अनिश्चितकालीन अनशन के दबाव में टूटा पांच माह का गतिरोध
Lucknow News - - पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने संघर्ष समिति से की बातचीत लखनऊ, विशेष संवाददाता। पूर्वांचल

पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत विरतण निगम के निजीकरण के खिलाफ बीते पांच महीने से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आंदोलन का गतिरोध सोमवार को टूट गया। संघर्ष समिति के अनिश्चितकालीन अनशन के दबाव में पांच महीने में पहली बार कॉरपोरेशन प्रबंधन ने संघर्ष समिति पदाधिकारियों से निजीकरण के मसले पर बातचीत की। संघर्ष समिति ने सार्थक बातचीत का माहौल बनाने के लिए उत्पीड़न की सभी कार्रवाई वापस लेने की मांग की। शक्ति भवन पर क्रमिक अनशन चौथे दिन भी जारी रहा। क्रमिक अनशन के तीसरे दिन, रविवार की रात में संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का शुगर लेवल गिर गया और बीपी बढ़ गया था।
देर रात से ही पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन और पुलिस अनशन तोड़वाने की कोशिश करती रही, लेकिन वह बातचीत शुरू होने के पहले अनशन समाप्त करने को राजी नहीं हुए। आखिरकार सोमवार को चेयरमैन को गतिरोध तोड़ते हुए बातचीत के लिए बुलाना पड़ा। संघर्ष समिति ने निजीकरण की एकतरफा कार्रवाई पर ऐतराज जताया। इस पर पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने उनसे कहा कि सुधार की प्रक्रिया पर कदम उठाना सरकार का काम है। कॉरपोरेशन ने बातचीत के दौरान एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी दिया, जिसके आंकड़ों पर संघर्ष समिति ने सवाल खड़े कर दिए। संघर्ष समिति ने कहा कि बातचीत के लिए व्यापक माहौल बनाया जाए। निजीकरण के नाम पर उत्पीड़न की कार्रवाई वापस लेने की मांग की। नौकरी से निकाल दिए गए 25,000 संविदा कर्मचारियों को वापस नौकरी में लेने की मांग रखी। फेशियल अटेंडेंस के नाम कर्मचारियों की रोकी गई तनख्वाह जारी की जाए। कर्मचारियों ने बंद रखी घरों की बत्ती निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने सोमवार रात को एक घंटा तक अपने घरों की बत्ती बंद करके निजीकरण का विरोध किया। उन्होंने उपभोक्ताओं को संदेश दिया कि निजीकरण के बाद बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि वह उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो जाएगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।