Holika Dahan 2023 Concerns Over Chemical Colors and Food Safety Amidst Festive Shopping बोले मुरादाबाद : खुशियों में शामिल न करें केमिकल वाले रंग, Moradabad Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsMoradabad NewsHolika Dahan 2023 Concerns Over Chemical Colors and Food Safety Amidst Festive Shopping

बोले मुरादाबाद : खुशियों में शामिल न करें केमिकल वाले रंग

Moradabad News - शहर में होली का उत्सव मनाने के लिए लोग रंग और खाद्य सामग्री खरीद रहे हैं। दुकानदारों को नकली रंगों और मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री से चिंता है। वे हर्बल रंगों की मांग बढ़ने और गुणवत्ता पर ध्यान...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुरादाबादThu, 13 March 2025 06:58 PM
share Share
Follow Us on
बोले मुरादाबाद : खुशियों में शामिल न करें केमिकल वाले रंग

शहर में हर ओर होली का उल्लास है। बाजारों में रंग, अबीर-गुलाल की दुकानें सजी हुई हैं। लोग रंग और खाद्य सामग्री की खरीदारी करने में जुटे हैं। इस बीच रंग और खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदार अच्छे कारोबार की उम्मीद लगा रहे हैं। लेकिन, इनके सामने कई समस्याएं भी हैं। इनमें नकली और हानिकारक रंगों का होना, रंगों की मांग में उतार-चढ़ाव और कीमतों में अनियमितता जैसी दिक्कतें शामिल हैं। दुकानदरों को रंगों की गुणवत्ता और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा का ध्यान रखना पड़ता है। ऑनलाइन खरीदारी और बाजार में रंगों की बढ़ी कीमतों के बीच प्रतिस्पर्धा अधिक है। रंग विक्रेता बताते हैं कि बाजार में मिलावटी रंगों की बिक्री पर रोक लगे तो प्राकृतिक रंग बेचने वाले प्रशासन की कार्रवाई से बच सकेंगे। साथ ही प्राकृतिक रंगों की मांग बढ़ने पर इनकी आय में इजाफा होगा।

होली के त्योहार पर प्राकृतिक रंग, अबीर गुलाल बेचने वाले दुकानदार कारोबार के साथ लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। त्योहार पर शहर के दुकानदार भी उत्साहित हैं। बाजारों में रौनक दिख रही है। दुकानदारों का कहना है कि मिलावटी व्यंजन और रंग सस्ते होने की वजह से ग्राहक खरीद लेते हैं। लेकिन इनसे उनका स्वास्थ्य खराब होने का खतरा रहता है। साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले रंग और खाद्य पदार्थ महंगे होने से बिक्री कम होती है तो दुकानदार अपनी आय को लेकर परेशान होते हैं।

दुकानदार बताते हैं कि रंगबिरंगी पिचकारियों से लेकर गुलाल के विभिन्न रंग बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन खाद्य पदार्थों से लेकर रंगों में भी मिलावट अधिक है। कुछ दुकानदारों का आरोप है कि लोग अधिक मुनाफा कमाने के लिए मिलावट वाले उत्पाद बेच रहे हैं। जो दुकानदार हर्बल रंग और शुद्ध खाद्य पदार्थ बेच रहे हैं, उनके कारोबार पर असर पड़ रहा है।

प्राकृतिक रंग विक्रेताओं का दावा है कि होली पर रंगों को चमकीला बनाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल हो रहा है, जो बाजार में खुलेआम बिक रहे हैं। रंगों में केमिकल से त्वचा, आंख, किडनी, लिवर और फेफड़े में इंफेक्शन का खतरा रहता है। ये कहीं खुशियों को बदरंग न कर दें। इसका विशेष ध्यान रखें। बाजारों में बिक रहे रंगों में लेड ऑक्साइड, कॉपर सल्फेट, पेंट एवं एसिड समेत कई केमिकल का प्रयोग होता है। इससे त्वचा संबंधी एलर्जी, खुजली, लालीपन, जलन, दाने एवं छाले पड़ सकते हैं। इसीलिए मिलावटी रंगों से होली नहीं

खेलनी चाहिए। बताते हैं कि इन रंगों को चमकीला बनाने के लिए कांच का चूर्ण यानी पिसा कांच मिलाया जा रहा है, जो आंखों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। आंखों में रंग पड़ने से रोशनी भी जा सकती है। स्प्रे में भी केमिकल डालकर उन्हें तैयार किया गया है, जो बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा है। काफी खरीदारों ने ऐसे रंगों से दूरी बनाई है, लेकिन अभी भी सस्ते दाम होने के कारण खरीदार इसे खरीद रहे हैं।

बाजार में पिचकारियों की मांग ज्यादा, बच्चों को आ रही पंसद

इस बार होली बच्चों के लिए कुछ खास है। बाजार में आईं पिचकारियों की वैरायटियां इन्हें अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। रंगों के त्योहार को देखते हुए इस बार डोरेमोन और छोटा भीम के साथ नई वैरायटी उपलब्ध है। इसमें बाहुबली पिचकारी, बीन डिजाइन वाली पिचकारी, हैमर और थंडर सिलेंडर, त्रिशूल के साथ पबजी गन पिचकारी भी रंगों की फुहार छोड़ने के लिए उपलब्ध है। कारोबारी बताते हैं कि नई वैरायटी की पिचकारियों का मूल्य 180 रुपये से शुरू होकर 400 रुपये तक है।

