बोले प्रयागराज : पार्क का न रख सके ख्याल, कम से कम प्रधानमंत्री के नाम की रख लेते लाज
Prayagraj News - प्रयागराज में महाकुम्भ से पहले बनाए गए पार्क की हालत बेहद खराब हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद से यह पार्क देखरेख की कमी का शिकार हो गया है। पौधे सूख रहे हैं, घास की कटाई...
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। महाकुम्भ से पहले संगम क्षेत्र में लगभग 2000 वर्ग मीटर का एक भव्य पार्क बनाया गया। पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। करोड़ों की लागत से बनाया गया पार्क महाकुम्भ के बाद बदहाल पड़ा है। धीरे-धीरे मानो पार्क का वजूद ही खत्म हो रहा है। इसकी देखरेख में लापरवाही हो रही है। यही हाल रहा तो साल भर में पार्क का वजूद समाप्त ही हो जाएगा। पार्क के अंदर लगाए गए अलग-अलग तरह के पौधे सूख रहे हैं। पौधों को पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्क में घास की कटाई नहीं हो रही है। इसकी रेलिंग टूट रही है। पार्क के बाहर मार्ग पर पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है।
दारागंज में गंगा मूर्ति चौराहा और शास्त्री ब्रिज के बीच पार्क का अधूरा काम रोक दिया गया है। पार्क किनारे ठहरा पानी मच्छरों का घर बन गया है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान की टीम ‘बोले प्रयागराज के तहत पार्क का मुआयना करने पहुंची तो इसकी हालत देखकर साफ लग रहा था कि महाकुम्भ के बाद इसे भुला दिया गया है। पार्क में यज्ञशाला का निर्माण ठप है। अधूरी यज्ञशाला में अब जीव-जंतुओं का बसेरा बन गई है। एक मूर्ति लगाने के लिए बनाए जा रहे चबूतरे का काम रोक दिया गया है। पास में एक मूर्ति ढकी रखी हुई है। पार्क में खोदा गया गड्ढा ऐसे ही पड़ा है। इसमें कुछ मशीनें भी पड़ी हैं। पार्क के आसपास से रोज आने-जाने वाले अब पार्क की हालत देखकर अफसोस जता रहे हैं।
दारागंज श्मशान घाट पर शव लेकर आने वाले लोग पार्क की बदहाली देखने के बाद एक ही सवाल पूछते है, देखभाल नहीं करनी थी तो पार्क बनाया ही क्यों। पार्क के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च हुए। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस पार्क का लोकार्पण किया, उसकी हालत इतनी खराब कैसे हो सकती है। अधिकारी क्यों नहीं पार्क के रखरखाव पर ध्यान देते। क्या अधिकारियों ने पार्क को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। आसपास के लोगों से बातचीत के दौरान पता चला कि लोक निर्माण विभाग ने पार्क बनाया है। महाकुम्भ के पहले पार्क का निर्माण पूरा नहीं हुआ और प्रधानमंत्री से लोकार्पण करा दिया। तब कहा जा रहा था कि महाकुम्भ के बाद रुके निर्माण फिर शुरू होंगे। महाकुम्भ के दौरान पार्क की 24 घंटे देखभाल होती थी। लोगों ने ही बताया कि महाकुम्भ बीत गया पर पार्क का अधूरा काम शुरू नहीं सका। पार्क में अधूरे काम जस के तस पड़े हैं। अब तो इसका रखरखाव भी नहीं हो रहा है। लोगों के मुताबिक यही हाल रहा तो पार्क का अस्तित्व ही मिट जाएगा और इसकी शुरुआत हो गई है। पौधे सूख रहे है। कुछ रेलिंग टूट रही है तो कई रेलिंग चोरी हो गई।
