बोले मथुरा: जयसिंहपुरा की बस्तियों में कब पहुंचेगा विकास
Mathura News - बोले मथुरा-जयसिंहपुरा क्षेत्र में कभी खादर में बस्तियां थीं, लेकिन अब माधव कुंज, नवनीत कुंज, राधा

जयसिंहपुरा क्षेत्र में कभी खादर में बस्तियां थीं, लेकिन अब माधव कुंज, नवनीत कुंज, राधा कालिंदी कुंज, गायत्री विहार, गणेश धाम कालोनी जैसी करीब आधा दर्जन से ज्यादा आवासीय कालोनियां बस चुकी हैं। परंतु, अधिकांश आबादी वाले क्षेत्रों में अभी भी लोग मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। दरअसल, जयसिंहपुरा क्षेत्र को सिर्फ सीमित क्षेत्र में माना जाता रहा है, लेकिन पिछले दो दशक में इस क्षेत्र में तेजी से आबादी बढ़ी है। पंरतु, आबादी के अनुरूप विकास नहीं हो सका। जयसिंहपुरा क्षेत्र के लोगों की समस्याएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं। यहां के लोग समस्याओं से परेशान है। यहां की सबसे बड़ी समस्या परिक्रमा मार्ग से जुड़े आबादी वाले क्षेत्रों की है। जर्जर सड़कें और गलियां, नालियों से उफनती गंदगी और डलावघरों से लोग परेशान हैं।
मच्छर, कीड़े-मकौड़े पनप रहे हैं। जलभराव भी एक बड़ी समस्या है। इससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। हिन्दुस्तान समाचार-पत्र द्वारा आयोजित संवाद में स्थानीय लोगों ने बताया कि जल निकासी की समुचित व्यवस्था की आवश्यकता है। जलभराव होने के कारण सड़कें खराब हुई पड़ी हैं। जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने से गंभीर स्थिति बनी र्हुइ है। नालियों के अभाव में यह समस्या और बढ़ रही है। यहां हल्की सी बारिश में ही यहां के रास्तों में भारी जलभराव हो जाता है। इस कारण लोग रास्तों से आसानी से आवागमन नहीं कर पाते हैं।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में नगर निगम ने इस क्षेत्र में विकास कार्य कराए हैं, लेकिन यह विकास कार्य सिर्फ कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित हैं। लोगों की शिकायत है कि खादर की कालोनियों में बने मकानों से नगर निगम द्वारा जलकर-गृहकर व सीवर टैक्स तो वसूला जाता है, लेकिन पर्याप्त सुविधाएं नहीं दी जातीं। इस क्षेत्र की सीवर लाइनें चोक पड़ी हुई हैं, जिनकी सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रकाश व्यवस्था भी न के बराबर है। लोगों का कहना है कि विद्युत पैनल तक खुले पड़े हैं, जिसके चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन विद्युत विभाग पैनलों को सही नहीं कर रहा। कई पैनल तो लोगों के घरों के सामने ही लगा दिए गए हैं, जहां जलभराव भी होता है।
राशन की दुकान ही हटाने से बढ़ी मुश्किल:जयसिंहपुरा क्षेत्र में पहले मस्जिद वाली गली के पास ही राशन की दुकान थी, लेकिन इस दुकान को दो वर्ष पूर्व वार्ड 12 की राधेश्याम कालोनी में शिफ्ट कर दिया गया। इसके चलते वार्ड 36 में रहने वाले जयसिंहपुरा क्षेत्र के वाशिंदों को राधेश्याम कालोनी में जाना पड़ता है, जो काफी दूर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि राशन की दुकान एक विधायक के कहने पर हटाई गई, जिसके चलते महिलाओं को राशन लाने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही प्राइमरी स्कूल की हालत भी जर्जर है। प्राइमरी स्कूल के निर्माण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
आवास योजना के लाभ से किया वंचित
जयसिंहपुरा क्षेत्र की खादर की आबादी में पूर्व में नगरीय विकास अभिकरण डूडा द्वारा आवासों का लाभ दिया गया था, जिसे अचानक बंद कर दिया गया। इसके चलते लोग कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने के लिए उनके आवेदन भी करा लिए गए, लेकिन अब कहा जा रहा है कि खादर की वजह से उनको आवासों का लाभ नहीं मिलेगा, जबकि खादर की बस्तियों में गरीब परिवार रहे हैं, जो धनाभाव में घर नहीं बना पा रहे। लोगों का कहना है कि उनकी बस्तियों में बिजली की लाइनें हैं। सीवर भी है और पेयजल आपूर्ति की लाइन भी है। इसके बाद भी आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा।
कच्ची और बदहाल सड़कों से लोग परेशान
जयसिंहपुरा क्षेत्र में नाले खुले हुए हैं, जिनसे अक्सर हादसे का डर बना रहता है। खासकर, गायत्री विहार कालोनी में तो बड़ा नाला है, जो खुला हुआ है। इस नाले में गंदगी बह रही है। कुछ ऐसा ही हाल जयसिंहपुरा परिक्रमा मार्ग के नाले का है। इन नालों को पक्का तक नहीं किया गया। इसके चलते नालों की सफाई नहीं हो पाती। बारिश के दिनों में यही नाले उफनते हैं। नालों पर अतिक्रमण की है, जिसे नहीं हटाया जा रहा है। इसके चलते नालों के आसपास की बस्तियों में दुर्गंध की वजह से लोग परेशान हैं।
लोगों का ये है कहना
सड़क जर्जर हालत में है। सड़क की जगह गिट्टियां उखड़कर बिखर रहीं हैं। इसमें जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। इसके कारण चार पहिया व दो पहिया वाहन को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
-महेश शर्मा
बारिश में जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है। सड़क जर्जर है, इससे स्थानीय लोग और बच्चे बहुत परेशान हैं। इस क्षेत्र के नालों की सफाई होनी चाहिए और नालों को ढंका जाना चाहिए।
-सुनील सैनी
यहां स्ट्रीट लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है। बस्तियों में अंधेरा छाया रहता है कोई दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। कई बार मांग की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
-रवि शर्मा
क्षेत्र में जगह-जगह कूढ़े के ढेर लगे रहते हैं। इसमें से बदबू आती है और मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। यह मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र है। समस्या का समाधान होना चाहिए।
-दीपक कोली
हमारी बस्तियों में जर्जर नाली-खरंजे हैं। गंदगी की वजह से सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। स्ट्रीट लाइट न होने की वजह से अंधेरा छाया रहता है। राशन की दुकान भी हटा दी गई है, जिससे मुश्किलें बढ़ गयी हैं।
-मनीष कुमार
यह क्षेत्र नगर निगम में आता है। यहां से नगर निगम द्वारा पानी का टैक्स, घर का टैक्स वसूला जाता है, लेकिन लोगों को कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही है। सरकारी पाइपलान में पानी नहीं आता है।
-श्याम बघेल
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।