34 औद्योगिक क्षेत्रों से नगर निगम के बजाए अब यूपीसीडा वसूलेगा सेवा शुल्क
Lucknow News - उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) अब राज्य के 34 औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी नगरीय सुविधाएं विकसित करेगा। यह कार्य पहले नगर निगमों का था, लेकिन अब यूपीसीडा इसकी जिम्मेदारी...

लखनऊ। विशेष संवाददाता। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) अब राज्य के 34 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी नगरीय सुविधाएं विकसित करेगा। इसके साथ ही वहां रहने वाले श्रमिकों व अन्य नागरिकों से रखरखाव शुल्क या सेवा शुल्क वसूलेगा। यह काम अभी तक नगर निगमों के जिम्मे था। अब यह जिम्मेदारी यूपीसीडा के पास आ गई है। यूपीसीडा की दरें नगर निगम द्वारा वसूली जाने वाली दरों से ज्यादा नहीं होंगी। • मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई बैठक में नगर निगम से प्राप्त औद्योगिक क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं एवं म्यूनिस्पल्टी सर्विस उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया। इसके साथ ही यूपीसीडा का 2025-26 का ₹6190 करोड़ रुपये का बजट पास हो गया।
पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 34 औद्योगिक क्षेत्रों की जिम्मेदारी शहरी निकायों से लेकर यूपीसीडा को देने का निर्णय हुआ था। इसकी वजह थी कि संसाधनों की कमी के चलते इन क्षेत्रों का रखरखाव ठीक से हो नहीं पा रहा था। यूपीसीडा यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर बेहतर रखरखाव करेगा। इसमें कूड़े का निस्तारण पर खास जोर होगा। सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, बेंच की स्थापना, प्रदूषण निगरानी और पब्लिक अड्रेस सिस्टम, ट्रैफिक लाइट, हरियाली रखरखाव, स्ट्रीट लाइट आदि की व्यवस्था होगी। यूपीसीडा प्रदेश के 55 जिलों में 156 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों का प्रबंधन और देखरेख पहले से कर रहा है।
इन क्षेत्रों का जिम्मा यूपीसीडा के पास
राज्य के कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, अयोध्या, अमरोहा, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली समेत कई जिलों के 34 औद्योगिक क्षेत्रों में यूपीसीडा शहरी निकायों की जिम्मेदारी खुद संभालेगा। माना जा रहा है कि प्रति भूखंड औसतन 25 रुपये मीटर की सालाना दर से सर्विस शुल्क वसूला जाएगा। लखनऊ के तीन क्षेत्र चिनहट, अमौसी व सरोजनीनगर की जिम्मेदारी यूपीसीडा की होगी। हर औद्योगिक क्षेत्र में औसतन 250 के आसपास फैक्ट्रियां हैं।
आवंटियों को मिलेगी राहत
• यूपीसीडा ने एक अन्य अहम निर्णय के तहत वर्तमान व्यवस्था के अन्तर्गत अति तीव्र, तीव्र एवं मंद गति के औद्योगिक क्षेत्र संबंधी नीति में बदलाव कर आंवटियों को राहत दी है। इसके तहत अब 75 प्रतिशत से कम आवंटित औद्योगिक क्षेत्रों को मंद गति वाली श्रेणी में रख दिया गया है। इसमें भूमि का आवंटन शासन के निवेश मित्र पोर्टल से होगा। तथा ईएमडी के मद में 5 प्रतिशत धनराशि प्राप्त करते हुए आवंटन किया जायेगा तथा आवंटन के बाद 20 प्रतिशत धनराशि 60 दिन के अन्दर प्राप्त करते हुए इकाई स्थापना के लिए ली जाएगी। बाकी 75 प्रतिशत शेष धनराशि तीन वर्ष में छह छमाही किस्तों में ब्याज समेत प्राप्त की जाएगी। अति तीव्र एवं तीव्र औद्योगिक क्षेत्र में यह प्रक्रिया 10 प्रतिशत ई0एम0डी0 धनराशि प्राप्त करते हुए 40 प्रतिशत 60 दिन में धनराशि प्राप्त करते हुए यथावत मंद गति की भांति की जायेगी। इससे आवंटियों की रजिस्ट्री में राहत मिलेगी।
इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर प्रयागराज की योजना का ले आउट मानचित्र मंजूर
इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर प्रयागराज की योजना का ले आउट मानचित्र मंजूर हो गया। सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र उतेलवा अमेठी, ए.टी.एल. प्रतापगढ़, के अलावा कताई मिल बांदा, कताई मिल मेजा, कताई मिल मलवा फतेहपुर को यूपीसीडा को दिया था। प्राधिकरण ने इनके ले आउट मानचित्रों का अनुमोदन करा लिया। अब यहां जमीन आवंटन की कार्यवाही होगी। एक्स-लीडा के मास्टर प्लान में जनता के सुझावों को शामिल कर 2041 की महायोजना पर शामिल कर उसे निर्णय के लिए शासन भेज दिया गया। औद्योगिक काई स्थापना की नीति में परिवर्तन करते हुए समस्त प्रकार के भूखण्डों में आवंटन की भांति हस्तांतरण प्रकरणों में भी समय समान रूप् देने दिया जाएगा।
इनका कहना है
मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने कहा कि, यूपीसीडा के मंजूर बजट से राज्य के अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में नए प्रोजेक्ट्स को शुरू करने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। ललितपुर में बनने वाला फार्मा पार्क और एक्स-लीडा जैसे क्षेत्रीय विकास प्रोजेक्ट्स न सिर्फ औद्योगिक आधारभूत ढांचे को मजबूत करेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए देश का सबसे पसंदीदा राज्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।