बोले रायबरेली: पार्किंग समस्या
Raebareli News - रायबरेली शहर में पार्किंग की गंभीर समस्या से लोग परेशान हैं। बढ़ती हुई वाहनों की संख्या और पार्किंग की कमी के कारण सड़कें जाम रहती हैं। प्रशासन ने इस समस्या का समाधान नहीं किया है, जिससे लोग कहीं भी...
बिना पार्किंग बदहाल शहर, लोग हलकान रायबरेली, संवाददाता। शहर में पार्किंग की समस्या से हर कोई परेशान है। रोजाना गाड़ी पार्किंग को लेकर झड़प होना अब जैसे लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया है। वाहनों की बढ़ती संख्या से सड़कें छोटी पड़ती जा रही हैं। बाजारों में तो दूर अब तो कॉलोनियों में भी गाड़ी खड़ी करने की जगह नहीं है। प्रशासन ने लोगों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने में अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की है। कई बार वाहन पार्किंग के लिए कोई स्थाई व्यवस्था करने की मांग पर ध्यान देना अधिकारी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। नतीजतन शहर में जिसका जहां मन चाहा वहां अपनी गाड़ी खड़ी कर दी। इस वजह से जाम लगना आम बात हो गई है। वाहन पार्किंग को कोई स्थाई व्यवस्था न होने से मोहल्लों और कालोनियों में जितने वाहन खड़े होते हैं, उससे ज्यादा सड़कों पर खड़े रहते हैं।
शहर में कोई भी ऐसा स्थान नहीं है जहां पर वाहनों को खड़ा किया जा सके। वाहनों के पार्किंग के लिए स्थान न होने के कारण लोग मनचाही जगह पर बेतरतीब वाहन खड़े कर देते हैं। सड़क पर खड़े होते बेतरतीब वाहन जाम का कारण तथा लोगों की परेशानी का कारण बनते हैं। इसके बाद जिम्मेदार लापरवाह बने हुए हैं। शहर में वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हो रहा है। जबकि शहर के क्षेत्र वहीं है। ऐसे नगर में आने वाले कई वाहनों की संख्या में बेतहासा वृद्धि हुई है। एक तरफ वाहनों की संख्या बढ़ रही तो दूसरी तरफ फुटपाथ पर दुकानदारों का कब्जा हो गया है। इसके कारण वाहन चालकों को वाहन खड़े करने के लिए जगह नहीं दिखती है। जगह न होने के वाहन चालक कहीं भी वाहन खड़े कर देते हैं। सड़कों पर खड़े वाहनों के कारण यातायात व्यवस्था बद से बदतर बनी रहती है शहर के बाजारों में जाम की स्थिति बनी रहती है।
शहर सहित जिले के सभी प्रमुख बाजारों में वाहन खड़े करने की सुविधा प्रशासन और नगर निकाय की ओर से नहीं की गई है। ऐसे में जिसका जहां मन चाहा वहां अपनी गाड़ी खड़ी कर देता है। पार्किंग न होने पर सड़क पर जाम और अफरातफरी जैसी समस्या आम बात हो गई है। जिन पार्कों का उपयोग बच्चों के खेलने के लिए होना चाहिए उनमें लोगों ने टीन शेड डालकर लोगों ने गाड़ियों की पार्किंग करना शुरू कर दिया है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर विकराल रूप लेती पार्किंग की समस्या का समाधान की दिशा में शासन और प्रशासन संवेदनशीलता का परिचय क्यों नहीं दे रहा है। शहर में दिन प्रतिदिन पार्किंग की समस्या गंभीर होती जा रही है। सड़कों की लगभग 40 से 50 फीसदी जगह दोनों तरफ गाड़ी पार्किंग से कम हो जाती है। आम आदमी के लिए सड़कों पर चलने की जगह नहीं है। मोहल्लों में गाड़ियों की पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से यहां रहने वाले लोग बाहर सड़कों पर पार्किंग करते हैं। रेलवे स्टेशन परिसर में चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिए कोई स्टैण्ड नहीं है। ऐसे में लोग यहां रात में अपना वाहन खड़ा कर घर चले जाते हैं। वहीं कैपरगंज, घंटाघर, सुपर मार्केट, हाथी पार्क में सड़क पर खड़े दो और चार पहिया वाहन आए दिन जाम की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं। ऐसे में साफ है कि दिनों-दिन पार्किंग की समस्या गंभीर होती जा रही है। सड़कों के दोनों तरफ गाड़ी पार्किंग होने से इनकी चौड़ाई कम होती जा रही है। आम आदमी के लिए सड़कों पर चलने की जगह नहीं है। यही वजह है कि सड़क से लेकर बाजार तक बेतरतीब वाहन पार्किंग से बुरा हाल है।
