यात्रियों के गुम हुए मोबाइलों को तलाशेगी आरपीएफ
Mathura News - मथुरा में आरपीएफ ने गुम हुए मोबाइल फोन की तलाश के लिए एक नई योजना शुरू की है। यात्री रेलवे की हेल्पलाइन 139 पर सूचना देकर फोन की तलाश करा सकते हैं। आरपीएफ ने दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर सीईआईआर पोर्टल...

मथुरा। सफर के दौरान गुम हुए यात्रियों के मोबाइल फोन की तलाश अब आरपीएफ द्वारा भी की जाएगी। इसके लिए यात्री को रेलवे की हेल्प लाइन 139 पर सूचना देनी होगी। इसके बाद सम्बधित आरपीएफ थाने के द्वारा मोबाइल फोन की तलाश की जाएगी। इसके लिए आरपीएफ ने दूरसंचार विभाग से हाथ मिलाया है। गुम मोबाइल की तलाश के लिए आरपीएफ दूरसंचार विभाग के सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) पोर्टल का उपयोग करेगी। रेल यात्रियों के खो गए या गायब मोबाइल फोन को ढूंढ़ निकालने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने दूरसंचार विभाग से हाथ मिलाया है। इसके तहत आरपीएफ ने दूरसंचार विभाग के सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) पोर्टल के साथ सफल साझेदारी की है। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) में एक पायलट प्रोग्राम की सफलता के बाद यह पहल शुरू की गई है। इसका फायदा रेल यात्रियों को मिलेगा। इसके लिए यात्री को रेल मदद या 139 डायल के जरिए गुम हुए मोबाइल फोन की सूचना देनी होगी। इसके बाद आरपीएफ मोबाइल फोन की तलाश में जुट जाएगी।
तलाशे जाएंगे बिना एफआईआर वाले फोन
सफर के दौरान गुम हुए मोबाइल फोन की कुछ यात्री पुलिस के पचड़े से बचने के लिए एफआईआर दर्ज नहीं काराते हैं। ऐसे यात्रियों के फोन आरपीएफ द्वारा तलाश किए जाएंगे। इसके लिए यात्री को रेल मदद या 139 पर सूचना देनी होगी। इसके लिए यात्री को रिपोर्ट दर्ज कराने और नहीं कराने का विकल्प भी मिलेगा। पोर्टल पर यात्री की शिकायत दर्ज होने के बाद सीईआईआर के माध्यम से मोबाइल फोन को डिवाइस के माध्यम से बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद फोन का उपयोग संभव नहीं होगा।
फोन लेने के लिए पेश करने होंगे जरूरी दस्तावेज
गुम हुए मोबाइल फोन के मिल जाने के बाद कंट्रोल के माध्यम से यात्री को सूचना दी जाएगी। यात्री को मोबाइल फोन हासिल करने के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। इसके बाद यात्री को उसका फोन सौंप दिया जाएगा। यात्री को फोन उसी थाने से मिलेगा जिस स्टेशन से उसने गुम हुए मोबाइल फोन की सूचना दर्ज कराई होगी।
आपरेशन अमानत के तहत आरपीएफ ने शुरू की है योजना
यात्री के गुम हुए मोबाइल फोन को आरपीएफ आपरेशन अमानत के तहत तलाश करेगी। मोबाइल फोन मिलने के बाद यात्री को उसे सौंपा जाएगा। इसके साथ ही गुम हुए मोबाइल फोन को अनब्लॉक कराने के लिए यात्री को प्रार्थना पत्र भी देना होगा।
ठगी का शिकार होने से बचेंगे यात्री
तकनीक के दौर में ज्यादातर लोग ई-बैंकिंग का सहारा लेते हैं। इसके चलते लोग अपने मोबाइल फोन का प्रयोग ई-वालेट के तौर पर करते हैं। गुम हो जाने के बाद शातिर दिमाग लोग ई-वालेट के माध्यम से खाते से रकम गायब कर लेते हैं। रेल मदद या 139 पर फोन गुम होने की सूचना दर्ज होते ही सबसे पहले सीईआईआर पोर्टल के माध्यम से फोन को ब्लॉक किया जाएगा। जिससे मोबाइल का उपयोग किसी गलत कार्य के लिए ना किया जा सके।
जीआरपी के रडार पर हैं करीब 800 फोन
सफर के दौरान चोरी हुए या गुम हुए करीब 800 मोबाइल फोन जीआरपी के रडार पर हैं। इन सभी फोनों को सर्वलांस के माध्यम से जीआरपी द्वारा तलाश किया जा रहा है। जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक यादराम सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष 333 मोबाइल फोन तलाश कर यात्रियों को सौंपे गए। वर्तमान में करीब 800 फोन सर्वलांस पर लगे हैं, जैसे जैसे इनका पता चल रहा है फोन बरामद किए जा रहे हैं।
वर्जन-
पोर्टल के माध्यम से उन्ही यात्रियों के गुम मोबाइल फोन तलाशे जाएंगे जिनकी रिपोर्ट जीआरपी थाने में दर्ज नहीं होगी। गुम मोबाइल फोन की शिकायत दर्ज होने के तुरंत बाद पोर्टल के माध्यम से उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा, जिससे मोबाइल फोन का दुरूपयोग ना हो। आपरेशन अमानत के तहत यात्रियों के फोन तलाश किए जाएंगे।
-अवधेश गोस्वामी, थाना प्रभारी निरीक्षक आरपीएफ
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