एडवाइजरी, जरूरी हो तो 50 डेसिमल से कम ध्वनि वाले इयरफोन का ही करें प्रयोग
Maharajganj News - महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। इयरफोन व हेडफोन के अधिक प्रयोग से श्रवण हानि का
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। इयरफोन व हेडफोन के अधिक प्रयोग से श्रवण हानि का खतरा उत्पन्न हो सकता है। यानी इयरफोन व हेडफोन लोगों के लिए एक जटिल समस्या बनती जा रही है। एसीएमओ डॉ. राकेश कुमार ने प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा जारी शासनादेश के हवाले से ये बात कही। कहा कि युवाओं और बच्चों में इयरफोन व हेडफोन का इस्तेमाल बढ़ जाने की बात सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि तेज आवाज में लंबे समय तक सुनने से अपरिवर्तनीय श्रवण हानि हो सकती है, जिसके शुरुआती लक्षणों को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। ऐसे में ब्लूटूथ, इयरफोन व हेडफोन के अनावश्यक उपयोग को कम किया जाना बेहद जरूरी है।
एसीएमओ ने कहा कि अगर बहुत जरूरी हो तो 50 डेसिमल से कम ध्वनि वाले इअरफोन व हेडफोन जैसे निजी आडियो उपकरणों का ही उपयोग करें। वह भी दो घंटे से अधिक समय तक इस्तेमाल न करें। सुनने के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लेना न भूलें। कहा कि बच्चों को भी इयरफोन, हेडफोन से तो बचना ही होगा। स्क्रीन पर देखने का समय भी कम करना होगा क्योंकि उनके मस्तिष्क के विकास में बाधा डाल सकता है। साथ ही सामाजिक सम्पर्क व व्यवहार सम्बंधी समस्या पैदा कर सकता है। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों के इयरफोन व हेडफोन के इस्तेमाल पर ध्यान दें और उन्हें इसके दुष्प्रभावों के बारें में बताएं। अगर किसी को श्रवण हानि की समस्या हो तो चिकित्सक से सलाह लें।
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