मम्मी-पापा मुझे माफ करना...फेसबुक लाइव कर युवक ने दी जान; एक-एक कर खा लीं 5 गोलियां
- उसके पास तीन पन्ने का सुसाइड नोट था। उसे पढ़कर वह बोल रहा था कि मम्मी-पापा मुझे माफ करना, मैं अब आगे और नहीं चल पाऊंगा, मेरा जीवन बस इतना ही था। इसी दौरान उसने अपने जेब से जहर की गोलियों से भरा डिब्बा निकाला। उसने एक-एक कर पांच गोलियां खा लीं। परिजन मौके पर पहुंचे तो अंकुर अचेत पड़ा था।

गोरखपुर के कैंपियरगंज इलाके में शनिवार को एक युवक ने फेसबुक पर लाइव होकर जहर खा लिया। अचेत अवस्था में परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। फेसबुक लाइव के अंत में वह बोला कि वह अपनी स्वेच्छा से जहर खा रहा है। इसमें परिवार के किसी सदस्य का कोई दोष नहीं है।
ग्रामीणों ने बताया कि कैंपियरगंज क्षेत्र के खजुरगांवा निवासी रमेश द्विवेदी का पुत्र अंकुर द्विवेदी (उम्र 19 वर्ष) शनिवार अपराह्न करीब 3 बजे घर के पास स्थित अलेनाबाद बाग से फेसबुक पर लाइव हुआ। उसके पास तीन पन्ने का सुसाइड नोट था। उसे पढ़कर वह बोल रहा था कि मम्मी-पापा मुझे माफ करना, मैं अब आगे और नहीं चल पाऊंगा, मेरा जीवन बस इतना ही था। इसी बीच उसने अपने जेब से जहर की गोलियों से भरा डिब्बा निकाला और एक-एक कर पांच गोलियां खा लीं। परिजन मौके पर पहुंचे तो अंकुर अचेत पड़ा था। एंबुलेंस से उसे गोरखनाथ क्षेत्र के निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज उसकी मौत हो गई।
अपनी मर्जी से जहर खा रहा हूं
लाइव होने के बाद उसने माता-पिता से माफी मांगी फिर सभी रिश्तेदारों-पटीदारों के भी नाम लेकर उनसे माफी मांगी। आखिरी में बोला कि वह अपनी स्वेच्छा से जहर खा रहा है। इसमें उसके परिवार के किसी सदस्य का कोई दोष नहीं है। उन्हें परेशान न किया जाए। फेसबुक पर यह सब देख कई लोगों ने कमेंट के माध्यम से उसे रोकने की कोशिश की। कुछ लोगों ने कॉल कर रोकना चाहा। इसी बीच किसी ने परिजनों को सूचना दी। परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसकी मौत हो गई।
ग्रामीणों के मुताबिक अंकुर जिद्दी था। छोटी-छोटी बात पर नाराज हो जाता था। संभवत: घर पर किसी ने डांटा है, इसके बाद उसने खुदकुशी की है। वहीं कैंपियरगंज पुलिस का कहना है कि जांच-पड़ताल की जा रही है।
नौ अप्रैल को हुआ था जनेऊ संस्कार
ग्रामीणों ने बताया कि रमेश द्विवेदी गिट्टी-बालू की सप्लाई करते हैं। नौ अप्रैल को उनके नए घर का गृहप्रवेश था। उसी दिन अंकुर का जनेऊ संस्कार भी था। रमेश द्विवेदी के दो बेटे थे, जिसमें अंकुर बड़ा था। पिता रमेश भी हतप्रभ हैं। बोले कि अभी कुछ ही दिन पूर्व धूमधाम से बेटे का जनेऊ किया था, अचानक जाने कैसे यह हो गया।