चमकीले रंग बनाने के लिए पिसे कांच का प्रयोग

मुरादाबाद। रंग विक्रेता तनुश्री शर्मा बताती हैं कि बाजार में बहुत दुकानों पर रंग बेचे जा रहे हैं, लेकिन अधिकांश दुकानों पर मिलावट वाला रंग बेचा जा रहा है। यह खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि इसमें शामिल केमिकल नुकसानदायक हो सकते हैं। रंग को आकर्षित बनाने के लिए इसमें पिसा कांच भी डाला जाता है, जो बेहद खतरनाक है। इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिससे किसी को नुकसान न हो। दुकानदारों का कहना है कि चमकीले रंगों से लोगों को बचना चाहिए। साथ ही हर्बल रंगों के साथ होली खेलकर खुशियां मनाई जाए।

खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर की जाए कार्रवाई

मुरादाबाद। त्योहार पर मिलावटी खाद्य पदार्थ बाजार में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। वीर बहादुर सिंह ने बताया कि उनकी दुकान पर लगभग 400 रुपये मावा बेचा जा रहा है, लेकिन काफी दुकानें ऐसी हैं जिनपर मिलावट वाला मावा भी बिक रहा है। इससे ग्राहकों का स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। प्रशासन को मिलावट के खाद्य पदार्थ बेचने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए।

बाजार में प्रतिस्पर्धा अधिक, बिक्री कम :

मानपुर के बाजार में रंगों की दुकानें सजी हुईं हैं। इनपर विभिन्न क्वालिटी के रंग उपलब्ध हैं। यहां हर्बल रंग भी उपलब्ध हैं। बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से व्यापारियों की चिंता बढ़ी हुई है। संदीप ने बताया कि 20 दिन पहले से ही होली के लिए रंग बेचने शुरू कर दिए थे, लेकिन हर दुकान पर रंग बिक रहे हैं।

सुझवा एवं शिकायतें

- लोगों का स्वास्थ्य खराब न हो। इससे पहले प्रशासन मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई हो।

- खरीदारों को हर्बल रंगों के प्रति जागरूक होना चाहिए। इन रगों पर सब्सिडी मिलनी चाहिए।

- ऑनलाइन बिक्री करने वालों पर प्रतिबंध लगे तो दुकानों की ओर लोगों का रुझान बढ़ेगा। कारोबार में तेजी आएगी।

- मिलावटी खाद्य पदार्थ, रंग सस्ते होने से प्राकृतिक रंग व अच्छी गुणवत्ता वाले पदार्थ कम बिक रहे हैं।

- बाजार में मिलावटखोरों के साथ सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इससे दुकानदार परेशान हैं।

- ऑनलाइन खरीदारी के चलन से दुकानों की ओर लोगों का रुझान कम है। इससे रंगों का कारोबार प्रवाभित हो रहा है।

हमारी भी सुनें

बाजार में मिलावट वाले रंग धड़ल्ले से बिक रहे हैं। इनका इस्तेमाल करना हानिकारक साबित हो सकता है। ग्राहकों को सोच-समझकर खरीदारी करने की जरूरत है। -तनुश्री शर्मा

40 वर्षों से होली पर रंग बेचता हूं। इस बार भी बदायूं से मुरादाबाद आया हूं। बाजार में बिक्री तो अच्छी हो रही है, उम्मीद है कि सारा माल बिक जाएगा। -मोर सिंह

कई वर्षों से होली के त्योहार पर रंग की दुकान लगा रहे हैं। कई दुकानदार ऐसे हैं जो मिलावटी रंग बेच रहे हैं, उनपर प्रतिबंध लगना चाहिए।

-प्रेम बाबू

खाद्य सामग्री में मिलावट कर बाजार में बेचा जा रहा है। ग्राहकों को शक होता है तो वे बाजार से दूरी बना लेते हैं। इससे बाकी दुकानदारों को नुकसान हो रहा है। -सुनील

बाजार में केमिकल वाले रंग की मांग हर्बल रंग से अधिक हैं, क्योंकि यह कम दाम में उपलब्ध हो जाते हैं। लेकिन यह नुकसानदायक है, लोगों को जागरूक होना चाहिए। -किशन लाल

लोग रंग और खाद्य पदार्थ भी ऑनलाइन खरीद रहे हैं। इन उत्पादों की गुणवत्ता पर भरोसा करना सही नहीं है। बाजार में उपलब्ध उत्पाद को जांच कर खरीदा जा सकता है।

-मुदित शांति

होली पर मावा की मांग अधिक है। बाजार में मिलावटी मावा कम दम में मिल जाता है। इसपर प्रशासन को रोक लगानी चाहिए, इससे स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है।

-वीर बहादुर सिंह

बाजार में दुकानों पर रंग बिक रहे हैं। परचून की दुकानों पर भी रंग बेचा जा रहा है। प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, इससे बिक्री पर असर पड़ रहा है।

-संदीप

मिलावटी रंगों के दुष्प्रभाव के कारण खरीदारों की संख्या कम है। हर्बल रंग भी ग्राहक ले रहे हैं तो बहुत ही देख परख करने के बाद पैकेट खरीद रहे हैं।

-प्रेमपाल सागर

होली के त्योहार पर बिक्री के लिए अधिक मात्रा में नमकीन और अन्य खाद्य पदार्थ तैयार किए हैं, लेकिन मिलावटी सामग्री बेचने वाले दुकानदारों ने बाजार में बिक्री प्रभावित कर दी है। -राजेश

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।