इंजेक्शन लगाते ही साढ़े तीन माह के मासूम की मौत, हंगामा
Rampur News - रामपुर के पनवड़िया में एक नर्सिंग होम में तीन माह के बच्चे की इंजेक्शन लगने के बाद मौत हो गई। परिवार ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया और हंगामा किया। जांच में पता चला कि डॉक्टर के पास आयुर्वेद की...

रामपुर। पनवड़िया में लोहा मिल के पास एक नर्सिंग होम में साढ़े तीन माह के मासूम की इंजेक्शन लगाने के बाद जान चली गई। बच्चे के परिवार वालों ने इंजेक्शन लगाने वाले डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया और काफी देर तक नर्सिंग होम के अंदर हंगामा किया। हंगामा होता देख डाक्टर मौके से फरार हो गया। सूचना पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच करने पहुंचे। जांच में यह पता चला कि डॉक्टर के पास में आयुर्वेदिक चिकित्सा की डिग्री है और एलोपैथी पद्धति से इलाज कर रहा था। स्वास्थ्य विभाग ने क्लीनिक को सील कर दिया है। बरेली रोड पर पनवड़िया पुल के नजदीक शांति नर्सिंग होम है। यहां पर मंगलवार को पटवाई थाना क्षेत्र के गांव दलपुरा निवासी सलीम और उनकी पत्नी शर्जिन अपने साढ़े तीन माह के बच्चे का इलाज कराने पहुंचे थे। बच्चे की बीते कुछ दिनों से तबियत खराब थी। दोपहर में करीब 12 बजे डॉक्टर ने यहां पर बच्चे को इंजेक्शन लगाया और तुरंत बाद बच्चे की मौत हो गई। इस पर सलीम और उसके साथ में आए परिजनों ने क्लीनिक में हंगामा खड़ा कर दिया और अस्पताल के डाक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। हंगामा होने के बाद डाक्टर और उनका स्टाफ नर्सिंग होम से भाग निकला। शर्जिन अपने मृत बच्चे को गोद में लेकर क्लीनिक के बाहर बैठ गई और रोने बिलखने लगी। सूचना पर सिविल लाइंस थाना पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराने को कहा तो परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं हुए। स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ डा. आरके वर्मा मौके पर जांच करने के लिए पहुंचे। उन्होंने नर्सिंग होम को सील कर दिया है।
आयुर्वेद की डिग्री पर एलोपैथ से इलाज कर रहा था डॉक्टर
डिप्टी सीएमओ की जांच में यह पता चला कि नर्सिंग होम जिस डॉक्टर के नाम से चल रहा है, उसके पास में आयुर्वेद की डिग्री है। वह यहां काफी समय से अंग्रेजी दवाओं से लोगों का उपचार कर रहा था। खास बात यह सामने आई कि आयुर्वेदिक विभाग में डाक्टर के क्लीनिक का पंजीकरण भी नहीं है। आयुर्वेदिक विभाग से नोडल डा. चंचल कुमार भी मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने यह बात डिप्टी सीएमओ को बताई। इतना सब कुछ होने के बाद भी डाक्टर बेखौफ होकर हाइवे किनारे अपना नर्सिंग होम चला रहा था। उस पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई थी।
क्लीनिक में डॉक्टर एलोपैथ से इलाज कर रहे थे, जबकि उनके पास में आयुर्वेदिक चिकित्सा की डिग्री है। कार्रवाई करते हुए क्लीनिक को सील कर दिया है। बच्चे के परिजनों ने पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया। पोस्टमार्टम कराते तो स्थिति साफ हो जाती।
-डा. आरके वर्मा, नोडल अधिकारी
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