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फर्म की दुकान न सामान, हो रहा है लाखों-लाख का भुगतान

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में विकास कार्यों के लिए फर्जी बिल बाउचर के आधार पर लाखों रुपये का भुगतान किया जा रहा है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव मनपसंद दुकानों से सामग्री खरीदकर फर्जी फर्मों के बिल लगाते हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरWed, 16 April 2025 10:27 AM
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फर्म की दुकान न सामान, हो रहा है लाखों-लाख का भुगतान

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में धनघटा तहसील क्षेत्र के हैंसर और पौली ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में कराए जाने वाले विकास कार्यों में खर्च होने वाली धनराशि का फर्जी बिल बाउचर के आधार पर ब्लाक के जिम्मेदारों द्वारा लाखों का भुगतान किया जा रहा है। ऐसा भी नहीं है कि फर्मों द्वारा भुगतान से पूर्व दिए जा रहे बिल और बाउचर के बारे में ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी नहीं है। ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारी भी इस बात को बखूबी जान रहे हैं कि जिस बिल बाउचर के आधार पर उनके द्वारा लाखों-लाख की सरकारी धनराशि का भुगतान किया जा रहा है वह बिल और बाउचर पूरी तरह से फर्जी है।

हैंसर और पौली ब्लाक की ग्राम पंचायतों में कराए जाने वाले विकास कार्यों के भुगतान को लेकर भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। गांव में विकास कार्य कराए जाने के बाद खर्च की गई धनराशि का भुगतान फर्म के खाते में किया जाता है। स्थिति यह है कि ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव विकास कार्य में लगने वाली सामग्री की खरीद मनपसन्द दुकान से कर लेते हैं और भुगतान कराने के लिए ऐसे फर्म का बिल बाउचर लगाते हैं जिसके पास न तो अपनी कोई दुकान है और न ही उनके पास विकास कार्य में प्रयोग किया गया सामान ही उपलब्ध है। फर्म के पास दुकान और सामान न होने की जानकारी ब्लाक के अधिकारियों को भी है लेकिन बगैर किसी जांच-पड़ताल के फर्म के फर्जी बिल बाउचर पर भारी भरकम सरकारी धनराशि का भुगतान सभी ग्राम पंचायतों में धड़ल्ले से कर रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो ग्राम पंचायतों के नाम पर जिस सामग्री की खरीदारी की कीमत अदा करने के लिए जिस फर्म के बैंक खाते में भुगतान किया जा रहा है उस फर्म की जांच अगर की जाय तो फर्म के पास दुकान से लेकर उक्त सामान न होने की पुष्टि आसानी से हो सकती है। ग्रामीण अखिलेश कुमार, दिनेश कसौधन, प्रभुनाथ, तीर्थराज यादव, रामजन्म यादव, रामकेवल चौधरी, इन्द्रमणि गौतम, ओमप्रकाश यादव, लक्ष्मण प्रसाद समेत तमाम अन्य स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर जिस प्रकार से फर्मों के फर्जी बिल बाउचर के नाम पर भुगतान किया जा रहा है उससे सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। ग्रामीणों ने फर्मों के फर्जी बिल बाउचर के नाम पर हो रहे भुगतान पर उच्चाधिकारियों से रोक लगाने की मांग करते हुए भुगतान से पूर्व फर्म के बिल बाउचर की गहनता के साथ जांच कराने की मांग की है। जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग रोका जा सके।

इस बारे में पूछे जाने पर मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी ने कहा कि भुगतान से पूर्व फर्मों के बिल बाउचर की गहनता के साथ छानबीन की जाएगी और छानबीन के बाद जब फर्म से सामान के खरीदारी की पुष्टि हो जाएगी तभी आगे भुगतान किया जाएगा।

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