उखड़ने लगी पार्क के पास की सड़क
महाकुम्भ के पहले पार्क के दोनों ओर रोड का भी निर्माण किया गया। त्रिवेणी बांध की मरम्मत हुई और इसके पास ही गंगा पथ बनाया गया। गंगा पट्टू सुरक्षित है, लेकिन बांध की रोड जगह-जगह टूट रही है। टूटे मार्ग को देखकर लोग इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
पानी निकासी की व्यवस्था नहीं
पार्क की बाउंड्री के बाहर आज भी बारिश का पानी है। यहां पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। इसमें मच्छरों की भरमार है। पार्क के पास रहने वाले वाले बताते हैं कि पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है इसी वजह से यह हाल है। यहां पहले से ही लोग मच्छरों से परेशान थे। पार्क के पास गंदा पानी भरा होने से यहां मच्छरों का प्रकोप और बढ़ गया है। गंदा पानी न निकाला जा रहा है और न ही कीटनाशक का छिड़काव हो रहा है।
शिकायतें
-पार्क का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया।
-पार्क में लगी रेलिंग की गुणवत्ता खराब है।
-पार्क में लगे पौधों की सिंचाई नहीं हो रही।
-अराजकतत्वों का अड्डा बन रहा है।
-पार्क के बाहर सड़क टूट रही है।
सुझाव
-पार्क के अधूरे निर्माण पूरे हों।
-पार्क की टूटी रेलिंग फिर से लगे।
-पार्क पर हुए खर्च की जांच हो।
-पौधों को नियमित सिंचाई हो।
-पार्क के आसपास सुरक्षाकर्मी तैनात हों।
--हमारी भी सुनें--
पार्क का रखरखाव ठीक से हो। बैठने की समुचित व्यवस्था हो। शेड लगाया जाय, जिससे दूर-दूर से अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोग पार्क का उपयोग कर सकें। यहां रुक कर विश्राम कर सकें।--जितेन्द्र कुमार
यहां दूर-दूर से लोग अंत्येष्टि के लिए आते हैं। जिन्हें बैठने और पीने के पानी के लिए इधर-उधर जगह तलाशनी पड़ती है। पार्क होने के बावजूद लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इस पर ध्यान देना होगा।-- कुलदीप सोनकर
पार्क तो बना दिया गया लेकिन इसका उचित रखरखाव न करने के कारण पौधे सूख रहे हैं, घास भी झुलस गई है। पार्क का सुंदरीकरण कर इसे उपयोग लायक बनाना चाहिए ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके।-राजेश
पार्क बनने के बाद भी किसी मतलब का नहीं है। दूरदराज से आए लोगों को पुल के नीचे बैठना पड़ता है। पुल न होता तो लोगों को छांव भी नसीब न होती। पार्क में पेयजल, बेंच, शेड आदि की सुविधा होनी चाहिए।-बबलू
पार्क में लगे पेड़ पौधे सूख रहे हैं, हर तरफ गंदगी फैली है, बैठने की सुविधा भी नहीं है, जिससे लोग पार्क में नहीं आते। शव लेकर दूर-दूर से आने वाले लोगों को चाय पान की दुकानों और पुल के नीचे बैठना पड़ता है।- निरंजन लाल
पार्क में पेयजल, शौचालय, बेंच और शेड लगाया जाए। छायादार पेड़ लगे तो लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा। जब कोई सुविधा ही नहीं है और पार्क वीरान पड़ा है तो यहां कौन आएगा। जिम्मेदारों को इस पर ध्यान देना होगा।--टीएन सोनकर
भारी भरकम बजट खर्च कर पार्क बनाया गया लेकिन सुविधा कुछ भी नहीं है। बाढ़ आने पर सारा निर्माण ध्वस्त हो जाएगा। यहां पक्का और स्थायी निर्माण होना चाहिए। शौचालय, पेयजल यात्री शेड आदि बनने चाहिए।- ईश्वर लाल
