बोले बेल्हा असर : 407 अमृत सरोवर लबालब, 486 में नहर से भरा जा रहा पानी
Pratapgarh-kunda News - प्रतापगढ़ में हिन्दुस्तान अखबार की रिपोर्ट के बाद डीएम शिव सहाय अवस्थी ने सूखे अमृत सरोवरों में पानी भरने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने 407 तालाबों में पानी भरना शुरू कर दिया है, जिससे ग्रामीणों और...
प्रतापगढ़, संवाददाता। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में बोले बेल्हा अभियान के तहत लाखों रुपये खर्च कर बनवाए गए अमृत सरोवर (मॉडल तालाब) में उड़ रही धूल की खबर प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने के बाद डीएम शिव सहाय अवस्थी ने इसे गंभीरता से लिया है। डीएम ने खबर को संज्ञान में लेकर जिले के सभी विकास खंड के बीडीओ को अमृत सरोवरों में पानी भराने का निर्देश दिया था। इसके बाद सक्रिय हुए अफसरों ने अमृत सरोवरों में अलग-अलग स्रोत से पानी भराने की तैयारी तेज कर दी थी। अप्रैल में ही सूर्यदेव की बढ़ती तपिश के बाद भी जिले की ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये खर्च कर बनवाए गए प्रशासन के मॉडल तालाबों के सूखे होने की खबर आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने बोले बेल्हा अभियान के तहत 15 अप्रैल के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसमें यह दर्शाया गया था कि तेज धूप और गर्मी में तालाब सूखे होने से पशु-पक्षी प्यास से हलाकान हो रहे हैं। इससे तालाबों का निर्माण कराने की शासन की मंशा पूरी नहीं हो रही है। इस खबर को गंभीरता से लेकर डीएम शिवसहाय अवस्थी की ओर से निर्देश जारी कर अफसरों को सख्त निर्देश दिया गया कि सूखे तालाबों में पानी भराने के लिए अफसर नहर, सरकारी नलकूप, माइनर, निजी साधनों को स्रोत के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। इससे सक्रिय हुए अफसरों ने अपने अपने इलाके के अमृत सरोवरों में पानी भराना शुरू कर दिया है। दो दिन में जिले के 893 अमृत सरोवर के सापेक्ष 407 तालाब पानी से लबालब दिखने लगे हैं। शेष 486 तालाबों में नहर सहित अन्य स्रोत से पानी भराने की कवायद शुरू कर दी गई है। अफसरों का दावा है कि अगले दो दिन में जिले के सभी अमृत सरोवर पानी से लबालब कर दिए जाएंगे। इससे ग्रामीणों के साथ पशु पक्षियों को राहत मिलेगी और जलस्तर में भी सुधार आएगा।
रिपेयर कराए गए 1077 हैंडपंप
भीषण गर्मी में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के लिए डीएम के निर्देश पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के 1077 इंडिया मार्का हैंडपंप प्रशासन की ओर से रिपेयर कराए जा चुके हैं। जबकि 207 हैंडपंप रिपेयर कराने की प्रक्रिया चल रही है। अफसरों ने गर्मी की शुरुआत में ही सर्वे कराकर खराब हैंडपंप चिह्नित करा लिया था।
इनका कहना है
डीएम के निर्देश पर जिले के सभी अमृत सरोवर और पोखरों में अलग अलग स्रोत से पानी भराया जा रहा है। 407 तालाबों में पानी भराया जा चुका है। शेष तालाबों में भी पानी भराया जा रहा है। दो दिन में सभी तालाब पानी से लबालब कर दिए जाएंगे।
-दयाराम यादव, प्रभारी डीडीओ
ग्रामीण बोले, धन्यवाद 'हिन्दुस्तान'
गर्मी के मौसम में लाखों की लागत से बनाए गए प्रशासन के मॉडल तालाब सूखे पड़े थे। इससे ग्रामीणों के साथ पशु-पक्षी भी बेहाल थे। सबसे बड़ी समस्या मवेशियों के लिए थी। बार-बार शिकायत के बाद भी जिम्मेदार तालाबों में पानी भराने की व्यवस्था नहीं कर रहे थे। हिन्दुस्तान ने ग्रामीणों की यह समस्या प्रमुखता से प्रकाशित की। जिसे संज्ञान लेकर डीएम ने अफसरों को पानी भराने का निर्देश दिया। तालाबों में पानी भराने से बड़ी राहत मिली है। इसके लिए पूरे हिन्दुस्तान परिवार को धन्यवाद।
मुजीबुल अंसारी
पानी इंसान के साथ पशु-पक्षियों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, खासतौर पर गर्मी के दिनों में इसका महत्व और बढ़ जाता है। पशु, पक्षियों के लिए पानी उपलब्ध कराने और जलस्तर मेंटेन रखने के लिए प्रशासन की ओर से लाखों रुपये खर्च कर ग्रामीण इलाकों में मॉडल तालाब बनाए गए लेकिन इनमें पानी भराने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। नतीजा गर्मी में भी यह तालाब सूखे थे। ग्रामीणों की इस समस्या को हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो अफसर सक्रिय हो गए और आनन फानन तालाबों में पानी भराया जा रहा है। इसके लिए हिन्दुस्तान को धन्यवाद।
मेजान अंसारी
मनरेगा खाते से लाखों रुपये खर्च कर ग्राम पंचायतों में मॉडल तालाब का निर्माण कराया गया है। जिसमें बरसात के मौसम को छोड़ दें तो कभी पानी नही रहता। ऐसे में तालाबों का निर्माण कराने की शासन की मंशा पूरी नहीं हो रही थी। खास बात यह कि तालाबों की देखरेख की जिम्मेदारी संभाल रही ग्राम पंचायतें भी इसमें पानी भराने को लेकर गंभीर नहीं हैं। यही कारण है कि तालाबों में बड़ी बड़ी झाड़ियां उगी हुई हैं। इस समस्या को हिन्दुस्तान ने बोले बेल्हा अभियान के तहत प्रकाशित किया तो तालाबों में पानी भराने की कवायद शुरू हो गई। इस सहयोग के लिए पूरी हिन्दुस्तान टीम को बधाई।
विकास तिवारी
ग्रामीणों और पशु पक्षियों को पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायतों में मॉडल तालाब का निर्माण कराया गया लेकिन इसमें पानी भराने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। नतीजा गर्मी का मौसम शुरू होने पर इन तालाबों में धूल उड़ती नजर आती थी। जबकि गर्मी के दिनों में पशु पक्षियों को पानी की सबसे अधिक जरूरत पड़ती है। इस समस्या को हिन्दुस्तान ने बोले बेल्हा अभियान के तहत प्रकाशित किया। इसके बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि अफसरों ने सूखे तालाबों में अभियान के तहत पानी भराना शुरू कर दिया है। अधिकतर तालाब पानी से लबालब कर दिए गए हैं। इस पहल के लिए पूरे हिन्दुस्तान परिवार को धन्यवाद।
रमाशंकर जायसवाल
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