Uttar Pradesh Government Reforms Pollution Control Board for Environmental Challenges पर्यावरण की एनओसी अधिकतम 40 दिन में दें: योगी, Lucknow Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsLucknow NewsUttar Pradesh Government Reforms Pollution Control Board for Environmental Challenges

पर्यावरण की एनओसी अधिकतम 40 दिन में दें: योगी

Lucknow News - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सुधार की आवश्यकता जताई है। सभी जिलों में कार्यालय खोले जाएंगे और ठोस, तरल, और बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए विशेष सेल बनाए...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 16 April 2025 08:26 PM
share Share
Follow Us on
पर्यावरण की एनओसी अधिकतम 40 दिन में दें: योगी

सभी जिलों में खुलेंगे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय, मंडल स्तर पर होंगे क्षेत्रीय कार्यालय उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में रिफॉर्म पर मुख्यमंत्री का जोर, कहा, नए दौर की पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने को सक्षम बने बोर्ड

यूपीपीसीबी में गठित होंगे ठोस, तरल अपशिष्ट प्रबंधन, हैजार्ड्स वेस्ट ई-वेस्ट, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन सेल

लाल, नारंगी तथा हरी श्रेणी के लिए अनापत्ति आवेदन का निस्तारण 120 दिन से घटाकर क्रमशः 40, 25 और 10 दिनों में करने का हो प्रयास: मुख्यमंत्री

यूपीपीसीबी में रिक्त पदों को तेजी से भरने की जरूरी, नियमानुसार बोर्ड स्तर से हो कार्यवाही: मुख्यमंत्री

लखनऊ, विशेष संवाददाता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म के मंत्र के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पुनर्गठन की आवश्यकता जताई है। उन्होंने कहा है कि 1995 में गठन के बाद से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गतिविधियों, क्षेत्र, कार्यप्रकृति में व्यापक परिवर्तन आ चुका है। बदलते समय की आवश्यकताओं के दृष्टिगत इनमें बदलाव किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यावरण की एनओसी हर हाल में अधिकतम 40 दिन के भीतर दी जाए।

एनओसी देने में न हो देरी

मुख्यमंत्री बुधवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने उद्योगों से संबंधित अनापत्ति आवेदन (सीटीओ/सीटीई) निस्तारण के समय को और कम करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि लाल, नारंगी तथा हरी श्रेणी के लिए अनापत्ति आवेदन का निस्तारण 120 दिनों में किया जा रहा है। इसे क्रमशः अभी 40, 25 और 10 दिनों में किया जाना चाहिए। इस संबंध में आवश्यक तंत्र विकसित करें। दरअसल, पर्यावरण की एनओसी को लेकर उद्यमियों को भ्रष्टचार का शिकार होना पड़ता है। ऐसी कोई दिक्कतें व्यापारियों को न आएं लिहाजा इस पर अब सख्ती बरती जाएगी।

हर जिले में बनाएं एक कार्यालय

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 75 ज़िलों में 28 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इन्हें 18 मंडलों पर पुनर्गठित किया जाए, साथ ही, प्रत्येक जनपद में एक-एक कार्यालय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन मंडलों में औद्योगिक गतिविधियां अधिक हैं, वहां एक से अधिक क्षेत्रीय कार्यालय बनाये जा सकते हैं।

खाली पदों को जल्दी भरें

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाए। बेहतर होगा कि आईआईटी आदि प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों के दक्ष युवाओं को अच्छे पैकेज पर नियुक्ति दी जाए। इस संबंध में नियमानुसार बोर्ड स्तर पर निर्णय लिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अनापत्ति एवं सहमति शुल्क में वर्ष 2008 के बाद कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इस संबंध में बोर्ड द्वारा गहन विचार-विमर्श कर आवश्यक परिवर्तन किया जाना चाहिए।

विशेष यूनिटों का गठन करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए दौर की पर्यावरणीय चुनौतियों के समुचित समाधान के लिए बोर्ड में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, तरल अपशिष्ट प्रबंधन, हैजार्ड्स वेस्ट, ई-वेस्ट, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन सेल का गठन किया जाए। इसी प्रकार, लोकशिकायत निवारण के लिए अनुसंधान एवं विकास संबंधी अध्ययन के लिए, पर्यावरणीय जन-जागरूकता तथा प्रकाशन के लिए आईटी तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के लिए विशेष यूनिट का गठन भी किया जाना चाहिए। इससे बोर्ड की प्रभावशीलता पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।