Vinay Shankar Tiwari Arrested for Bank Fraud of Over 700 Crore by ED पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी के 11 ठिकानों पर ईडी का छापा , Lucknow Hindi News - Hindustan
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पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी के 11 ठिकानों पर ईडी का छापा

Lucknow News - -बैंक का 700 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में हुई कार्रवाई, गंगोत्री कम्पनी के दो

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 7 April 2025 08:38 PM
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पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी के 11 ठिकानों पर ईडी का छापा

-विनय लखनऊ स्थित आवास और सहयोगी कम्पनी का निदेशक अजीत पाण्डेय महाराजगंज से पकड़े गए -बैंक का 700 करोड़ रुपये हड़पने में

-विनय ने अपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज व सहयोगी कम्पनियों के नाम पर किया था फर्जीवाड़ा

-सोमवार सुबह 11 ठिकानों पर छापेमारी के बाद हुई गिरफ्तारी

-कई नोटिस के बाद भी बयान देने नहीं आ रहे थे विनय शंकर

-लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर व मुम्बई में हुई छापेमारी

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकों की 700 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम हड़पने के आरोपी पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी और उनकी कम्पनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के निदेशक अजीत पाण्डेय को सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया। विनय शंकर को लखनऊ के न्यू हैदराबाद स्थित आवास और अजीत को महाराजगंज जिले से गिरफ्तार किया गया है। दोनों को सीबीआई कोर्ट में अलग-अलग समय पर पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

यह कार्रवाई ईडी ने विनय शंकर व उनकी कंवपनी के 11 ठिकानों पर सोमवार सुबह एक साथ छापेमारी के बाद की है। इस मामले में ईडी की कार्रवाई सोमवार रात तक चल रही थी। ईडी ने विनय शंकर तिवारी को कई बार नोटिस देकर बुलाया था लेकिन वह नहीं आए। इस पर ही ईडी की कई टीमों ने सोमवार सुबह एक साथ गंगोत्री इंटरप्राइजेज के लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, मुम्बई के कार्यालयों पर छापा मारा। इसमें गंगोत्री की सहयोगी कंपनियों के कार्यालय भी शामिल हैं। यह कार्रवाई लखनऊ के पांच, नोएडा व गोरखपुर में दो-दो और दिल्ली व मुम्बई में एक-एक ठिकाने पर हुई है। कंपनी के कार्यालय व विनय के घर से कई दस्तावेज व कम्प्यूटर जब्त किए गए हैं। इसके साथ ही दो कार्यालय भी सील कर दिए गए हैं।

सहयोग न करने पर हुई गिरफ्तारी

ईडी सूत्रों के मुताबिक पहले से हुई जांच में सामने आए साक्ष्यों और अन्य तथ्यों पर अफसरों ने न्यू हैदराबाद स्थित घर पर विनय शंकर तिवारी से लम्बी पूछताछ की। अधिकतर सवालों के जवाब वह ठीक से नहीं दे पाए। कई सवालों का गोलमोल जवाब दिया। सम्पत्ति व बैंक खातों और ऋण की राशि न लौटाने के सवाल पर भी विनय शंकर संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसके बाद ही सोमवार शाम को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही महाराजगंज में गंगोत्री कम्पनी के निदेशक अजीत पाण्डेय को भी गिरफ्तार कर लिया गया। अजीत पर आरोप था कि कम्पनी के लेन-देन और बैंक से लिए गए ऋण से कई अन्य सम्पत्तियां बनाने में उनकी भूमिका रही।

यह था मामला

ईडी की जांच में सामने आया था कि गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये का कर्ज (सीसी लिमिट) लिया था। इसमें करीब 750 करोड़ रुपये वापस नहीं किए। सीबीआई ने बैंक की शिकायत पर ही गंगोत्री इंटरप्राइजेज और उसकी सहयोगी कंपनियों के निदेशकों, प्रमोटरों, गारंटरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। सबसे ज्यादा रकम बैंक ऑफ इंडिया की थी। इस आधार पर ही ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू कर दी थी। करीब 100 करोड़ रुपये की सम्पत्ति ईडी पहले की जब्त कर चुकी है।

कई दस्तावेज मिले ठिकानों से

ईडी को 12 घंटे से अधिक की कार्रवाई में ही करोड़ों रुपये की सम्पत्ति के कई दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा कम्प्यूटर से धांधली से जुड़े कई तथ्य ईडी के हाथ लगे हैं। ईडी सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ, गोरखपुर और नोएडा में कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनकी जांच के बाद विनय शंकर तिवारी के अन्य करीबियों पर भी शिकंजा कसेगा।

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