आतंकियों के खिलाफ जरूरत पड़े तो और कठोर निर्णय लिए जाएं : अखिलेश
Lucknow News - समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आतंकवाद के खिलाफ राजनीतिक एकता की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी को इस घटना का राजनीतिक लाभ नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से आंतकियों पर...

कोई भी राजनीतिक दल इस आतंकी घटना पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश न करे लखनऊ, विशेष संवाददाता
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी आंतकियों से निपटने के लिए केंद्र द्वारा घोषित कठोर निर्णयों के साथ है। पार्टी चाहती है कि इन निर्णयों का कठोरता से पालन कराया जाए। अभी जरूरत पड़े तो और कड़े निर्णय लिए जाएं।
अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल इस आतंकी घटना पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश न करें। कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और सभी दलों को एकजुट होकर आतंक के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भड़काऊ और टार्गेटेड कंटेंट पर सख़्ती से नज़र रखे और ज़रूरत पड़े तो कार्रवाई भी करे। अखिलेश यादव ने ‘अग्निवीर योजना की चर्चा करते हुए कहा कि देश के युवा इस योजना के पक्ष में नहीं हैं। वे स्थायी और सुरक्षित नौकरी चाहते हैं, जिससे उनका भविष्य सुनिश्चित हो सके। सरकार अग्निवीर योजना के पीछे कम खर्च की बात कह रही है। देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और उसके लिए जितना भी बजट खर्च करना पड़े, करना चाहिए।
सपा प्रमुख ने कहा कि भारत सरकार यह देखे कि कोई फेक न्यूज न चले। आतंकवादियों को कोई धर्म नहीं होता है। ऐसे आतंकवादियों के साथ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। यह देश का सवाल है, यह भारत, हिंदुस्तान, इंडिया का सवाल है। उन्होंने कहा कि वह कानपुर के शुभम द्विवेदी के घर नहीं जा रहे हैं। सपा के नेता वहां जाएंगे। भाजपा वहां कुछ भी करा सकती है, इसलिए हम सावधान हैं। विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से जुड़े एक सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा उनसे कोई परिचय नहीं है। इससे अखिलेश यादव व राजा भैया के बीच तल्खी के संकेत मिलते हैं।
एयरलाइन्स की मनमानी रोके सरकार
अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसी त्रासदी के समय पर्यटकों से एयरलाइन्स द्वारा मनमाना किराया वसूलना किसी भी तरह से जायज़ नहीं ठहराया जा सकता है। सरकार स्पष्ट करे कि ‘बेतहाशा किराया वसूली के मामले में सरकार की कोई ज़िम्मेदारी बनती है या नहीं। किराये से संबद्ध टैक्स तो सरकार के पास ही जाता है, इसका मतलब तो जनता यही समझती है कि ये सब सरकार की मिलीभगत से हो रहा है। यह घोर आपत्तिजनक है।
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