यहां पर न बैठने की उचित व्यवस्था है, न ही पीने के पानी का इंतजाम किया गया है। विभिन्न स्थानों से आने लोगों को यदि सुविधा मिले तो लोक पार्क का उपयोग कर सकेंगे। बदहाल पार्क में कौन बैठना पसंद करेगा।-त्रिलोक कुमार
मेला के दौरान बनाया गया पार्क अनदेखी के कारण बदहाल पड़ा है। पौधे सूख रहे हैं, हर तरफ गंदगी बिखरी है। पार्क की रेलिंग भी कई जगह से तोड़ दी गई है। जिम्मेदार ध्यान देते तो पार्क की यह दशा न होती।-नरेश कुमार
यहां छायादार पेड़ होते, शेड लगा होता और पानी आदि की व्यवस्था होती तो लोगों को इसका लाभ मिलता, बाहर से आने वाले लोग यहां बैठकर विश्राम कर सकते थे, लेकिन जो पेड़ लगाए गए हैं वह भी दम तोड़ रहे हैं।-भीम
मेला के दौरान यह पार्क बनाया गया और कुछ माह में ही इसकी यह दशा हो गई है तो किस कदर इसकी उपेक्षा की गई है समझा जा सकता है। जिम्मेदार इस पर ध्यान दें तो पार्क की हालत फिर से ठीक हो सकती है।-बीरू
अंतिम संस्कार के लिए लोग जिले के विभिन्न स्थानों सहित कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और रीवां तक से आते हैं। यदि पार्क का रखरखाव कर इसे उपयोग लायक बना दिया जाय तो लोगों को काफी सहूलियत होगी।-दीपू
पार्क तो अच्छा बना है और काफी बड़ा भी है, लेकिन इसकी देखरेख नहीं की जा रही है, जिससे यहां बदहाली का बोलबाला है। अधिकारी ध्यान दें तो पार्क की दशा सुधर सकती ह्रै और लोग को सुविधा होगी।- जगदीश
यहां न तो शौचालय है न ही पानी की व्यवस्था, बैठने की उचित व्यवस्था भी नहीं की गई है। इतनी भारी लागत से बने पार्क में यदि व्यवस्था की जाती तो लोग इससे लाभान्वित हो सकते थे, लेकिन इसे बदहाल छोड़ दिया गया।- दीपक
महाकुम्भ के दौरान बने पार्क की रेलिंग तोड़ दी गई है, जगह-जगह कूड़ा-कचरा पड़ा है। पेड़ सूख रहे हैं। घास झुलस रही है। पार्क में हर तरफ अव्यवस्था साफ देखी जा सकती ह्रै। अधिकारी इस पर ध्यान दें।-आदित्य
जब पार्क बना था तो यहां हरियाली दिखती थी, साफ-सफाई भी होती थी, लेकिन मेला के बाद पार्क को उसके हाल पर छोड़ दिया गया, जिसके कारण यहां लगे पौधे सूखने लगे हैं, हर तरफ गंदगी दिखती है।- गुरु प्रसाद
पार्क में नागरिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएं तो लोगों को काफी सुविधा मिल सकेगी। सुविधा न होने के कारण लोग पुल के नीचे सड़क पर बैठते हैं। पीने के लिए भी पानी भी चाय पान की दुकानों से लेना पड़ता है।- राहुल त्रिपाठी
जिम्मेदारों ने ध्यान दिया होता तो पार्क की दुर्दशा न होती। पार्क बना कर छोड़ दिया गया और किसी जिम्मेदार ने यह नहीं देखा कि यह किस हाल में है। जिम्मेदार ध्यान दें तो पार्क की सूरत बदल जाए।-ओम प्रकाश कुशवाहा
बोलीं पार्षद
महाकुम्भ के बाद पार्क का काम ही बंद कर दिया गया। पार्क में पौधे सूख रहे हैं। सफाई नहीं होती। लोगों के बैठने की जगह नहीं है। पार्क के अंदर अक्सर जानवर भी देखे जा रहे हैं। पार्क का अधूरा निर्माण शुरू करने और मवेशियों को पकड़ने के लिए कहा है। अधिकारियों से आग्रह किया, लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ।-अनुपमा पांडेय, पार्षद, दारागंज
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।