लखनऊ में बगैर फायर एनओसी के चल रहे 2500 होटल
Lucknow News - 135 होटल को जारी किया गया नोटिस, सौ से ज्यादा पर चल रहा मुकदमा 80

लखनऊ के 2500 होटल आग के मुहाने पर हैं। इनमें से किसी के पास फायर एनओसी नहीं है। अग्निशमन विभाग ने केवल 93 होटल को ही फायर एनओसी जारी की है। बाकी सब अपने हिसाब चल रहे हैं। मनमानी का आलम यह है कि नोटिस का जवाब भी नहीं देते। अग्निशमन विभाग के अधिकारी भी कई नोटिसों के बावजूद थकहार कर बैठ जाते हैं? होटल एसोसिएशन के मुताबिक 2500 छोटे और 100 बड़े होटल लखनऊ में हैं। पता चला है कि अग्निशमन विभाग ने 135 होटल संचालकों को नोटिस जारी की है और 80 का लाइसेंस निरस्त करने के लिए डीएम को पत्र भेजा है।
राज होटल अग्निकांड के बाद हुई थी होटलों की जांच राज होटल में 9 जुलाई 2024 को शार्ट सर्किट से आग लग गई थी। लपट के बीच 30 से अधिक लोग होटल में फंस गए थे। अग्निशमन कर्मियों ने सभी को समय रहते बाहर निकाल लिया था। सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि पहले समय-समय पर होटलों की जांच होती थी। राज होटल में आग लगने के बाद सभी एफएसओ से नियमित अंतराल पर होटल के जांच करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण में जिन होटलों में आग से बचाव के इंतजाम न मिलें, उनको नोटिस जारी की गई थी। दो किमी के दायरे में 125 होटल चारबाग में कई होटल गलियों में चल रहे हैं। दो किमी के दायरे में 125 होटल हैं। इन होटलों में आग से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है। कई होटल ऐसे हैं, जहां फायर एस्टिंग्यूशर भी नहीं है। इन होटलों में हादसा हो जाए तो अग्निशमन विभाग द्वारा राहत कार्य चलाना तो दूर दमकल का पहुंचा ही मुश्किल हो जाएगा। फिर भी यह होटल घड़ल्ले से चल रहे हैं। 100 से अधिक प्रतिष्ठानों पर चल रहा मुकदमा मानक के विपरीत बने होटल, मैरिज लॉल व अपार्टमेंट संचालक समेत 100 से अधिक के खिलाफ न्यायालय में मुकदमे चल रहे हैं। इनके भवन स्वामियों को अग्निशमन विभाग पहले भी कई नोटिस जारी कर चुका था। इसके बाद भी व्यवस्था में कोई सुधार न होने पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि नई नियमावली यूपी अग्निशमन तथा अपात सेवा अधिनियम 2022 के तहत कार्रवाई के लिए पैरवी की जाएगी। बिना एनओसी वाले होटलों में यह खामियां - कई होटलों में निकास और प्रवेश दोनों द्वार नहीं है। एक ही गेट से दोनों व्यवस्थाएं हैं। - कहीं समोक सेंसर और तो कहीं वेंटीलेशन की दिक्कते हैं। - इन होटलों में पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। - चारबाग गुरुनानक मार्केट स्थित संगम, शुभम, रेवड़ी मंडी के होटल में तो तीन फिट के जीने बने हैं। - तमाम होटलों में सालों से इलेक्ट्रिकल आडिट नहीं हुई। कोट शहर में होटलों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। वर्तमान समय में शहर में सौ बड़े व 2500 छोटे होटल हैं। श्याम कृष्णानी, सचिव लखनऊ होटल एसोसिएशन मोहन होटल की बिजली कटी चारबाग स्थित मोहन होटल में शनिवार रात आग लगने से उसमें ठहरे 30 लोगों की जान सांसत में आ गई थी। होटल में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं थी। अग्निशमन विभाग ने पहले ही होटल को तीन नोटिस जारी कर मानक के अनुरूप आग से बचाव के इंतजाम पूरे करने के लिए कहा था। इसके बाद भी संचालक द्वारा व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया गया था। सोमवार को मोहन होटल को चलाने के लिए लाइसेंस लिया न फायर एनओसी शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। सीएफओ मंगेश कुमार ने खबर का संज्ञान लेकर सोमवार को बिजली विभाग को मोहन होटल की बिजली काटने के लिए पत्र लिखा। पत्र संज्ञान में लेकर बिजली विभाग द्वारा देर शाम मोहन होटल की बिजली काट दी गई। बिजली कटने के बाद अब नहीं आएंगे मेहमान सीएफओ मंगेश कुमार का कहना है कि बिजली कनेक्शन कटने के बाद मोहन होटल में कोई मेहमान ठहरने नहीं जाएगा। होटल में जब कोई आएगा ही नहीं तो किसी के जान- माल का खतरा भी नहीं रहेगा। होटल संचालक द्वारा अग्निशमन की व्यवस्था मानक के अनुरूप कराए जाने के बाद ही अब बिजली कनेक्शन जुड़ेगा।
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