपुर के कव्वाल शरीफ परवाज ने कार्यक्रम की शुरुआत शेर पढ़कर की-वतन की सरजमी को अमन का दर्पण बनाना है, जो शाखें नीम की हैं अब उन्हें चंदन बनाना है। हमें जल्दी निकालो मंदिर, मस्जिदों के झगड़ों से, हमें बच्चों के मुस्तकबिल को भी रौशन करना है। शेर का जबाब उन्नाव की नेहा सुल्तानपुरी ने कुछ यूं दिया- क्या क्या बनाने आये थे, क्या क्या बना बैठे, कहीं मंदिर बना बैठे कहीं मस्जिद बना बैठे। हमसे तो अच्छी एक परिंदे की जात है, कभी मंदिर पे जा बैठे कभी मस्जिद पे जा बैठे। शरीफ परवाज ने कुछ यूं बयां किया-सारी दुनिया का मालिक है तू, मेरे दिल की है ये आरजू, नफरतें अब दिलों से मिटा दे। उसके बाद शरीफ परवाज ने अपने कलाम में कहा- जन्नत का करेंगे हम दीदार मदीने में, हम सबको बुलायेंगे सरकार मदीने में। शरीफ परवाज ने गजल पेश की-क्या बात है बता दो, फिर चाहे जो सजा दो, तुमको कसम है मेरी एक बार मुस्कुरा दो। नेहा सुल्तानी ने यूं गजल पेश की- दर्द मीठा मीठा सा दिल में यार होता है। प्यार जब जबानी में पहली बार होता है।

चैती मेला में मुशायरा आज

छोटी काशी के ऐतिहासिक मैला चौती के सांस्कृतिक मंच पर 15 अप्रैल को रात आठ बजे से कुल हिंद मुशायरा होगा। मुशायरा संयोजक मधुकर शैदाई ने बताया कि मंगलवार की शाम को होने वाले कुल हिंद मुशायरा में मैकश अमरोहवी (अमरोहा), शकील आजमी (मुम्बई महाराष्ट्र), नदीम फर्रूक (गंज डुडवारा, ऐटा), खुर्शीद हैदर (मुजफ्फर नगर), शायरा मुमताज नशीम (अलीगढ़) मुजहत अंजुम (गोरखपुर), अलीशा मेराज खान (सीतापुर), शायर कुंवर जावेद (कोटा राजस्थान) और सज्जाद झंझट(रुड़की उत्तराखंड) अपनी शेरो शायरी पेश करेंगे।

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