बोले प्रयागराज : एक रुपये का पर्चा, 20 रुपये का पानी, ताला बयां करता शौचालय की कहानी
Prayagraj News - प्रयागराज के तेज बहादुर सप्रू अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को गर्मी में पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में वाटर कूलर खराब हैं और पानी की उपलब्धता नहीं है, जिससे बाहर से...
प्रयागराज, संवाददाता। जल ही जीवन है। गर्मी में जल किसी दवा से कम नहीं है। तपती दोपहरी में किसी को तरुवर की शीतल छांव और शीतल जल मिल जाए तो इससे बढ़कर क्या हो सकता है। लेकिन, शहर के तेज बहादुर सप्रू (बेली) अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और तीमारदारों का कहना है कि अस्पताल में एक रुपये में दवा मिल जाती है लेकिन दवा खाने के लिए 20 रुपये का बोतलबंद पानी बाहर से खरीदना पड़ता है। पानी के अभाव में शौचालय में ताला लगा है। 30 बेड का रैन बसेरा है लेकिन उसमें भी ताला लटक रहा है। मार्च-अप्रैल में भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगा है। आने वाले दिनों में गर्मी और विकराल होगी। ऐसे में अस्पताल में यदि सभी वाटर कूलर शीतल पेयजल देंगे तो हजारों मरीजों और उनके तीमारदारों को राहत मिलेगी।
शहर में तेज बहादुर सप्रू (बेली अस्पताल) अपनी बनावट और व्यवस्थित चिकित्सा संसाधन को लेकर विशिष्ट स्थान रखता है। कारण कि एक तो यह अस्पताल मुख्य मार्ग पर स्थित है। दूसरा उसके आसपास अति विशिष्ट लोगों का आवास, सीएमओ कार्यालय, जिला टीबी कार्यालय आदि है। स्वंत्रता सेनानी और इलाहाबाद हाईकोर्ट के तेज तर्रार अधिवक्ता रहे तेज बहादुर सप्रू के नाम से बने इस अस्पताल के नाम कई उपलब्धियां भी दर्ज हैं। लेकिन, अस्पताल में इस समय मरीज और तीमारदार पेयजल के लिए भटक रहे हैं। दूर-दराज से आने वाले मरीज यदि अपने साथ पानी लेकर अस्पताल न आएं तो उनका गला तर नहीं होगा। हालांकि अस्पताल में कुछ स्थान पर वाटर कूलर लगाए गए हैं पर वह भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। जबकि मौसम में बदलाव के साथ तपिश भी बढ़ रही है। मार्च में दो दिन प्रयागराज प्रदेश में सबसे गर्म रहा। ओपीडी में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बीच अस्पताल के मुख्य गेट, एमआरआई जांच केंद्र के सामने, रक्त संग्रह कक्ष के बगल लगे वाटर कूलर और उसके बगल में लिखा शुद्ध पेयजल मरीजों, तीमारदारों, अस्पताल कर्मियों, इंटर्नशिप कर रहे छात्र-छात्राओं, अस्पताल के मजदूरों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। गर्मी में प्यास से व्याकुल लोग वाटर कूलर की तरफ आते हैं लेकिन वहां जमी धूल, सूखी पत्ती और गंदगी को देखकर मायूस हो जाते हैं। ओपीडी के पास लगे एक वाटर कूलर में पानी जरूर आता है लेकिन उसके आसपास गंदगी देखकर लोग नाक बंद कर लेते हैं।
कहीं ताला तो कही मशीन कबाड़, टोटियां भी सूखीं
अस्पताल में प्रतिदिन 1500 से अधिक मरीज आते हैं। इसमें प्रयागराज के आसपास के जिलों के भी मरीज शामिल हैं। अस्पताल में प्रवेश करते समय दाईं तरफ एक अनुदान में मिला वाटर कूलर लगा है लेकिन उसमें पानी की सप्लाई नहीं होती। प्राइवेट वार्ड के दाईं तरफ स्थित रक्त संग्रह कक्ष के पास लगे वाटर कूलर में भी पानी नहीं आता। उधर, पानी के अभाव में पुरुष व महिला शौचालय में ताला लगा है। एमआरआई केंद्र के सामने बने आरओ वाटर प्लांट में ताला बंद है। उसके अंदर की मशीन कबाड़ हो गई है। कक्ष के बाहर निकली टोटी सूखी है। नेत्र विभाग और सीटी स्कैन के पास नल से पानी तो निकलता है पर गर्म। पिछले साल जून में रोगी कल्याण समिति की बैठक में मरीज और तीमारदारों को पानी की सहूलियत के लिए बोरिंग कराने का निर्णय लिया गया था लेकिन अमल नहीं हुआ। इसलिए अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति तब है जब मौसमी बीमारी के चलते मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पूरे अस्पताल परिसर में एक हैंडपंप रसोईघर के पास लगा है, लेकिन उसमें पानी नहीं आता।
मलेरिया विभाग मच्छरों को दे रहा दावत
अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय के पीछे तीन कमरे में जिला मलेरिया विभाग का कार्यालय संचालित होता है। लेकिन कार्यालय के आसपास फैली गंदगी मच्छरों को दावत दे रही है। कार्यालय के अंदर एक आरओ मशीन लगी है लेकिन गेट पर लगे नल पर काई जम गई है। मच्छर पनप रहे हैं। विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि पानी सप्लाई बंद होने पर बाल्टी में पानी भरकर लाते हैं। जबकि मलेरिया विभाग के नेतृत्व में जिले में संचारी रोगों से नियंत्रण के लिए अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही भारी-भरकम राशि खर्च की जा रही है।
