संकटमोचन महंत के घर नौकरों ने रची चोरी की साजिश, करोड़ों के गहने और नगदी बरामद
वाराणसी में संकटमोचन मंदिर के महंत के घर नौकरों ने चोरी की साजिश रची थी। चार बदमाशों को बुलाकर करोड़ों के गहने और नगदी पर दिन दहाड़े हाथ साफ कर दिया था। पुलिस ने 36 घंटे में मामले का खुलासा करते हुए तीन बदमाशों को पैर में गोली मारकर पकड़ा है। तीन ने सरेंडर किया है।

वाराणसी में संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र के तुलसीघाट स्थित आवास से रविवार को करोड़ों के गहने समेत तीन लाख की नगदी की चोरी में शामिल छह शातिर मंगलवार देर रात पुलिस मुठभेड़ में दबोच लिये गए। रामनगर में हुई मुठभेड़ में तीन के पैर में गोली लगी जबकि तीन अन्य ने समर्पण कर दिया। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने दावा किया कि शत प्रतिशत माल बरामद कर लिया गया है। बुधवार को चोरी गए सामानों का मिलान किया जाएगा।
डीसीपी के अनुसार चोरी की साजिश महंत आवास पर काम करने वाले तीन नौकरों जितेंद्र सिंह उर्फ गोलू, दिलीप उर्फ बंसी चौबे तथा अतुल ने रची। इसके बाद अपने चार अन्य दोस्तों के साथ घटना को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि घटना के बाद चोरों की तलाश में जुटी पुलिस को मंगलवार को सूचना मिली कि रामनगर के डोमरी में माल के बंटवारे के लिए सभी जुटने वाले हैं। इस पर एसओजी प्रभारी मनीष मिश्रा, भेलूपुर थाना प्रभारी गोपालजी कुशवाहा, रामनगर थाना प्रभारी राजू सिंह मयफोर्स पहुंचे। आमना-सामना होते ही बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी।
जवाबी कार्रवाई में बिहार के भभुआ के अमो (चैनपुर) का विक्की तिवारी, अमावस (चैनपुर) का जितेंद्र सिंह उर्फ गोलू पटेल, अमाउंट (चैनपुर) का राकेश दुबे के पैर में गोली लगी। वहीं फतेहपुर जिले के फुलवा मऊ (राधानगर) के अतुल शुक्ला, भगवानपुर के दिलीप उर्फ बंसी चौबे, देवरिया के नारायणपुर दुबे (खानपुर) के शनि मद्धेशिया ने समर्पण कर दिया। इनके पास से तीन असलहे, कारतूस, खोखा बरामद हुए हैं। मुठभेड़ के दौरान एक अन्य भाग निकला। मौके पर एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी, एसीपी भेलूपुर डॉ ईशान सोनी भी पहुंचे थे।
संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र के तुलसीघाट स्थित आवास की दूसरी मंजिल से पुश्तैनी गहने समेत तीन लाख की नगदी चोरी के खुलासे के लिए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने 11 टीमें गठित की थीं। महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र को भी नौकरों पर ही चोरी में शामिल होने की आशंका है। बातचीत में बताया कि वह कमरा उनके पिताजी का है, जिसमें अमूमन किसी को जाने नहीं दिया जाता। परिवार के सदस्य ही उधर जाते हैं। हालांकि उस कमरे, आलमारी और लॉकर रूम की जानकारी आवास पर काम करने वाले कुछ नौकरों को थी। उनकी मिलीभगत से ही घटना को अंजाम दिया गया है।
गहने तीन पीढ़ियों के थे, भावनात्मक लगाव भी
करीब एक करोड़ के चोरी हुए गहने तीन पीढ़ियों के हैं। इनसे परिवार का भावनात्मक लगाव भी है। जेवरात उनकी पत्नी के थे। कई ऐसे गहने भी हैं, जो उनकी मां ने उनकी पत्नी को दिये थे।
घर के भेदी ने की रेकी
घर में बर्तन धोने और सफाई करने वाले नौकरों पर शक है। घटना की प्लानिंग पहले से थी। इसलिए महंत परिवार के आवास से जाने का इंतजार किया गया। शनिवार शाम परिवार दिल्ली रवाना हुआ था। इसके बाद रविवार सुबह 11 से 1 बजे के बीच चोरी को अंजाम दिया गया। चोर प्रोफेशनल लग रहे हैं। फुटेज में गमछा से मुंह बांधे थे। महंत के मुताबिक वे ग्लब्स पहने भी दिख रहे हैं।
लंका होते भागे थे चोर
घटना के बाद से फरार एक नौकर और उसके साथियों की तलाश में पुलिस ने बिहार और झारखंड में छापेमारी की। आरोपी अपना लोकेशन बदलते रहे। पुलिस के अनुसार घटना के बाद गंगा किनारे से लंका की तरफ से बिहार जाने वाली बस में सवार होकर चोर भाग गए। बिहार से झारखंड की तरफ चले गए।