न्याय व्यवस्था की मजबूती के लिए अधिवक्ताओं को मिले सुविधा व सुरक्षा
Sambhal News - समाज में न्याय व्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले अधिवक्ता आज खुद समस्याओं से जूझ रहे हैं। संभल में सैकड़ों अधिवक्ता बुनियादी सुविधाओं के अभाव में काम कर रहे हैं। वे न्यायिक प्रक्रिया के सुधार के लिए...

समाज में न्याय व्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले अधिवक्ता आज खुद अपनी समस्याओं से जूझ रहे हैं। संभल मुसिंफी में कार्यरत सैकड़ों अधिवक्ता जहां आम जनता को न्याय दिलाने के लिए दिन-रात संघर्ष करते है। वहीं उन्हें खुद अपने मुसिंफी पर बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव झेलना पड़ रहा है। लगभग 300 अधिवक्ताओं वाले इस न्यायिक परिसर में वर्तमान में लगभग 40 हजार मुकदमे लंबित हैं, जिनका निस्तारण अदालतों की कमी के चलते समय पर नहीं हो पा रहा है। अधिवक्ताओं का कहना है कि बीते दो दशकों से वे एडीजे कोर्ट व एसीजेएम कोर्ट की स्थापना की मांग कर रहे हैं। यदि ये न्यायालय संभल में स्थापित होते हैं तो न्यायिक प्रक्रिया तेज होगी और वादकारियों को समयबद्ध, सुलभ और सस्ता न्याय मिल सकेगा। अधिवक्ताओं ने अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि बीते वर्षों में कई अधिवक्ताओं पर जानलेवा हमले हुए हैं और कुछ की हत्या तक हो चुकी है। इस स्थिति को देखते हुए अधिवक्ता लंबे समय से ‘अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम की मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से इस पर आश्वासन तो मिला है, लेकिन अधिवक्ताओं का कहना है कि यह अधिनियम कब तक लागू होगा। यह देखने वाली बात है। यदि समय रहते इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया तो इसका सीधा असर न्यायिक प्रक्रिया पर पड़ेगा और आम नागरिकों का न्याय व्यवस्था से भरोसा कम होगा। सरकार और न्याय विभाग को चाहिए कि अधिवक्ताओं की इन जनहितकारी मांगों पर शीघ्र निर्णय लेकर व्यवस्था में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए। इसके अलावा मुसिंफी परिसर में पार्किंग की समस्या भी अधिवक्ताओं के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई है। परिसर में पार्किंग व्यवस्था की जाए। जिससे वकीलों और वादकारियों को वाहन खड़ा करने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिससे अधिवक्ता अपना काम अच्छे तरीके से कर वादकारियों को समय से न्याय दिला सके।
वरिष्ठ अधिवक्ता को पेंशन और युवाओं को मिले आर्थिक सहयोग
अधिवक्ताओं ने सीनियर वकीलों के लिए मासिक पेंशन व्यवस्था लागू करने की बात कही। उनका कहना है कि लंबे समय तक न्यायिक सेवा देने वाले वरिष्ठ अधिवक्ताओं को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आर्थिक सहयोग मिलना चाहिए। साथ ही युवा अधिवक्ताओं को पांच हजार रुपये मासिक अनुदान दिया जाए। जिससे की वह अपने करियर की शुरुआती कठिनाइयों से बेहतर ढंग से जूझ सकें।
संभल में एडीजे कोर्ट व एसीजेएम कोर्ट की स्थापना की जाए। जिसके लिए अधिवक्ता काफी समय से मांग कर रहे हैं। जिससे वादों का समय से निस्तारण हो सके और जनता को सुलभ व सस्ता न्याय मिल सकेंगा।
-सरफराज नवाज, एडवोकेट
हम वर्षों से न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं, लेकिन खुद न्यायिक व्यवस्था में मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कचहरी में पार्किंग जैसी छोटी-छोटी चीजें भी हमारे पास नहीं हैं। इसकी वजह से अधिवक्ताओं को काफी समस्या झेलनी पड़ रही हैं।
- नरेन्द्र कुमार गुप्ता, एडवोकेट
हम न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ते हैं, लेकिन खुद जब सुविधाओं से वंचित होते हैं, तो पीड़ा होती है। सरकार को अधिवक्ताओं की भूमिका समझते हुए शीघ्र कदम उठाना चाहिए।
- दुर्वेश सिंह, एडवोकेट
अधिवक्ताओं को कम से कम 10 हजार रुपये का अनुदान मिलना चाहिए। जो सीनियर अधिवक्ताओं के लिए सरकार को पेंशन की व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे की अधिवक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो सके।
- जसवीर सिंह यादव, एडवोकेट
देश व प्रदेश में आये दिन अधिवक्ताओं के साथ क्रुरता हो रही है और अधिवक्ताओं की हत्याएं भी की जा रही हैं। ऐसे में सरकार को अधिवक्ताओं के हित में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना चाहिए। जिससे अधिवक्ताओं को राहत मिल सके।
- मोहम्मद इस्लाम, अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन, संभल
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