शिकायतें
1. एमआरआई कक्ष पास शौचालय में ताला लगा है। इससे मरीज और तीमारदारों को बहुत दिक्कत होती है।
2. एमआरआई और एक्सरे जांच के पास पेयजल का कोई प्रबंध नहीं है। गर्मी के दिनों में परेशानी बढ़ गई है।
3. ट्रामा केयर के पास लगे वाटर कूलर में गर्म पानी आता है। भर्ती मरीजों को बाहर से पानी खरीदना पड़ता है।
4. ओपीडी के पास प्रतीक्षालय में लगा वाटर कूलर खराब रहता है। मरीजों को पानी के लिए भटकना पड़ता है।
5. अस्पताल में स्थित मलेरिया कार्यालय के आसपास फैली गंदगी से मच्छर पनप रहे हैं। इससे दिक्कत होती है।
सुझाव
1- ओपीडी प्रतीक्षालय के पास शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। वहां वाटर कूलर लगाया जाना चाहिए।
2- अस्पताल के डिजिटल एक्सरे के पास शौचालय की नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
3- एमआरआई कक्ष के पास खराब वाटर कूलर को सही कराया जाए, जिससे मरीजों को दिक्कत न हो।
4- मरीजों के लिए पेयजल की भी सुविधा मिलनी चाहिए। ताकि जरूरतमंदों को बाहर से पानी न खरीदना पड़े।
5- अस्पताल में स्थित मलेरिया कार्यालय के आसपास गंदगी साफ की जाए, जिससे अस्पताल में मच्छर न फैलें।
हमारी भी सुनें:::
अस्पताल में पानी की किल्लत है। काउंटर पर दवा लेने के बाद उसे खाने के लिए बाहर से बोतलबंद पानी खरीदना पड़ा।
- राम वचन प्रसाद
वाटर कूलर में पानी नहीं आ रहा है। उसमें घास भरी हुई है। इतने बड़े अस्पताल में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए।
- दयाराम कनौजिया
दवा तो एक रुपये की पर्ची में मिल गई लेकिन दवा खाने के लिए गेट के पास 20 रुपये की पानी की बोतल खरीदी है।
- पूनम मिश्रा
एमआरआई कक्ष के पास पीने के लिए पानी खोजती रही लेकिन वहां के वाटर कूलर की टोटी ही गायब थी। पानी नहीं मिला।
- सोनम पांडे।
कुंडा से सुबह सात बजे ही अस्पताल पहुंच गई थी। गेट के पास चबूतरे पर रोटी खाई लेकिन पानी बाहर से मंगाकर पीना पड़ा।
- पायल मिश्रा ।
अस्पताल में बहुत खोजने पर एक जगह मुश्किल से पानी मिला लेकिन वह बहुत ठंडा नहीं था। इसलिए बाहर से लेना पड़ा।
- पूजा
सांस फूल रही है। चल पाना मुश्किल है। पानी खोजने कहां जाऊं। खरीदना मुश्किल है। चबूतरे पर आराम कर प्यासी चली जाऊंगी।
- सरोज देवी
ओपीडी में दवा लेने के बाद एमआरआई जांच के लिए आया हूं। लेकिन वहां वाटर कूलर खराब होने के कारण पानी नहीं मिल रहा।
- राजू मिश्रा
गेट नंबर एक के पास काउंटर पर दवा ली लेकिन वहां पर लगे वाटर कूलर से पास पानी नहीं मिला। भटकना पड़ रहा है।
- अनीता देवी
ओपीडी प्रतीक्षालय के पास पेयजल की व्यवस्था नहीं है। मरीजों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े, इसकी भी व्यवस्था की जाएगी।
- मोहम्मद फरीद
अस्पताल के डिजिटल एक्सरे कक्ष के पास शौचालय की सफाई नहीं होती। जांच के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी होती है।
- प्रदीप
मरीजों के लिए पेयजल की भी सुविधा होनी चाहिए। ताकि लंबे समय तक इंतजार करने के दौरान उन्हें पानी के लिए न भटकना पड़े।
- धुन्नी लाल
मरीजों को पीने का पानी मुहैया कराना चाहिए। ताकि प्रतीक्षा करने में असहजता महसूस न हो। पानी खरीदना भारी पड़ता है।
- आमिर खान
ब्लड संग्रह केंद्र के पास पानी की व्यवस्था उपलब्ध करानी चाहिए। गर्मी के दिनों में प्यास भी खूब लगती है। गला तर हो सके।
- रियाज
डिजिटल एक्सरे कक्ष के पास सप्ताहभर से सफाई नहीं हुई। बदबू के कारण कक्ष के पास बैठना मुश्किल है। मच्छरों का प्रकोप है।
- सतीश
दवा लेने के बाद एमआरआई जांच के लिए गया। प्यास लगी तो वहां वाटर कूलर खराब होने के कारण पानी ही नहीं मिल सका।
- राजेश
एक्सरे के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है। लेकिन वहां पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं हैं। शौचालय की भी सफाई नहीं होती।
-आदर्श
अस्पताल के हर विभाग के पास शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए। पीने के पानी की किल्लत से मरीजों को परेशानी होती है।
- तपुन हलधर
जिम्मेदार बोले
अस्पताल में शुद्ध पेयजल के पर्याप्त इंतजाम हैं। जहां पानी की दिक्कत थी, वहां व्यवस्था करा दी गई है। अन्य वाटर कूलर भी सही कराए जा रहे हैं। मरीजों और तीमारदारों को पानी के लिए कोई परेशानी नहीं है।
- डॉ. भावना शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, बेली
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