ढीली पैंट बनाम फटी पैंट, हाफ पैंट में ही साइन ऑन करने पहुंच गया रेलवे का गार्ड; जानें मामला
आदेश मिलने के बाद गार्ड मजबूरन हाफ पैंट पहनकर लॉबी में साइन ऑन करने पहुंच गया। मालगाड़ी लेट थी, ऐसे में गार्ड ने जंक्शन के बाहर जाकर जींस पैंट खरीदी और उसे पहनकर मालगाड़ी में सवार हुआ। फरवरी 2023 में सहायक परिचालन प्रबंधक ने रिपोर्ट दी थी कि गार्ड की ढीली पैंट रेल संरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है

ढीली पैंट पहनकर गार्ड द्वारा ट्रेनों में ड्यूटी करना जहां संरक्षा से खिलवाड़ बताया गया है, वहीं, दूसरी ओर गोरखपुर आए एक गार्ड को फटी पैंट में ही ड्यूटी करने का आदेश जारी कर दिया गया। गुरुवार की रात छपरा से गोरखपुर तक मालगाड़ी में ड्यूटी कर आए एक गार्ड ने ड्यूटी के दौरान पैंट फट जाने की दलील देकर मेमो के जरिए ड्यूटी में असमर्थता जताई। मेमो को देख क्रू नियंत्रक ने उसी मेमो पर लिख दिया कि सहायक परिचालन प्रबंधक (मूवमेंट) के निर्देशानुसार आपको फटी पैंट में ही ड्यूटी करनी होगी। आदेश मिलने के बाद गार्ड मजबूरन हाफ पैंट पहनकर लॉबी में साइन ऑन करने पहुंच गया। चूंकि मालगाड़ी लेट थी, ऐसे में गार्ड ने जंक्शन के बाहर जाकर जींस पैंट खरीदी और उसे पहनकर मालगाड़ी में सवार हुआ।
फरवरी 2023 में सहायक परिचालन प्रबंधक ने निरीक्षण के बाद रिपोर्ट दी थी कि गार्ड की ढीली पैंट रेल संरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है, इससे ट्रेन के संचालन के दौरान ध्यान भंग होने का खतरा हो सकता है। रेलवे अफसर की इस टिप्पणी ने महकमे में खलबली मचा दी थी। कई ने अपनी पैंट भी ठीक करा ली।
दरअसल, फरवरी 2023 में सहायक परिचालन प्रबंधक ट्रेन की जांच करने निकले थे। निरीक्षण के दौरान वह गार्ड के पास पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यूनिफार्म की पैंट को लेकर काफी नाराजगी जताई थी। कहा कि ढीली पैंट रेल संरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है।
अधिकारियों का ऐसा निर्देश निंदनीय
ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल पूर्व जोनल सेक्रेटरी शीतल प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों के पहनावे का प्रभाव न केवल उनकी व्यक्तिगत, बल्कि रेलवे की सामूहिक छवि पर भी पड़ता है। यह न केवल रेलवे की गरिमा बल्कि सामान्य एवं सहायक नियमों के उल्लंघन से भी जुड़ा है। ट्रेन मैनेजर को फटी पैंट पहनकर कार्य करने का निर्देश देना न केवल रेलवे की छवि को धूमिल करता है, बल्कि रेलवे के सामान्य नियम (जीआर) 2.10/ पेज नं. 11 का भी सीधा उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि रेल सेवक साफ-सुथरे एवं निर्धारित यूनिफॉर्म में अपनी ड्यूटी का निर्वहन करेगा। ट्रेन मैनेजर को यात्रियों से सीधा संवाद करना पड़ता है, जिससे उनका पहनावा रेलवे की प्रतिष्ठा को दर्शाता है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा ऐसा निर्देश देना निंदनीय है।