जंगल किनारे खेतों में गन्ने की बोबाई को लेकर दी जानकारी
Pilibhit News - जंगल से लगे गांवों के किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए जानकारी दी गई। गन्ना विकास परिषद की गोष्ठी में किसानों को बताया गया कि जंगल के पास जंगली जानवरों से फसलों को नुकसान होता है। उन्हें बेहतर गन्ना...

जंगल से सटे गांवों के लोगों को जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा को लेकर जानकारी दी गई। किसानों को गन्ने की अलग किस्म के बीज होने के लिए प्रेरित किया गया। गन्ना विकास परिषद के गांव कीरातपुर मे किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में किसानों को बताया कि उनका गांव जंगल से लगा हुआ है। इसलिए जंगली जनवरी जैसे नीलगाय, स्याही, जंगली सूअर आदि गन्ने की फसल का बहुत नुकसान करते हैं। नुकसान अधिक होने के कारण गन्ने की पैदावार कम निकलती है। जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव ने किसानों को बताया कि जंगल के पास के खेतों में को. 98014, को.लख.94184, को. लख.14201 जैसी गन्ना किस्मों की बुवाई करें। गन्ने की बुआई कम से कम चार फीट की दूरी पर करे। लाइन से लाइन की दूरी अधिक होने से खरपतवार नियंत्रण मे सुविधा रहती है तथा जंगली जानवरोंसे नुकसान भी कम होता है। जंगली जानवरों से फसल सुरक्षा के लिए जाल या बाड़ लगाये। इस अवसर पर एलएच चीनी मिल के जीएम गन्ना केवी शर्मा ने बताया गया कि गन्ना बोने से पहले बीज का उपचार अवश्य कर लेंl चीनी मिल द्वारा बहुत ही कम कीमत पर ट्राईकोडर्मा तरल दिया जा रहा है। गोष्ठी में ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक संजय श्रीवास्तव , जोनल मैनेजर एलएच चीनी मिल पुष्पेंद्र, गन्ना पर्वेक्षक शैलेन्द्र पटेल, परगट सिंह, रूबल सिंह, अमरजीत सिंह, सुखदेव सिंह, गुरविंदर सिंह व अन्य लोग उपस्थित रहे।
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