दुग्ध उत्पादन केंद्र में रूप में स्थापित हो रहा पेटरवार का जाराडीह गांव
दुग्ध उत्पादन केंद्र में रूप में स्थापित हो रहा पेटरवार का जाराडीह गांवदुग्ध उत्पादन केंद्र में रूप में स्थापित हो रहा पेटरवार का जाराडीह गांवदुग्ध उत

पेटरवार रूस्तम अंसारी। प्रखंड के कोह पंचायत का जाराडीह एक ऐसा गांव है जो दूध उत्पादन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। जिस कारण इस गांव के लोग दुध उत्पादन कर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। 66 ऐसे किसान है जो दूध उत्पादन कर न सिर्फ गांव में दुध की जरूरत को पूरा कर रहे हैं बल्कि आसपास के शहरों में भी दुध की कमी को पूरा कर रहे है। लेकिन किसानों का मानना है कि यदि सरकारी दर पर उन्हें चारा और गायों की चिकित्सा के बेहतर संसाधन मिल जाए तो इस क्षेत्र से 1 लाख लीटर दुध का उत्पादन किया जा सकता है।
मामले को लेकर कई बार मंत्री योगेन्द्र प्रसाद से यहां के लोग मिले लेकिन अबतक सरकार की ओर से राहत नहीं मिली है। फिलहाल इस गांव से 2600 लीटर दूध का उत्पादन किया जा रहा है। जिसमें 2 हजार लीटर दूध बी एम सी ( बल्क मिल्क कूलर) से दूध ठंडा कर रांची के मेधा डेयरी को भेजा जाता है और 10 दिन में दूध की राशि किसानों को डी बी टी के माध्यम से उनके बैंक खाते में भेज दी जाती है। जबकि कुछ दूध स्थानीय होटलों में सप्लाई की जाती है और होटलों से मिली दूध की राशि से किसान गायों के लिए चारा की खरीदारी बाजार से करते है। क्या कहते है किसान:(फोटो-1) प्रखंड कार्यालय में पूर्व में पदस्थापित महिला प्रसार पदाधिकारी मानू घोष ने न केवल दूध उत्पादन के लिए प्रेरित किया बल्कि एक दुधारू पशु खरीदने के लिए आर्थिक रूप से सहयोग भी किया था जिसके कारण आज हमारे पास चार दुधारू पशु है। लेकिन अब सरकारी सहायता की आस है।-- पशुपालक रमेश महतो
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