यूपी के इन 4512 स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती अब राजकीय के नियमों से, ये है तैयारी
- एक ही बोर्ड के स्कूलों में 2 अलग-अलग संस्थाओं में भिन्न शैक्षिक योग्यता के आधार पर भर्ती के कारण विवाद रहता है। यूपी बोर्ड ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। 100 साल से अधिक पुराने इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 पर टीजीटी-पीजीटी की बजाय राजकीय स्कूलों में एलटी ग्रेड, प्रवक्ता नियमावली पर चयन करें।

उत्तर प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के पदों पर भर्ती अब राजकीय विद्यालयों की चयन नियमावली पर करने की तैयारी है। एक ही बोर्ड के स्कूलों में दो अलग-अलग संस्थाओं में भिन्न शैक्षिक योग्यता के आधार पर भर्ती के कारण विवाद की स्थिति बनी रहती है। यूपी बोर्ड ने शासन को प्रस्ताव भेजा है कि 100 साल से अधिक पुराने इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 पर टीजीटी-पीजीटी की बजाय राजकीय स्कूलों में एलटी ग्रेड और प्रवक्ता नियमावली पर चयन करें।
9043 पदों पर भर्ती
2460 राजकीय हाईस्कूल,इंटर कॉलेजों में एलटी,प्रवक्ता के 9043 पदों पर भर्ती होगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को रिक्त पदों की सूचना भेजी जा चुकी है। इनमें सहायक अध्यापक के 7385 (2525 महिला,4860 पुरुष) प्रवक्ता के 1658 पद हैं। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी के 3539,पीजीटी के 624 कुल 4163 पदों पर भर्ती परीक्षा नवगठित आयोग कराएगा।
एक ही तरह के पदों के लिए दो योग्यता
राजकीय विद्यालयों की एलटी और प्रवक्ता भर्ती उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से होती है, एडेड कॉलेजों में टीजीटी-पीजीटी शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग को मिली है। नए आयोग के गठन से पहले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड टीजीटी-पीजीटी का चयन करता था। टीजीटी-पीजीटी का चयन इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में दी गई शैक्षिक योग्यता के आधार पर किया जाता है।
104 साल पुराने एक्ट में टीजीटी कला विषय की भर्ती के लिए लाहौर के मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स की टीचर्स सीनियर सर्टिफिकेट परीक्षा मान्य है। जबकि इस भर्ती के लिए बीएफए और एमएफए जैसी उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले अभ्यर्थियों को बाहर रखा गया है।
इसके अलावा हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान विषय अलग से नहीं पढ़ाया जाता, लेकिन जीव विज्ञान शिक्षकों की भर्ती होती है। इसे लेकर पिछली भर्तियों में काफी विवाद हुआ और बेरोजगारों ने हाईकोर्ट में सैकड़ों याचिकाएं भी कीं, लेकिन नियमावली में संशोधन नहीं हो सका। 2016 में यूपी बोर्ड की तत्कालीन सचिव नीना श्रीवास्तव ने भी नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन कुछ नहीं हो सका।
दूसरी ओर राजकीय विद्यालयों की एलटी और प्रवक्ता भर्ती नियमावली हाल ही में संशोधित की गई है। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह का कहना है कि टीजीटी-पीजीटी भर्ती राजकीय विद्यालयों की नियमावली के आधार पर करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग को सूचना दी जाएगी।