बढ़ते वाहनों की वजह से वायु प्रदूषण से भी लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि शहर में बढ़ते प्रदूषण, सड़क जाम और पार्किंग जैसी समस्याओं पर काबू पाने के लिए निजी वाहनों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाई जाए। जरूरत इस बात की है कि विकराल रूप लेती पार्किंग की समस्या का स्थाई समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाए। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो यह कहा जा सकता है कि पार्किंग की समस्या बहुत बड़ी परेशानी का सबब बनती नजर आएगी। वर्तमान में निजी वाहनों की संख्या में बेतहाशा और अनियंत्रित बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते सुगम यातायात प्रभावित होता है। ऐसे में सरकारों को निजी वाहनों के क्रय पर लोक परिवहन एवं यातायात शुल्क अधिरोपित करने का प्रावधान करना चाहिए, जिससे निजी वाहनों की संख्या में कमी आएगी और सुगम यातायात सुनिश्चित हो सकेगा। मौजूदा वक्त में नगरीकरण की दर में हो रही वृद्धि से शहरों में जमीन काफी अधिक दामों में मिल रही है। वाहन पार्किंग की व्यवस्था न होने से लोग अपनी गाड़ियों को घर से बाहर सड़क पर पार्क कर देते हैं। इससे न केवल सड़क पर से होकर गुजरने वाले लोगों को बल्कि यातायात को भी कई प्रकार की दिक्कतें झेलनी पड़ती है। ऐसे में शहर में सुगम यातायात सुनिश्चित करने के लिए पार्किंग अधोसंरचना में वृद्धि एवं अपेक्षित जनसहभागिता की आवश्यकता है। कुछ वर्ष पूर्व शहर की सबसे भीड़-भाड़ वाली सब्जी मंडी और कैपरगंज रोड पर प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया था तो लोगों को यह अहसास हुआ था कि यहां सड़क कितनी चौड़ी है, लेकिन कुछ दिन बाद ही हालात जस के तस हो गए। अब अतिक्रमण हटाने का अभियान महज कोरी कल्पना तक ही सीमित रह गया है।
नो एंट्री में भारी वाहन आने से लगता है जाम
रायबरेली। शहर को जाम से निजात दिलाने व वाहन अंदर न आने के लिए शहर में कई जगह पार्किंग की व्यवस्था नगरपालिका और जिला प्रशासन करा सकता है। पूर्व में राजकीय इंटर कालेज के द्वितीय खेल मैदान में वाहन पार्किंग कराने की मुहिम चलाई गई थी, लेकिन यह सफल नहीं हो सकी। नतीजतन पास में ही रोडवेज बस स्टैण्ड और दीवानी न्यायालय होने से सड़क के दोनों ओर दो व चार पहिया वाहन बेतरतीब ढ़ग से खड़े नजर आते हैं। वहीं शहर में सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक भारी व बड़े वाहनों की नो एंट्री है। इसके बाद भी भाराी वाहन पुलिस की मिलीभगत से शहर में नो एंट्री के समय आ जाते हैं। जिसके कारण शहर में लंबा जाम लग जाता है। जिन रास्तों से शहर में भारी व बड़े वाहन प्रवेश करते है। उन रास्तों पर पुलिस चौकी अथवा यातायात पुलिस चौकी बनी हुई है। इसके बाद भी भारी व बड़े वाहन अंदर आकर जाम की स्थिति पैदा करते हैं। कई बार हादसे होने के बाद भी पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी कोई सीख लेना नहीं चाह रहे हैं। राजघाट के पास पुलिस चौकी होने पर भी सड़क के दोनों ओर गिट्टी और मौरंग लदे ट्रक और अन्य भारी वाहन खड़े रहते हैं, लेकिन जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को यह सब नहीं दिखता है।
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शहर-कस्बों में चलना भी मुश्किल
रायबरेली। शहर में पार्किंग से लोग आए दिन बहुत परेशान हो रहे हैं। इसकी वजह जाम की समस्या भी हो जाती है जिसकी वजह से समय की बर्बादी होती ही है ईंधन की भी खपत बढ़ जाती है और वायु प्रदूषण होता है। जाम से सड़क पर पैदल चलना भी काफी मुश्किल हो गया है। जाम में समय बर्बाद होने की वजह से लोग असुरक्षित तरीके से गाड़ी चलाते हैं जिससे दुर्घटनाएं और चोटें होती हैं।जाम की वजह से लगातार हॉर्न बजाने की वजह से ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है तथा बाजार में खरीददारी करना मुश्किल हो जा रहा है। जाम की वजह से स्कूली बच्चे, रोगी, वृद्ध, और विकलांगों को भी परेशानी होती है।
