अतिक्रमण से लखनऊ बेहाल, माननीयों की शिकायतें भी बेअसर
Lucknow News - लखनऊ में अतिक्रमण की समस्या विकराल होती जा रही है, जिससे जनता और जनप्रतिनिधियों में नाराजगी बढ़ रही है। विधायक और विधान परिषद सदस्य नगर निगम की लापरवाही को लेकर कई बार सवाल उठा चुके हैं, लेकिन कोई ठोस...

विधायक और विधान परिषद सदस्यों ने उठाई आवाज, नगर निगम पर लापरवाही के आरोप लखनऊ। विजय वर्मा राजधानी में अतिक्रमण की समस्या लगातार विकराल होती जा रही है। सड़कें सिकुड़ती जा रही हैं, ट्रैफिक जाम आम हो गया है। सार्वजनिक स्थल निजी कब्जे में तब्दील होते जा रहे हैं। स्थिति यह है कि अब आम जनता ही नहीं, विधायक और विधान परिषद सदस्य भी इससे परेशान हैं। उनकी शिकायतों पर भी सुनवाई नहीं हो रही है। विधानसभा और विधान परिषद में अतिक्रमण को लेकर कई बार सवाल उठाए जा चुके हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही।
शिकायतें सिर्फ फाइलों तक सीमित रह गई हैं और नगर निगम द्वारा भेजी गई रिपोर्टों को जनप्रतिनिधियों ने ‘आई वाश कहकर खारिज कर दिया है। ------- ------- केस 1: विजय बहादुर पाठक की शिकायत विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने लखनऊ के कई इलाकों में अतिक्रमण की शिकायत की है। इस पर विधान परिषद के विशेष सचिव ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर विस्तार से रिपोर्ट तलब की है। अतिक्रमण के कारण यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है और जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ---- केस 2: दिनेश कुमार गोयल का पत्र विधान परिषद सदस्य दिनेश कुमार गोयल ने भी अतिक्रमण को लेकर विधान परिषद में पत्र दिया। उन्होंने कहा कि शहर के प्रमुख मार्गों पर दुकानों और ठेलों ने कब्जा कर लिया है, जिससे यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है। उन्होंने अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम को ठोस कदम उठाने की मांग की है। ------ केस 3: विधायक डॉ. ओपी श्रीवास्तव की नाराजगी लखनऊ पूर्वी से विधायक डॉ. ओपी श्रीवास्तव ने विधानसभा में पत्र देकर सार्वजनिक स्थलों पर अवैध दुकानों व ठेलों की बात उठाई। उन्होंने लिखा है कि नगर विकास विभाग ने उन्हें जो रिपोर्ट दी है, वह केवल औपचारिकता निभाने वाली है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। रिपोर्ट केवल आई वाश है। केस 4: अंगद कुमार सिंह व अरुण पाठक की चिंता विधान परिषद सदस्य अंगद कुमार सिंह और अरुण पाठक ने अयोध्या राजमार्ग पर तिवारीगंज चौराहे सहित कई इलाकों में अतिक्रमण को गंभीर समस्या बताया। उन्होंने विधान परिषद में कहा कि इससे न सिर्फ जाम की स्थिति बन रही है, बल्कि आमजन को भी भारी परेशानी हो रही है। ------- अतिक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके लखनऊ के आशियाना, बंग्ला बाजार, जोनल पार्क, खजाना चौराहा, स्काई हिल्टन, अलीगंज, इंदिरा नगर, गोमती नगर, लालबाग, कैसरबाग, आलमबाग, तेलीबाग, चारबाग, कैसरबाग और अमीनाबाद, नाका, राजाजीपुरम जैसे क्षेत्र अतिक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। शाम के समय इन इलाकों में पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। -------- नगर निगम पर उठे सवाल नगर निगम पर आरोप है कि वह अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है। सुबह कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाया जाता है, लेकिन कुछ ही देर में दोबारा कब्जा हो जाता है। यहां तक कि विधानसभा सचिव और विशेष सचिव द्वारा 22 और 28 अप्रैल को नगर निगम को रिपोर्ट देने के लिए पत्र भेजे गए, फिर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। ------- माननीयों की आवाज भी अनसुनी अब हालात यह हो गए हैं कि आम जनता की तो बात दूर, माननीयों की शिकायतें भी अनसुनी की जा रही हैं। विधायक और विधान परिषद सदस्य बार-बार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकल रहा। इससे न केवल जनप्रतिनिधियों में नाराजगी बढ़ी है, बल्कि प्रशासनिक निष्क्रियता भी उजागर हो रही है। फोटो है वर्जन का नगर निगम अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार अभियान चला रहा है। पुलिस और नगर निगम के संयुक्त रूप से अभियान चलने की जरूरत है। जहां नगर निगम ने अतिक्रमण हटाकर पुलिस को जिम्मेदारी दे दी है, वहां पुलिस को इसे रोकना है। पिछले कुछ महीनो में नगर निगम ने 162 स्थानों पर अतिक्रमण हटाया है। पंकज श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त
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