अपनी जेनेटिक काउंसलिंग कराएं, लाडले को थैलेसीमिया से बचाएं
Moradabad News - मुरादाबाद में थैलेसीमिया के मरीजों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए चिकित्सकों ने सलाह दी है कि शादी से पहले पुरुष और महिला को जेनेटिक काउंसलिंग करानी चाहिए। इससे थैलेसीमिया के जीन की पहचान हो सकेगी।...

मुरादाबाद। खून की बीमारी थैलेसीमिया के मरीजों की संख्या मुरादाबाद में बढ़ने को देखते हुए चिकित्सकों ने इसका कहर थामने के लिए जेनेटिक काउंसलिंग अपनाने पर जोर दिया है। चिकित्सकों के मुताबिक, आनुवांशिक बीमारी होने के चलते थैलेसीमिया के मामले बढ़ने से तभी रोका जा सकता है जब शादी से पहले पुरुष और महिला अपनी जेनेटिक काउंसलिंग जरूर कराएं। काउंसलिंग के माध्यम से जांच कराए जाने पर किसी महिला या पुरुष में थैलेसीमिया का जीन होने का पता चल जाएगा। थैलेसीमिया माइनर (अल्पता) से पीड़ित व्यक्ति में थैलेसीमिया के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। पुरुष व महिला दोनों के माइनर होने पर बच्चे के थैलेसीमिया से पीड़ित होने की संभावना बढ़ जाती है।
थैलेसीमिया की बीमारी के फैलने को रोकने के लिए शादी से पहले जेनेटिक काउंसलिंग कराना बहुत जरूर हो गया है। शादी के लिए सिर्फ कुंडली नहीं मिलाकर थैलेसीमिया की जांच कराना बहुत जरूरी है। थैलेसीमिया माइनर से पीड़ित व्यक्ति में इसके कोई लक्षण नहीं दिखते, जबकि, पुरुष व महिला दोनों के माइनर होने से बच्चे के थैलेसीमिया का मरीज बनने की संभावना बढ़ जाती है। थैलेसीमिया से पीड़ित गंभीर मरीजों में लक्षण दिखने के चलते कई लोग शादी से पहले जांच करा लेते हैं। डॉ. संगीता गुप्ता, प्रमुख चिकित्साधीक्षक, जिला अस्पताल अपनी बिरादरी में ही शादी होना थैलेसीमिया के मामले बढ़ने की एक बड़ी वजह माना जाता है। बिरादरी में शादी से पहले पुरुष व महिला को थैलेसीमिया की जांच कराना जरूरी है। अगर दोनों ही थैलेसीमिया माइनर नहीं हैं तो एक ही बिरादरी से जुड़े होने के बावजूद वह शादी कर सकते हैं। इससे बच्चे को थैलेसीमिया का खतरा नहीं होगा। शादी से पहले थैलेसीमिया की जांच कराने वाले जितने ज्यादा बढ़ेंगे इस बीमारी की रोकथाम होने की संभावना उतनी ही बढ़ेगी। डॉ. राजेंद्र कुमार, चिकित्साधीक्षक, जिला अस्पताल शादी के लिए जन्म कुंडली मिलाने के बजाय हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोलेफोरेसिस जांच कराएं। जिससे किसी व्यक्ति में थैलेसीमिया के जीन होने का पता चल जाता है। थैलेसीमिया की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में बार बार हीमोग्लोबिन घटता है और फिर खून की कमी नहीं होने देने के लिए खून चढ़ाना पड़ता है। थैलेसीमिया माइनर के खून में हीमोग्लोबिन दस से ग्यारह के बीच रहता है। मध्यम स्तर के थैलेसीमिया से पीड़ित का हीमोग्लोबिन छह से सात के बीच और थैलेसीमिया मेजर से पीड़ित का हीमोग्लोबिन बहुत कम यानि छह से सात के बीच होता है। डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी, हेमेटॉलॉजिस्ट
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