आए दिन ट्रैफिक जाम से सड़क पर चलने वाले आम लोग हर दिन जूझने को मजबूर हैं। गया शहर में ट्रैफिक व्यवस्था दिनों-दिन बद से बदत्तर होती जा रही है। मुख्य सड़कों पर रोजाना लगने वाले जाम से आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़कों के किनारे अव्यवस्थित तरीके से खड़ी गाड़ियां और ई रिक्शा चालक कहीं भी वाहन रोककर सवारी उतारने-चढ़ाने की प्रवृत्ति इस समस्या को और गंभीर बना रही है। बाजार इलाकों में तो हालात और भी खराब हो जाते हैं जहां पैदल चलने तक की जगह नहीं बचती। शहर की सड़कों पर पर्याप्त ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं होने के कारण जाम को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। कई बार एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं के वाहन भी जाम में फंस जाते हैं जिससे मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना चुनौती बन जाता है। शहरवासियों ने प्रशासन से यातायात व्यवस्था सुधारने, अवैध पार्किंग पर कार्रवाई करने और प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती सुनिश्चित करने की मांग की है। सड़क पर वाहनों की लंबी कतारों के कारण सड़क पार करने में भी डर लगता है।
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प्रमुख बाजारों में नहीं है वाहन खड़ा करने की सुविधा
रायबरेली। शहर की हर प्रमुख बाजारों में पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही शहर के किनारे भी पार्किंग हो जिससे जाम न लगे।इससे हर शहरवासी परेशान रहता है। जिले के निवासियों के मन में जाम की समस्या को लेकर काफी विरोध है। ये अपनी आवाज को न तो बुलंद कर पाते हैं और न ही लोगों के सामने रख पाते हैं। शहरवासियों का कहना है कि शहर के किनारे मल्टीलेवल पार्किंग बना दिया जाए तो शहर के लोगों को बहुत सुविधा मिलेगी। इससे जाम के झाम से छुटकारा मिलेगा। शहर में चारों ओर किनारे-किनारे ओवर ब्रिज बने जिससे कि बाहर निकलने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश न करना पड़ने न ही शहर के तिराहे और चौराहे की भीड़ से दो चार
होना पड़े।
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नंबर गेम
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8.20 लाख जिले में कुल वाहन रजिस्टर्ड हैं
7500 भारी वाहन हैं रायबरेली जिले में
9300 ई रिक्शा पंजीकृत हैं पूरे जनपद में
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अधिकारी बोले
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जिले में जो भी बड़े वाहन हैं उनके लिए कोई ट्रांसपोर्ट नगर नहीं है इसकी व्यवस्था होनी चाहिए।इससे इन लोगों को दिक्कत होती है।इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। पार्किंग की भी सुविधा इन वाहनों को मिलनी चाहिए। जैसा भी इस संबंध में शासन से प्रस्ताव होगा करवाया जाएगा। जो भी समस्याएं हैं दूर कराई जाएंगी।
मनोज कुमार सिंह, एआरटीओ
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शहर में भूमिगत पार्किंग के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा जाएगा यदि धन की व्यवस्था होती है तो भूमिगत पार्किंग बनाई जाएगी। इससे शहर वासियों को पर्याप्त राहत मिल जाएगी। पार्किंग की समस्या से निजात भी मिल सकेगी।
स्वर्ण सिंह, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका
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शिकायत
-शहर में बड़े स्कूलों और प्रतिष्ठानों के पास पार्किंग व्यवस्था नहीं है। सड़क के किनारे वाहन खड़े होते हैं।
