रूह उलझन में रही, जिस्म अदाकारी में...
Meerut News - शुक्रवार को आईएमए हॉल में मुशायरा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। शोभित विवि के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने अध्यक्षता की। आयोजक अजहर इकबाल ने कहा कि सभी भाषाएं प्रेम का संदेश देती हैं। पंजाबी...

शुक्रवार को हर्फकार फाउंडेशन और पंजाबी अकादमी उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में आईएमए हॉल में मुशायरा कवि सम्मेलन हुआ। अध्यक्षता शोभित विवि के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने की। आयोजक कवि अजहर इकबाल ने कहा समस्त भाषाएं प्रेम का संदेश देती हैं। पंजाबी अकादमी निदेशक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि अकादमी पंजाबी भाषा की उत्थान के लिए निरंतर कार्यरत है। डॉ ममतेश गुप्ता ने कहा दिल के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि हम अपने मन को शांत रखें। शायरी इसमें अहम किरदार अदा करती है। नबील अनवर ने कहा कवि सम्मेलन मुशायरा गंगा जमुना तहजीब को बढ़ावा देता है। संचालन अजहर इकबाल ने किया। डॉ ताबिश फरीद ने आभार जताया। पूनम मीरा ने अपनी रचना में कहा ...जो रस्मो राहे जहां था वही किया हमने। अमीर ईमाम ने सुनाया वो तीर हैं के जिसको निशाना ना मिल सका वैसे उसी कमान से आए हुए हैं हम। सीना महक रहा है तो हैरत है किसलिए, फूलों के ख़ानदान से आए हुए हैं हम। डॉक्टर राकेश मिश्रा तूफ़ान ने सुनाया रूह उलझन में रही, जिस्म अदाकारी में, उम्र ही बीत गई जीने की तैयारी में।
शायर उम्र फारुक ने सुनाया अपनी मिट्टी से जुड़े हैं तो बचे हैं वरना ख़ाक हो जाते तेरे शहर में हम जैसे भी। इम्तियाज़ खान ने सुनाया ग़ौर करें तो इतना भी वीरान नहीं है अपना दिल, जितनी बातें हम इसकी वीरानी पर लिख देते हैं, दुख तो ये है उसकी भी क़िस्मत में दुख आ जाता है अपने बोसे हम जिसकी पेशानी पर लिख दिया। अजहर इकबाल ने सुनाया ज़िंदगी के कथानक बदल जाएंगे, रूप के सारे मानक बदल जाएंगे, दर्द के गीत बजते रहेंगे यूं ही, गाने वाले अचानक बदल जाएंगे।
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