पर्चा लीक कराने की साजिश में केकेसी का सहायक प्रोफेसर गिरफ्तार
Lucknow News - सहायक प्रोफेसर भर्ती परीक्षा का पर्चा देने के नाम पर वसूली की आरोपित ने 41

-सहायक प्रोफेसर भर्ती परीक्षा का पर्चा देने के नाम पर वसूली की आरोपित ने -41 अभ्यर्थियों से वसूली कर ली थी, प्रति व्यक्ति 35 लाख रुपये में तय किया था रेट
-एक लाख रुपये और बरामद, कई दस्तावेज बरामद
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की 16 व 17 अप्रैल को आयोजित की गई सहायक प्रोफेसर भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कराने की साजिश हुई थी। एसटीएफ ने इस साजिश में शामिल लखनऊ के केकेसी का सहायक प्रोफेसर विपिन कुमार यादव को गिरफ्तार कर सोमवार को यह खुलासा किया। उसने परीक्षा से पहले ही 41 अभ्यर्थियों को पर्चा लीक कराकर देने के नाम पर बड़ी रकम वसूल ली थी।
विपिन खुद को चयन आयोग का कर्मचारी बताता था ताकि लोगों को विश्वास हो जाए। उसने प्रति अभ्यर्थी 35 लाख रुपये तय किए थे और किसी से दो लाख तो किसी से पांच-पांच लाख रुपये बतौर एडवांस वसूले थे। उसके पास एक लाख रुपये बरामद हुए है। इस फर्जीवाड़े में और कौन लोग शामिले थे, इस बारे में एसटीएफ पता लगा रही है।
तीन साल पहले सहायक प्रोफेसर बना था आरोपी
एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह के मुताबिक, विपिन यादव मूल रूप से जौनपुर के मुंगराबाद शाहपुर का है। वह वर्ष 2022 में सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित हुआ था। वह गोमती इन्क्लेव अवध बिहार योजना में रहने लगा था। उसने 16 व 17 अप्रैल को हुई सहायक प्रोफेसर भर्ती परीक्षा का पर्चा आउट कराकर उसे देने के नाम पर कई अभ्यर्थियों से सम्पर्क किया था।
पर्चा आउट नहीं हो पाने पर पास कराने का झांसा दिया
एएसपी के मुताबिक विपिन परीक्षा के दो दिन पहले पर्चा आउट कराने के इरादे से प्रयागराज पहुंचा था। वहां उसने अपने परिचितों के साथ पर्चा आउट कराने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुआ। इस पर उसने अभ्यर्थियों को झांसा दिया कि वह लोग परीक्षा में बैठ जाएं और अपनी ओएमआर शीट सादा छोड़ दें। वह उन्हें पास करा लेगा। उसने अभ्यर्थियों से एडवांस के तौर पर कुछ रकम ले ली। साथ ही उसने बाकी रकम लेने के लिए अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र जमा करा लिया था।
चयन आयोग का कर्मचारी बताकर झांसे में लिया
एएसपी लाल प्रताप सिंह ने बताया कि विपिन कुमार यादव अभ्यर्थियों से अपना परिचय शिक्षा सेवा चयन आयोग के कर्मचारी के रूप में देता था ताकि लोग आसानी से उसकी बातों पर विश्वास कर लें। वह सबको अपना नाम अनिल यादव बताता था। इस नाम से उसने फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखा था। विपिन के खिलाफ चिनहट कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। इस परीक्षा का फर्जी प्रश्नपत्र देकर अभ्यर्थियों से वसूली करने में तीन लोग महबूब, बैजनाथ और विनय पाल दो दिन पहले ही गिरफ्तार किए गए थे।
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