यूपी में अवैध रूप से रहती मिली बांग्लादेशी महिला, पति ने दो बार निकाह किया लेकिन हुआ ये
यूपी के बाराबंकी में फतेहपुर कोतवाली के ग्राम हसनपुर टांडा में अवैध रूप से रह रही बांग्लादेशी महिला को हिरासत में लिया गया है। गांव का एक युवक बांग्लादेश में निकाह कर इसे टूरिस्ट वीजा पर लाया था। करीब डेढ़ साल पहले वीजा की अवधि समाप्त हो गई।

यूपी के बाराबंकी में फतेहपुर कोतवाली के ग्राम हसनपुर टांडा में अवैध रूप से रह रही बांग्लादेशी महिला को हिरासत में लिया गया है। गांव का एक युवक बांग्लादेश में निकाह कर इसे टूरिस्ट वीजा पर लाया था। करीब डेढ़ साल पहले वीजा की अवधि समाप्त हो गई। पर, वापस न लौट कर महिला यहीं रहती आ रही थी। मामले की सूचना पर आईबी तथा एलआईयू टीम कोतवाली पहुंची। वन स्टाप सेंटर भेज कर महिला से पूछताछ हो रही है।
हसनपुर टांडा निवासी सलमान दुबई में नौकरी करता है। वहां उसकी दोस्ती बांग्लादेश निवासी एक युवक से हो गई। उसने सलमान से अपनी बहन आसमाउल खां 27 वर्ष, का विवाह करा देने की बात की। इस पर दो वर्ष पहले बांग्लादेश पहुंच कर सलमान ने युवती से वहीं निकाह कर लिया। बाद में आसमाउल का टूरिस्ट वीजा बनवा कर उसे गांव ले आया। 29 अगस्त 2023 को यहां सलमान ने उससे फिर निकाह रचा लिया। जनवरी 2024 में आसमाउल के वीजा की अवधि समाप्त हो गई।
महिला वापस बांग्लादेश न लौट कर वह अवैध रूप से यही रहने लगी। दोनों के एक 10 माह की पुत्री अजरा है। उधर, 12 जनवरी 25 को सलमान नौकरी पर वापस दुबई चला गया। तभी से आसमाउल अपनी सास के साथ गांव में रहती आ रही थी। आसमा बांग्लादेश के बीओ लाइन, बरुआ अड्डा, जिला कोमिला निवासी रहमत अली की पुत्री है। महिला के पास बंग्लादेश का पहचान पत्र मिला है।
ग्रामीणों को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस व अन्य अधिकारियों से की। मंगलवार को सीओ जगतराम कन्नौजिया के नेतृत्व में हसनपुर टांडा पहुंची पुलिस आसमाउल को अपने साथ कोतवाली ले आई। पुलिस की पूछताछ में धांधली का खुलासा हो गया। सूचना पर आईबी तथा खुफिया विभाग की टीमें फतेहपुर पहुंची। इन्होंने आसमा से जरूरी जानकारी हासिल कर उसे जिले के वन स्टाप सेंटर पहुंचा दिया। जहां जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर जांच में जुटी है।
बेटी का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के दौरान खुलासा
आसमाउल का पति सलमान अपनी 10 माह की बेटी के जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए दौड़ भाग शुरू की तो बेटी की माता का आधार मांगा गया। उसके लिए आधार कार्ड के लिए जब प्रक्रिया शुरू हुई तो गांव वालों को महिला के बंग्लादेशी होने की बात पता चली। ग्राम प्रधान से लेकर सचिव से परिवार रजिस्टर पर आसमाउल का नाम बढ़ाने और आधार बनवाने की मांग कर रहा था। इसकी जानकारी प्रधान व सचिव को होने के बाद भी सूचना पुलिस को नहीं दी गई।
दूसरी ओर एलआईयू तंत्र भी ऐसे मामले में उदासीन रहा। ग्रामीणों की शिकायत पर भी ध्यान नहीं दिया गया। सीओ फतेहपुर, जगतराम कन्नौजिया ने कहा कि संबंधित महिला को वन स्टाप सेंटर में रखा गया है। मामले की जांच शुरू हुई है। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे कार्रवाई होगी।