बैडमिंटन के लिए नहीं हैं कोच, कैसे निखरेंगी प्रतिभाएं
Mau News - मऊ के डा. भीमराव आंबेडकर स्टेडियम में पिछले सात साल से बैडमिंटन का कोई कोच नहीं है, जिसके कारण खेल प्रतिभाएं नहीं निखर पा रही हैं। अन्य खेलों के लिए कोच तैनात हैं, लेकिन बैडमिंटन के लिए शासन को पत्र...

मऊ। नगर क्षेत्र के बलिया मोड़ स्थित डा. भीमराव आंबेडकर स्टेडियम में पिछले सात साल से बैडमिंटन कोच नहीं है, जिसकी वजह से बैडमिंटन में खेल प्रतिभाएं निखर नहीं पा रही हैं। कोच तैनात करने के लिए विभाग ने कई बार शासन को पत्र लिखा गया। इसके बाद भी कोच की तैनाती नहीं की गई। दूसरी तरफ गर्मी के मौसम में स्कूलों हो रही छुट्टी पर बच्चों को खेल से जोड़ने के लिए तैयारियां की जा रही हैं, ताकि बच्चे मोबाइल और टीबी में व्यस्त रहने की बजाए खेल के क्षेत्र में कॅरियर बना सकें। जिला स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए खिलाड़ियों से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद बाकायदा परिचय पत्र जारी किया जाता है।
इसके बाद ही स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। इसमें हाकी, बास्केटबाल, क्रिकेट, कबड्डी, कुश्ती, बैडमिंटन, जिम्नास्टिक, एथलेटिक्स, फुटबाल, वॉलीबाल शामिल हैं। इन खेलों में बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है। बैडमिंटन को छोड़ अन्य सभी खेलों में प्रशिक्षण के देने के लिए कोच की भी तैनात की गई है। गर्मी की छुट्टी में स्कूली और दूसरे बच्चे रजिस्ट्रेशन कराकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इनको गर्मी छुट्टी के दौरान सुबह पांच बजे से आठ बजे तक और शाम को साढ़े तीन बजे से साढ़े छह बजे तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्टेडिएम में प्रशिक्षण लेने वाले 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को एक वर्ष तक हाकी, बास्केटबाल, क्रिकेट, कबड्डी, कुश्ती, जिमनास्टिक, एथलेटिस, फुटबाल एवं वॉलीबाल में प्रशिक्षण लेने के लिए एक वर्ष के लिए 160 रुपये जमा करना पड़ता है। इसमें 10 रुपये रजिस्ट्रेशन के लिए, 100 रुपये प्रोत्साहन समिति शुल्क और 50 रुपये एक साल की फीस शामिल है। इसके साथ ही 18 वर्ष की आयु अधिक के खिलाड़ियों को पहले माह में 310 रुपये जमा करना पड़ता है। इसमें 10 रुपये रजिस्ट्रेशन का, 100 प्रोत्साहन समिति व 200 रुपये फीस के तौर जमा करना पड़ता है। इसके बाद प्रतिमाह 200 रुपये फीस के तौर पर जमा कराया जाता है। वहीं, बैडमिंटन के पहले माह में 1310 रुपये जमा करना पड़ता है। इसमें 10 रुपये में खिलाड़ी का रजिस्ट्रेशन होता है, लेकिन बैडमिंटन के लिए कोच न होने से खिलाड़ियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कोच के अभाव में खिलाड़ियों ने निजी खेल अकादमी जाना शुरू कर दिया है। इनके संचालक खिलाड़ियों से मुंहमांगी फीस वसूल करते हैं। शासन को लिखा गया पत्र स्टेडियम में बैडमिंटन को छोड़ बाकी खेलों में प्रशिक्षण देने के लिए कोच तैनात हैं। यहां पर प्रशिक्षण लेने वाले खिलाडियों को न्यूनतम फीस जमा करा कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बैडमिंटन कोच के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। -डीपी सिंह, जिला उप क्रीड़ा अधिकारी, मऊ।
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