-शहर में ऑटो, ई रिक्शा, बाइक को खड़े करने के लिए पार्किंग की व्यव्स्था नहीं है। इससे लोग कहीं भी वाहन को खड़े कर देते हैं।
-फुटपाथ पर अतिक्रमण है जिसके कारण सड़क की वास्तविक चौड़ाई नहीं पता चल पाता है। अतिक्रमणकारियों का दुकान के सामने बोलबाला रहता है।
-जो भी पार्किंग हैं, उस व्यवस्था का अधिकांश लोग पालन ही नहीं करते हैं। इससे समसया होती है।
-शहर में बेतरतीब ढंग से वाहन खड़ा कर देने को लेकर सख्ती नहीं है। इससे लोग कहीं भी वाहन खड़ा कर देते हैं।
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सुझाव
-पार्किंग के लिए शहर के हर स्कूलों के अंदर ही व्यवस्था होनी चाहिए। बड़े बसों के बजाए शहर में छोटे वाहन को ही अनुमति देना चाहिए।
-शहर में कुछ जगहों पर पार्किंग बनाया जाए। साथ ही वन-वे और टू-वे का निर्माण किया जाए।इससे लोगों को राहत मिलेगी।
-नगर पालिका को अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना चाहिए। साथ ही सीसीटीवी से पूरी जगह को लैस कर देना चाहिए।
-पार्किंग के लिए हर प्रतिष्ठान के पास स्थान होना चाहिए। एक नियम लागू किया जाए। जो भी बेतरतीब वाहन खड़े हो उन पर कार्रवाई हो।
-सीसीटीवी से सड़क की निगरीनी रखी जानी चाहिए।पार्किंग का नियम तोड़ने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
लोग बोले
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शहर में हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। इसका मुख्य कारण शहर में आने वाले वाहनों को खड़ा करने का स्थान न होना है। जिम्मेदारों को इस समस्या का समाधान तलाशना चाहिए। शहर में किसी भी स्थान पर पाकिंग की व्यवस्था नहीं है। जिस कारण वाहन स्वामी अथवा चालक जहां चाहे वहां वाहन खड़े करके चले जाते है। जिससे वहां जाम लगता रहता है।
अमरेश सिंह
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नो एंट्री में भारी व बड़े वाहन आना भी शहर में जाम का एक मुख्य कारण है। पुलिस व यातायात पुलिस को सख्ती के साथ नो एंट्री का पालन कराना चाहिए। जिससे शहर में जाम न लगे। सबसे पहले तो राजघाट पुलिस चौकी के आस-पास सड़क के दोनों ओर खड़े भारी वाहनों को हटवाने के लिए पुलिस और परिवहन विभाग को आगे आना चाहिए।
पंकज चौधरी
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शहर में अथवा बाहर किसी भी स्थान पर पार्किंग की व्यवस्था न होने से लोग जहां जगह देखते है वहीं बेतरतीब वाहन खड़े करके अंदर चले जाते हैं। शहर में पार्किंग की व्यवस्था न होना जाम की समस्या का कारण है। कई बार शहर में पार्किंग की स्थाई व्यवस्था कराए जाने की मांग की जा चुकी है। इस पर गंभीरता से प्रयास करने की जरूरत है।
राजू पाल
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शहर में पार्किंग की समस्या से हर कोई परेशान है। रोजाना गाड़ी पार्किंग को लेकर झड़प होना अब जैसे लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया है। इसके बाद भी अधिकारी सब कुछ जानकर अंजान बने हुए हैं। जिम्मदारों को शहर के प्रवेश द्वारों के आस-पास पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि इस प्रमुख समस्या से लोगों को छुटकारा मिल सके।
बृजेश कुमार
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वाहनों की बढ़ती संख्या से सड़कें छोटी पड़ती जा रही हैं। बाजारों में तो दूर अब तो कॉलोनियों में भी गाड़ी खड़ी करने की जगह नहीं है। प्रशासन ने लोगों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने में अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की है। कई बार वाहन पार्किंग के लिए कोई स्थाई व्यवस्था करने की मांग को अधिकारी अनसुना कर रहे हैं।
सलीम
