Ancient Stepwell in Chandosi Faces Neglect as ASI Delays Restoration Efforts एएसआई की अनदेखी से संकट में ऐतिहासिक बावड़ी, खोदाई दो माह से ठप, Sambhal Hindi News - Hindustan
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एएसआई की अनदेखी से संकट में ऐतिहासिक बावड़ी, खोदाई दो माह से ठप

Sambhal News - चन्दौसी के मोहल्ला लक्ष्मणगंज में 125 से 150 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी की खुदाई शुरू हुई, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की लापरवाही के चलते काम रुका हुआ है। जिलाधिकारी ने सुरक्षा के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलThu, 17 April 2025 05:04 AM
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एएसआई की अनदेखी से संकट में ऐतिहासिक बावड़ी, खोदाई दो माह से ठप

चन्दौसी के मोहल्ला लक्ष्मणगंज में स्थित 125 से 150 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी अपनी पहचान और संरचना को फिर से दुनिया के सामने लाने के इंतजार में है, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की उदासीनता इस विरासत पर भारी पड़ती नजर आ रही है। अगर ऐसी लापरवाही दिखाई गई तो बावड़ी अपनी पुरानी हाल में पहुंच जाएगी। सनातन सेवक संघ के कौशल किशोर ने संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी डा़ राजेंद्र पेंसिया से मुस्लिम आबादी के मोहल्ला लक्ष्मणगंज में प्राचीन बावड़ी होने की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लिया और खुदाई के निर्देश दे दिए। 21 दिसंबर को बावड़ी खुदाई शुरू करा दी गई। यह बावड़ी 125 से 150 वर्ष पुरानी बताई जा रही थी। खुदाई का मुख्य उद्देश्य इस बावड़ी के इतिहास और संरचना का पता लगाना है, ताकि इसके बारे में अधिक जानकारी मिल सके। लगातार खुदाई के बाद बावड़ी का प्रथम तल दिखाई देने लगाया। इस दौरान एएसआई के अधिकारियों ने कई बार आकर बावड़ी का निरीक्षण किया। सुरक्षा की दृष्टि से पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए। प्रथम तल के बाद दूसरी तल की खुदाई की गई। दूसरे तल का हिस्सा क्षतिग्रस्त होने व अंदर कूड़े के ढेर से गैस निकलने के बाद काम रूकवा दिया गया। प्रदूषण विभाग की टीम ने मौके पर आकर जांच की और किसी भी तरह की गैस आदि होने से इंकार कर दिया गया। इसके बाद एएसआई ने बावड़ी की खुदाई अपनी मौजूदगी में कराने के लिए कहा। इस बीच बारिश आने पर बावड़ी के ऊपर बल्ली आदि लगाकर तिरपाल लगा दिया गया। करीब दो माह से अधिक हो गए अब बावड़ी खुदाई दोबारा शुरू नहीं हो सकी है। हालांकि जिलाधिकारी कई बार इसके लिए एएसआई से पत्र व्यवहार कर चुके हैं। इसके बाद भी एएसआई की टीम बावड़ी की खुदाई के लिए नहीं पहुंच रही है।

डीएम के पत्रों का भी असर नहीं

जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया स्वयं इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करवाने के लिए गंभीर हैं। उन्होंने कई बार एएसआई को पत्र लिखकर खुदाई फिर से शुरू करने और बावड़ी को संरक्षित करने का आग्रह किया, लेकिन अब तक एएसआई की टीम मौके पर नहीं पहुंची। यह रवैया न केवल प्रशासन की मंशा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि धरोहर संरक्षण को लेकर एएसआई की प्रतिबद्धता पर भी सवाल खड़े करता है।

सुरक्षा बंदोबस्त भी हटाए गए, खतरे में मासूम ज़िंदगियाँ

शुरुआत में पीएसी के जवान तैनात किए गए थे और बारिश से बचाव के लिए तिरपाल लगाया गया था, लेकिन अब वह तिरपाल पूरी तरह फट चुका है। सुरक्षा बैरिकेड भी हटा लिए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब वहां बच्चे खेलते रहते हैं, जिससे हादसे की संभावना भी बनी हुई है। अगर यही हाल रहा तो बावड़ी फिर अपनी पुराने हाल में पहुंच जाएगी।

बावड़ी से सटा मकान भी बना चिंता का कारण

बावड़ी के कुछ हिस्से पर बनाए गए एक मकान की दीवार प्रशासन ने संरचना की सुरक्षा हेतु ध्वस्त कराई थी। लेकिन मकान मालिक ने दोबारा दीवार नहीं बनवाई, जिससे उनका घर बावड़ी की ओर से खुला है। इससे परिवार असुरक्षा की भावना में जी रहा है।

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