असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी के पेपर से संतुष्ट नहीं अभ्यर्थी
Prayagraj News - प्रयागराज में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसरों की परीक्षा में हिंदी विषय के प्रश्नपत्र को लेकर अभ्यर्थियों में असंतोष है। उन्होंने सोशल मीडिया पर विरोध जताया है,...
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 910 पदों पर चयन के लिए लिखित परीक्षा गुरुवार को संपन्न हो गई। गुरुवार को दूसरी पाली में हिन्दी विषय की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी प्रश्नपत्र से संतुष्ट नहीं हैं और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। अभ्यर्थियों का दावा है कि असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी की नियुक्ति के लिए तत्कालीन उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग ने वर्ष 2021 में हिंदी विषय का एक वृहद पाठ्यक्रम तैयार किया था। उस पाठ्यक्रम में तकरीबन आठ से दस हजार की किताबें शामिल की गईं थी। संशोधित पाठ्यक्रम पर आधारित अब तक दो परीक्षाएं कराई जा चुकी हैं और दोनों में पाठ्यक्रम में शामिल पाठ्य पुस्तकों की भूमिका का कोई वजूद नहीं रहा। इस बार यानी 2025 में तो बिल्कुल ही नहीं। अभ्यर्थियों का कहना है कि पाठ्यक्रम में शामिल कविता, कथा और कथेतर साहित्य एवं उसकी पुस्तकों को नजरअंदाज किया गया। पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तकों से कोई प्रश्न नहीं पूछे गए। अनेक उपन्यास, कहानियां, निबंध आदि लगे हैं, बावजूद इसके ऊटपटांग सवाल पूछे गए थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।