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शहर में जिसका जहां मन चाहा वहां अपनी गाड़ी खड़ी कर दी। इस वजह से जाम लगना आम बात हो गई है। शहर में वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हो रहा है। जबकि शहर के क्षेत्र वहीं है। ऐसे नगर में आने वाले कई वाहनों की संख्या में बेतहासा वृद्धि हुई है। एक तरफ वाहनों की संख्या बढ़ रही तो दूसरी तरफ फुटपाथ पर दुकानदारों का कब्जा हो गया है।
आशीष पाठक
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जगह न होने के वाहन चालक कहीं भी वाहन खड़े कर देते हैं। सड़कों पर खड़े वाहनों के कारण यातायात व्यवस्था बद से बदतर बनी रहती है शहर के बाजारों में जाम की स्थिति बनी रहती है। वाहन पार्किंग न होने पर सड़क पर जाम और अफरातफरी जैसी समस्या आम बात हो गई है। जिन पार्कों का उपयोग बच्चों के खेलने के लिए होना चाहिए, उनमें लोगों ने टीन शेड डालकर पार्किंग करना शुरू कर दिया है।
राजू
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शहर में दिन प्रतिदिन पार्किंग की समस्या गंभीर होती जा रही है। सड़कों की लगभग 40 से 50 फीसदी जगह दोनों तरफ गाड़ी पार्किंग से कम हो जाती है। आम आदमी के लिए सड़कों पर चलने की जगह नहीं है। मोहल्लों में गाड़ियों की पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से यहां रहने वाले लोग बाहर सड़कों पर पार्किंग करते हैं।
विजय कुमार
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रेलवे स्टेशन परिसर में चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिए कोई स्टैण्ड नहीं है। ऐसे में लोग यहां रात में अपना वाहन खड़ा कर घर चले जाते हैं। यही नहीं शहर के कैपरगंज, घंटाघर, सुपर मार्केट, हाथी पार्क में सड़क पर खड़े दो और चार पहिया वाहन आए दिन जाम की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं। ऐसे में साफ है कि दिनों-दिन पार्किंग की समस्या गंभीर होती जा रही है।
राहुल
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सड़कों के दोनों तरफ गाड़ी पार्किंग होने से इनकी चौड़ाई कम होती जा रही है। आम आदमी के लिए सड़कों पर चलने की जगह नहीं है। यही वजह है कि सड़क से लेकर बाजार तक बेतरतीब वाहन पार्किंग से बुरा हाल है। बढ़ते वाहनों की वजह से वायु प्रदूषण से भी लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है।
अनुभव
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विकराल रूप लेती पार्किंग की समस्या का स्थाई समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाए। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो यह कहा जा सकता है कि पार्किंग की समस्या बहुत बड़ी परेशानी का सबब बनती नजर आएगी। वर्तमान में निजी वाहनों की संख्या में बेतहाशा और अनियंत्रित बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते यातायात प्रभावित होता है।
अखिलेश यादव
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नगर पालिका और यातायात विभाग के लापरवाही से शहर की सड़क ही पार्किंग स्थल में तब्दील हो जाती है। इससे जाम की समस्या हो जाती है। घंटों जूझने के बाद लोग एक जगह से दूसरी जगह पहुंचते हैं, लेकिन प्रशासन को इससे फर्क नहीं पड़ता कि शहर में जाम की समस्या दिनों दिन गहराती जा रही है।
वारिस
शहर के कचहरी रोड, कैपरगंज, सुपर मार्केट, सिविल लाइन चौराहा, बस स्टॉप, राना नगर हो यह अन्य स्थान सभी जगह पार्किंग की समस्या है। यहां खड़े बेतरतीब पार्किंग और दुकान इसके कारण आम लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
राकेश कुमार
शहर में लगभग पचास हजार लोग रोज जाम के समस्या से जूझते है और इन लोगों का एक घंटे का भी समय बर्बाद हो तो उसके हिसाब से पचास हजार घंटे शहर की क्षमता बर्बाद हो रही है। अक्सर रोड पर फैला अतिक्रमण और बेतरतीब ढंग से खड़े वाहन जाम की समस्या को बढ़ा रहे हैं।
आशुतोष श्रीवास्तव
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