Protests Against Privatization of Power Corporations in Uttar Pradesh निजीकरण पर बढ़ेगा टकराव, जेई संगठन भी आंदोलन में शामिल, Lucknow Hindi News - Hindustan
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निजीकरण पर बढ़ेगा टकराव, जेई संगठन भी आंदोलन में शामिल

Lucknow News - पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में संघर्ष समिति ने 29 मई से कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। यह आंदोलन केवल निजीकरण के खिलाफ है और उपभोक्ताओं को कोई परेशानी नहीं होने...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 26 May 2025 07:57 PM
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निजीकरण पर बढ़ेगा टकराव, जेई संगठन भी आंदोलन में शामिल

- पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में 29 मई से होना है कार्य बहिष्कार - संघर्ष समिति ने किया साफ, आंदोलन केवल निजीकरण के खिलाफ, उपभोक्ताओं को नहीं होगी परेशानी लखनऊ, विशेष संवाददाता पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन में अब पावर कॉरपोरेशन और राज्य विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति में टकराव के आसार बढ़ गए हैं। छह महीने से चले आ रहे आंदोलन से अब तक दूरी बनाए रहे जेई संगठन ने भी अब संघर्ष समिति से हाथ मिला लिया है। वह भी 29 मई से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार में शामिल होगा।

संघर्ष समिति ने साफ किया है कि आंदोलन निजीकरण के खिलाफ है, उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन 29 मई से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार विफल करने की कोशिशों में जुटा है। इसी मकसद से बीते दिनों उसने संविदा कर्मचारियों और फिर जेई संगठन से बातचीत की थी। वहीं, संघर्ष समिति आंदोलन को प्रभावी बनाने और इसके उद्देश्य को समझाने में जुटी है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि आंदोलन से अब तक दूर रहा जेई संगठन भी अब संघर्ष समिति के साथ है। उन्होंने बताया कि रविवार देर रात जेई संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया है कि निजीकरण के विरोध में संघर्ष समिति और जूनियर इंजीनियर्स संगठन आपसी सामंजस्य बनाकर आंदोलन की रूप रेखा बनाएंगे और आंदोलन के सभी कार्यक्रम साथ मिलकर करेंगे। इसके बाद यह तय हो गया है कि तकरीबन साढ़े सात हजार जेई कार्य बहिष्कार में शामिल होंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि इस दौरान किसी भी उपभोक्ता को दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। हमारा संघर्ष निजीकरण के खिलाफ है। हम किसी भी सूरत में निजीकरण स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंधी-पानी से बेपटरी हुई बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए बिजली कर्मचारियों को संगठन ने भी निर्देश दिए हैं। संगठन चाहता है कि बिजली व्यवस्था ठीक हो ताकि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। संघर्ष समिति ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा की प्रांतीय समिति ने भी संघर्ष समिति की नीतियों से सहमति जताते हुए निजीकरण के विरोध चल रहे आंदोलन का समर्थन किया है। पावर कॉरपोरेशन से असहयोग शुरू सोमवार से संघर्ष समिति ने पावर कॉरपोरेशन का असहयोग शुरू कर दिया है, यह बुधवार तक जारी रहेगा। गुरुवार से संगठन कार्य बहिष्कार की तरफ बढ़ जाएगा। संघर्ष समिति ने तय किया है कि कर्मचारी कॉरपोरेशन प्रबंधन का असहयोग करते रहेंगे। कार्यालय अवधि के बाद न तो उनकी किसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होंगे न समीक्षा बैठकों में प्रतिभाग करेंगे। हालांकि, इस दौरान उपभोक्ताओं की समस्याओं को सुना जाएगा। उन्हें दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। सोमवार को सभी जिलों और परियोजना कार्यालयों पर विरोध सभाएं हुईं। पावर कॉरपोरेशन थोपना चाहता है हड़ताल संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मचारियों ने अब तक हड़ताल का कोई नोटिस नहीं दिया है। हालांकि पावर कॉरपोरेशन हर वह हथकंडा आजमाने में जुटा है, जिससे कि हड़ताल थोपी जाए। जिलों और शासन में पत्राचार कर के हड़ताल का माहौल बनाया जा रहा है। नोटिसें दी जा रही हैं। संविदा कर्मचारियों पर कार्रवाई हो रही है और बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं को धमकाया जा रहा है। संघर्ष समिति बार-बार साफ कर रही है कि अस्पताल, रेलवे, पेयजल जैसी आवश्यक सेवाओं की बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं होने दिया जाएगा। आम जनता की समस्याओं को सुना और दूर किया जाएगा। ----------- समस्या पैदा करने वाले कर्मचारियों को चिह्नित करें - पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने सोमवार को वर्चुअल समीक्षा बैठक में अधिकारियों को आदेश दिए कि आंदोलन के दौरान समस्या पैदा कर सकने वाले कर्मचारियों को चिह्नित कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारियों को एडवाइजरी जारी की जाए और कर्मचारियों की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाई जाए ताकि जरूरत पड़े तो इन कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा सके। मुख्य अभियंताओं तक से विद्युत आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली, नए कनेक्शन की स्वीकृति, बिल संशोधन और बिल वितरण आदि कामों में कोई शिथिलता नहीं आनी चाहिए। जहां कहीं भी लापरवाही हो, वहां फौरन कार्रवाई की जाए। कार्यालयों में बायोमीट्रिक उपस्थिति व्यवस्था लागू की जाए। मई से वेतन आहरण इसी व्यवस्था से किया जाए। अध्यक्ष ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में रिफॉर्म प्रदेश की बेहतरी के लिए किए जा रहे हैं। इसमें कर्मचारियों के हित भी पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। किसी भी संगठन को शांतिपूर्ण ढंग से उपभोक्ताओं को बिना असुविधा पहुंचाए विरोध करने का हक है, लेकिन विद्युत व्यवस्था में व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने से लेकर उनकी बर्खास्तगी तक की जा सकती है। सरकार कैसे विद्युत व्यवस्था चलाएगी, नीति क्या होगी यह किसी भी कर्मचारी संगठन का अधिकार नहीं है। आंदोलित संगठनों ने घोषणा की है कि वे ऐसा कोई काम न करें, जिससे विद्युत आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हो। हालांकि उन्होंने सभी अधिकारियों को उपकेंद्र तक सभी आवश्यक वैकल्पिक तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गर्मियों में विद्युत व्यवस्था सुचारू रहे इसके लिए पूरी सावधानी बरतें।

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