डीएम का आरटीओ दफ्तर पर छापा, आठ दलाल दबोचे, समानंतर चल रहा दफ्तर सील
Lucknow News - ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में लर्निंग ड्राईविंग लाइसेंस बनाने के लिए अवैध तरीके से चल रहे सेंटर पर डीएम विशाख जी ने छापा मारा। आठ दलालों को हिरासत में लिया गया और परिसर को सील कर दिया गया।...

ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में लर्निंग ड्राईविंग लाइसेंस बनाने की समानांतर व्यवस्था चल रही थी। दफ्तर के सामने एलडीए के कामर्शियल कॉम्पलेक्स में लर्निंग डीएल बनाए जा रहे थे। शुक्रवार को डीएम विशाख जी ने डीसीपी निपुण अग्रवाल के साथ अचानक छापा मारा तो कलई खुल गई। परिसर के सभी गेट बंद कर दिये गये। चंद मिनटों में पूरा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। जांच के दौरान पुलिस ने आठ दलालों को हिरासत में लिया। एक के खिलाफ तहरीर दी गई है। डीएम के निर्देश पर ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर ने पूरे कॉम्प्लेक्स में सभी सेंटर की जांच की, लेकिन किसी भी दुकान में जन सेवा केंद्र के लाइसेंस का नहीं पाया गया। एलडीए ने पूरे कॉम्प्लेक्स को सील कर दिया। कुछ दलाल शटर गिराकर भाग गए। डेढ़ माह में आरटीओ कार्यालय पर दूसरी बार छापा मारा गया है। इससे पहले तत्कालीन डीएम सूर्यपाल गंगवार ने भी जांच की थी।
डीएम दोपहर करीब 12.45 बजे पहुंचकर आरटीओ कार्यालय का बारीकी से निरीक्षण किया। अधिकारियों से कार्यालय में काम करने आने वाले आवेदकों के लिए दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। डीएम ने बताया कि परिवहन विभाग की 53 सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसके बाद भी कुछ बिचौलिए इसमें सक्रिय है, जो आवेदकों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। इसका इनपुट मिला था। उन्होंने बताया कि आरटीओ ऑफिस के सामने दुर्गा कॉम्प्लेक्स में कई जनसेवा केंद्र बिना लाइसेंस लिए संचालित मिले हैं। जिसके बाद एलडीए फायर सेफ्टी की टीम द्वारा कॉम्प्लेक्स को सील कर दिया। उन्होंने बताया कि आरटीओ संजय कुमार तिवारी और अफसरों के साथ बैठक की गई है। हमारी कोशिश है कि इन बिचौलियों को हटाया जाए। इस मौके पर एआरटीओ प्रशासन पीके सिंह, आरआई विष्णु कुमार समेत सभी अफसर व कर्मचारी मौजूद रहे।
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चलाएं जागरूकता कार्यक्रम
डीएम विशाख जी ने कहा कि परिवहन विभाग की 53 सेवाएं यूपी में ऑनलाइन हैं। इन सेवाओं की जानकारी आवेदकों को दी जाए, जिससे कोई भी बिचौलिया उनसे अवैध वसूली ना कर सके। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सेवाओं में बिचौलियों की सक्रियता को खत्म किया जाए।
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कुछ ही दिन में हट गई थी सख्ती, सक्रिए हो गए दलाल
लर्निंग लाइसेंस में आरटीओ ऑफिस के बाहर सक्रिय दलालों के खिलाफ तत्कालीन डीएम सूर्यपाल गंगवार ने जेसीपी एलओ के साथ सात जनवरी को छापा मारा था। उन्होंने आरटीओ संजय कुमार तिवारी को निर्देश दिए थे कि इन सक्रिय दलालों पर अंकुश लगाएं। आरटीओ ऑफिस में आने वाले वाहनों की निगरानी की जाए। कोई संदिग्ध दिखे तो उसकी सूचना पुलिस को दें। साथ ही पुलिस को भी निर्देश दिया था कि बाहर सक्रिय दलालों पर नजर बनाकर रखें, जिससे आवेदकों को बचाया जा सके। यह सख्ती बमुश्किल दो सप्ताह तक तो रही, उसके बाद फिर से पुरानी स्थिति में कामकाज शुरू हो गया।
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दो महीने एक भी कार्रवाई नहीं, छापा पड़ा तो मिला एक संदिग्ध
तत्कालीन डीएम सूर्यपाल गंगवार ने आरटीओ को निर्देश दिए थे कि संदिग्धों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया जाए। दो महीने का समय बीत गया और एक भी चेकिंग अभियान नहीं चला और ना ही कोई संदिग्ध पकड़ा गया। शुक्रवार को जब डीएम ने छापा मारा तो एक संदिग्ध की संलिप्तता पाई गई। आरटीओ संजय कुमार तिवारी ने बदालीखेड़ा के सत्यलोक कॉलोनी निवासी पुरूषोत्तम त्रिवेदी के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है। उसके ऊपर अनधिकृत रूप से काम कराने और आवेदकों को बरगलाने का आरोप लगा है।
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