निजीकरण मामले पर मुख्यमंत्री करें हस्तक्षेप
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तहत कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ कार्य बहिष्कार किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की अपील की। कर्मचारियों ने कहा कि...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में कर्मियों का कार्य बहिष्कार जारी रहा। इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम पर प्रबंधन हठवादी रवैया अपनाए हुए है। कर्मचारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे इस मामले में प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त कराएं। लगातार तीसरे दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन जारी रखा। बिजली कर्मचारियों ने कहा कि इस भीषण गर्मी में कर्मचारी उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ नहीं देना चाहते हैं।
इसी दृष्टि से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी शांतिपूर्वक ध्यान आकर्षण आंदोलन चला रहे हैं। किंतु प्रबंधन इस ध्यान आकर्षण आंदोलन को हड़ताल बताकर बिजली कर्मियों को डराने, धमकाने, उत्पीड़न करने, ट्रांसफर करने, संविदा कर्मियों की बड़े पैमाने पर छंटनी करने समेत अन्य उत्पीड़नात्मक कदम उठाकर ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर अशांति का वातावरण बना रहा है। शैलेन्द्र यादव ने कहा कि बिजली कर्मचारियों का मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है। उनके नेतृत्व में बिजली कर्मचारियों ने 2017 में 41 प्रतिशत एटीएंड सी हानियों को घटाकर 2024 तक 16.5 प्रतिशत कर दिया है। किंतु निजी घरानों से मिलीभगत के चलते पावर कारपोरेशन का प्रबंधन उनके सामने झूठे मनगढ़ंत आंकड़े रखकर घाटे का हवाला देकर निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा शांतिपूर्वक ध्यानाकर्षण आंदोलन को हड़ताल बताते हुए जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र के बाद जिलाधिकारी ने बिजली कर्मचारियों के स्थानीय नेताओं को बुलाकर बात की। बिजली कर्मचारियों के स्थानीय नेताओं ने जिलाधिकारी को स्पष्ट बता दिया है कि वे संघर्ष समिति के निर्णय का पालन करेंगे और निजीकरण के संबंध में यदि कोई भी बात की जानी है तो विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केंद्रीय नेताओं से की जाए।
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