Electric Crematorium in Katghar Costly Investment with No Utilization इलेक्ट्रिक शव दाह गृह को न आस्था मिली, न उपयोग, Moradabad Hindi News - Hindustan
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इलेक्ट्रिक शव दाह गृह को न आस्था मिली, न उपयोग

Moradabad News - कटघर के गुलाबबाड़ी में चार करोड़ रुपये की लागत से बने इलेक्ट्रिक शव दाह गृह का एक साल में एक भी शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया। लोगों की धार्मिक परंपराओं और आस्था के चलते इस सुविधा का उपयोग नहीं हो...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुरादाबादFri, 2 May 2025 06:05 PM
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इलेक्ट्रिक शव दाह गृह को न आस्था मिली, न उपयोग

चार करोड़ रुपये की लागत से कटघर के गुलाबबाड़ी में इलेक्ट्रिक शव दाह गृह बनकर तैयार हुए लगभग एक साल का समय बीत चुका है। इस अवधि में एक भी शव का अंतिम संस्कार यहां नहीं किया जा सका। इसका सबसे बड़ा कारण प्रचार-प्रसार का अभाव व लोगों की आस्था न होना माना जा रहा है। धार्मिक परंपराओं और सामाजिक मान्यताओं के चलते लोग इलेक्ट्रिक शव दाह गृह में अंतिम संस्कार करने से परहेज करते हैं। नतीजा यह है कि शव दाह गृह में लगी अत्याधुनिक मशीनें अब कंडम होने लगी हैं। मशीनों के मेंटीनेंस में भी रुपये समय-समय पर खर्च किया जा रहा है।

यहां तैनात कर्मचारी भी सुबह ड्यूटी करने के लिए पहुंचते हैं। शाम को बैरंग लौट जाते हैं। इलेक्ट्रिक शव दाह गृह में एक ओर जहां शव के अंतिम संस्कार पर आने वाले खर्च में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर परंपरागत तरीके के अंतिम संस्कार से होने वाले प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा। स्मार्ट सिटी के चीफ इंजीनियर एके मित्तल ने बताया कि इलेक्ट्रिक शव दाह गृह में एक साथ तीन शवों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है। इससे समय के साथ पैसा भी न के बराबर खर्च होता है। न के बराबर निकलती है कार्बन डाई ऑक्साइड इलेक्ट्रिक शवदाह के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड बहुत कम निकलती है। इसलिए जलाऊ लकड़ी या गैस आधारित दाह संस्कार की तुलना में कार्बन डाइऑक्साइड में उल्लेखनीय कमी आती है। पारंपरिक लकड़ी के दाह संस्कार की तुलना में इलेक्ट्रिक दाह संस्कार पर्यावरण को लेकर भी काफी अच्छा है। लकड़ी और पेड़ों का भी होगा बचाव विद्युत शवदाह गृह से बड़ी संख्या में लकड़ी का बचाव होगा। इससे पेड़ों की भी रक्षा हो सकेगी। एक शव के दहन के लिए तीन से पांच क्विंटल लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। औसत निकाला जाए तो दो शव दहन होने पर एक पेड़ खत्म हो जाता है। इलेक्ट्रिक शव दाह में अंतिम संस्कार करने से लकड़ी का बचाव होगा और पेड़ों की रक्षा हो सकेगी।

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