Gauranagar Colony A Struggle with Public Issues in Vrindavan बोले मथुराः सड़कों पर सीवर का पानी, गौरा नगर की यही कहानी, Mathura Hindi News - Hindustan
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बोले मथुराः सड़कों पर सीवर का पानी, गौरा नगर की यही कहानी

Mathura News - गौरा नगर वृंदावन में जनसमस्याओं का अंबार है। यहां श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के कारण जाम, बिजली, जल, और सफाई जैसी समस्याएं आम हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को विकास की दिशा...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराWed, 9 April 2025 07:11 PM
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बोले मथुराः सड़कों पर सीवर का पानी, गौरा नगर की यही कहानी

गौरा नगर वृंदावन की पुरानी आबादी वाले क्षेत्रों में शुमार जरूर होता है, लेकिन यहां जनसमस्याओं का अंबार है। इस क्षेत्र में तमाम मंदिर और आश्रम होने की वजह से बाहरी जनपदों से श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में आवक रहती है, साथ ही वाहनों का आवागमन भी रहता है। इस कारण लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को भी इस क्षेत्र के विकास की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत न हों और वे यहां भ्रमण करने के बाद अच्छा संदेश लेकर जाएं।

वृंदावन में गौरानगर कॉलोनी सबसे बड़ी कॉलोनी मानी जाती है। बावजूद इसके जन समस्याओं का अंबार भी यहां सबसे अधिक है। इस कॉलोनी में समाज के सभी वर्गों के लोग रहते हैं, जो विभिन्न समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूर हैं। लगभग 12 हजार से अधिक आबादी वाली इस कॉलोनी में चुनाव के समय राजनेता बड़े-बड़े वादे करके चले जाते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही यहां के बाशिंदे अपने को ठगा महसूस करते है। स्थानीय लोगों के घरों के साथ-साथ यहां पर 80 से अधिक बड़े संत आश्रम और 50 से अधिक मंदिर भी है। उल्लू बाग, रामानुज नगर, कुशवाह मोहल्ला, कनक भवन गली, गोविंद कुंड, हैजा अस्पताल, चार सम्प्रदाय आदि बड़े इलाकों को समाहित किए गौरानगर कॉलोनी में सीवर, गंदगी, पेयजल, प्रकाश आदि जन समस्याओं का सामना कर रहे लोग इनसे मुक्ति चाहते हैं।

वैसे तो गौरा नगर की अधिकांश गलियों में विद्युत विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाई गई है, लेकिन खंभों पर लगी लाइटों से कभी प्रकाश होता दिखाई नहीं देता। वहीं बेसहारा पशुओं का आतंक भी कॉलोनी में देखने को मिलता है। बेसहारा पशुओं और बंदरों के आतंक के चलते कॉलोनी के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। क्षेत्रीय वाशिंदे आए दिन बंदरों और पशुओं के आतंक को रोकने के लिए गुहार लगाते नजर आते हैं। गौरा नगर की आधी आबादी को नगर निगम द्वारा पेयजल की सप्लाई तो मिलती है, लेकिन वह स्वच्छ नहीं है। लोगों को पीने एवं रसोई आदि कार्य के लिए आरो का पानी खरीदना पड़ता है। बिजली के पैनल बॉक्स खुले पड़े हैं, जिनसे कभी भी हादसा हो सकता है।

बिजली निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। कई बार बिजली अधिकारियों को बताया जा चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि हजारों की आबादी ने अब जन समस्याओं के बीच जीना सीख लिया है। हिन्दुस्तान संवाद में स्थानीय निवासियों ने बेबाकी से अपने क्षेत्र की समस्याएं बतायीं। लोगों का कहना था कि वे अपनी समस्याओं से कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन उनके द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा। बारिश के दिनों में उनको जलभराव जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। यही नहीं नियमित सफाई भी नहीं हो रही है।

गर्मी का मौसम शुरु होते ही मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। इसके चलते लोगों को मच्छर जनित बीमारियों का डर सताने लगा है। क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट की भी समस्या है, जिसके चलते अंधेरा बना रहता है। बारिश के समय विद्युत निगम के खुले पैनलों से करंट फैलने का खतरा बना रहता है। लोगों का कहना है कि वृंदावन को नगर निगम में तो शामिल कर लिया गया है, लेकिन उनकी कालोनी में जनसुविधाओं का अभी भी अभाव है।

ये दर्द बड़ा गहरा है…

बिजली के खुले पैनल बॉक्सो को बंद करने के प्रति विद्युत विभाग जागरूक नहीं है। अनेक जगहों पर विद्युत के पैनल बॉक्स खुले पड़े हैं। जिसे आए दिन बिजली का करंट लगने का डर लोगों को बना रहता है। बरसात के दिनों में यह जानलेवा साबित हो सकती है।

-अशोक निषाद

आए दिन बेसहारा पशुओं के कारण राहगीर और वाहन चालक चुटैल हो जाते हैं। बेसहारा पशुओं को खुला विचरण लोगों के लिए मुसीबत बन चुका है। कॉलोनी में बेसहारा पशुओं का आतंक बहुत है। इन पशुओं के चलते राहगीर व वाहन चालकों को सड़क मार्ग पर निकलने में बहुत दिक्कत होती हैं।

-किशन सैनी

सड़कों पर नाले-नालियों का गंदे पानी आए दिन बहता हुआ नजर आता है। जलभराव की समस्या बरसों से बनी हुई है, लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नगर निगम प्रशासन नहीं कर पाया है। जिसके चलते जलभराव की समस्या से व्यापारियों और ग्राहकों को जूझना पड़ता है।

-अजय सैनी

कॉलोनी में नालियों के गंदे पानी के निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण नाले नालियों में गंदा पानी भरा रहता है। जिससे भयंकर दुर्गंध आती है। गंदे पानी के निकासी के लिए नियमित सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। बिजली बॉक्स खुले पड़े हैं।

-सौरभ अग्रवाल

बंदरों का आतंक झेलने के लिए लोग वर्षों से मजबूर है। घरों के बाहर लोग आंखों पर चश्मा लगाकर बमुश्किल निकल पाते हैं। बंदर चश्मा, पर्स , सामान आदि झपट्टा मार कर ले जाते हैं। बंदरों का आतंक कॉलोनी में बहुत बढ़ चुका है।

-धनेंद्र अग्रवाल बॉबी

कूड़ेदान का भी अभाव कॉलोनी में प्रमुख है। कॉलोनी के अधिकांश हिस्सों में कूड़े करकट के ढेर लगे हुए हैं। अक्सर नालियां और सीवर चोक हो जाती हैं। जिसके चलते गंदा पानी सड़कों पर बहता हुआ नजर आता है। गंदगी की बड़ी समस्या बाजार में बनी हुई है।

-डॉ. श्याम बिहारी श्रीवास्तव

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