Ayushman Scheme 88 of 70 Beneficiaries in Moradabad Have Health Cards सत्तर प्लस : बीमार पड़ने से पहले ही बनवाएं आयुष्मान कार्ड, Moradabad Hindi News - Hindustan
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सत्तर प्लस : बीमार पड़ने से पहले ही बनवाएं आयुष्मान कार्ड

Moradabad News - प्रधानमंत्री जनआरोग्य आयुष्मान योजना के तहत मुरादाबाद में सत्तर वर्ष से अधिक उम्र के 88% लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शेष 12% को जल्द से जल्द कार्ड बनाने की...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुरादाबादMon, 26 May 2025 07:59 PM
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सत्तर प्लस : बीमार पड़ने से पहले ही बनवाएं आयुष्मान कार्ड

मुरादाबाद। प्रधानमंत्री जनआरोग्य आयुष्मान योजना के अंतर्गत मुरादाबाद में सत्तर प्लस के 88 फीसदी लोगों के आयुष्मान कार्ड बन गए हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जो 12 फीसदी लोग कार्ड बनवाने से रह गए हैं वह बीमार पड़ने का इंतजार करने के बजाय जल्द से जल्द अपन कार्ड बनवाएं ताकि, अस्पताल में इलाज से पहले इसकी औपचारिकता पूरी करने में लगने वाला समय बच सके। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि मुरादाबाद में 70 प्लस के 75 हजार लोग अनुमानित किए गए थे जिनमें से 65 हजार लोगों के आयुष्मान कार्ड बन गए हैं। सत्तर प्लस के जो दस हजार लोग कार्ड बनवाने से रह गए हैं उन्हें जल्द से जल्द अपना कार्ड बनवाने के लिए कहा जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग में आयुष्मान प्रकोष्ठ के प्रभारी पुनीत जैन ने बताया कि सत्तर प्लस के किसी व्यक्ति के बीमार होने पर अस्पताल पहुंचते ही हाथोंहाथ उसका आयुष्मान कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है, लेकिन, इस प्रक्रिया में लगने वाला समय बचाने के लिए जरूरी है कि लाभार्थी अपना कार्ड पहले ही बनवा लें। जिला अस्पताल समेत जितने अस्पताल आयुष्मान योजना के अंतर्गत नामित हैं वहां पहुंचकर लाभार्थी अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। जनसुविधा केंद्र, साइबर कैफे के साथ ही स्मार्ट फोन के जरिये घर बैठे ही अपना कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए आधार से वेरीफाई कराना होता है। आयुष्मान योजना की वेबसाइट पर सत्तर प्लस के लोगों के कार्ड बनवाने का विकल्प दिया गया है। सत्तर प्लस के लाभार्थियों ने अस्पतालों में बढ़ाए मरीज आयुष्मान योजना में सत्तर प्लस के लोगों के शामिल होने के बाद इस योजना के अंतर्गत अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या करीब चालीस फीसदी बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही निजी अस्पतालों के संचालक भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। अपेक्स अस्पताल के डायरेक्टर डॉ.मगन मेहरोत्रा, सिद्ध अस्पताल के एमडी डॉ.अनुराग मेहरोत्रा का कहना है कि सत्तर प्लस के तमाम मरीज जिन्हें इलाज नहीं मिल पाने की उपेक्षा झेलनी पड़ती थी वह अब आयुष्मान योजना के अंतर्गत अपनी पसंद के अस्पताल में निशुल्क इलाज की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं।

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