सदर अस्पताल में चल रहा है ट्रॉमा सेंटर, नहीं है मेन पावर व जरूरी उपकरण उपलब्ध
सदर अस्पताल में चल रहा है ट्रॉमा सेंटर, नहीं है मेन पावर व जरूरी उपकरण उपलब्धसदर अस्पताल में चल रहा है ट्रॉमा सेंटर, नहीं है मेन पावर व जरूरी उपकरण उप

सदर अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर दिखावा साबित हो रहा है। सड़क हादसे में घायल गंभीर मरीजों को इसमें इलाज करने के वजाए तुरंत हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया जाता है। दो साल में एक भी गंभीर रूप से घायल मरीज का इलाज इसमें नहीं किया गया। जानकार बताते हैं कि ट्रॉमा सेंटर के लिए अलग से आर्थोपेडिक सर्जन, कार्डियक सर्जन, न्यूरो सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट होना चाहिए जो यहां उपलब्ध नहीं है। साथ ही इसमें जरूरी उपकरण व संसाधन की भी व्यवस्था नहीं है। इस बावत सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने बताया कि दो साल पहले इसे शुरू किया गया था।
इसके लिए स्पेशल आवंटन नहीं आया है। आवंटन आने पर इसे विकसित किया जाएगा। दो बेड का है ट्रॉमा सेंटर ट्रॉमा सेंटर के नाम पर सिर्फ दो बेड लगा है। इसमें मरीजों का इलाज करने के वजाए दोनों बेड का इस्तेमाल रात में आराम करने के लिए किया जाता है। बताया जाता है कि इस सेंटर पर करीब लाख रूपये खर्च किए गये थे। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार के मुताबिक सरकार का ट्रॉमा सेंटर को सक्रिय बनाने पर जोर है। इस सेंटर के नोडल पदाधिकारी बनाने के लिए अस्पताल से डॉ सौरव का नाम भेजा गया है। उन्होंने बताया कि शुरू में सड़क हादसे में जख्मी कई गंभीर मरीजों को इलाज किया गया है। इसे विकसित करने की दिशा पहल किया जा रहा है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।