सीएचसी, पीएचसी तो बने, लेकिन सुविधाएं नदारद
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। जिले की आबादी 20 लाख से अधिक है, लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी और आवश्यक सुविधाओं का अभाव है। मरीजों को बाहर से इलाज और दवाइयां लेनी पड़ रही...

हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। जिले की आबादी इन दिनों बीस लाख से अधिक हो गई है। इस आबादी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गई है। इसके अलावा जिला स्तर पर एक जिला अस्पताल भी संचालित है। इन अस्प्तालों पर शासन के मंशा के अनुरूप लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए चिकित्सक,अत्याधुनिक मशीनों के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। लेकिन लोगों को इसका भरपूर लाभ नहीं मिला रहा है। स्थिति यह है कि कहीं पर बाहर के दवा के सहारे तो कहीं पर बाहर से जांच पर ही चिकित्सक मरीजों का उपचार कर रहे हैं। ऐसे में केंद्रों के जिम्मेदारों की मनमानी के कारण आमजन तक स्वास्थ्य सुविधा नही मिल पा रही है।
जनपद में आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं । जबकि 28 पीएचसी स्थापित है। इस अस्पतालों के लिए कुल 105 पद चिकित्सकों के स्वीकृत है । इसके सापेक्ष 84 चिकित्सक विभिन्न अस्पतालों पर तैनात हैं। 21 चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। कई अस्पताल ऐसे हैं जहां तैनात चिकित्सक आते ही नहीं है। वहीं सीएचसी पर चिकित्सकों की कमी है। इस कमी के कारण लोगों को बेहतर उपचार नहीं हो पा रहा है। जिला मुख्यालय स्थित सीएचसी खलीलाबाद में छह चिकित्स्क तैनात हैं । यहां पर हर दिन चार सौ से अधिक मरीजों की ओपीडी की जाती है । जिला मुख्यालय होने के कारण यहां पर इन दिनों डीजिटल एक्सरे व अन्य सुविधाएं मरीजों की दी जा रही है । फिर भी आल्ट्रासाउंड की सुविधा नही मिल पा रही है, इसके लिए मरीजों को बाहर ही जाना पड़ता है। दवा के नाम पर यहां पर 180 प्रकार की दवाएं मौजूद हैं ।
नहीं चली हेल्थ एटीएम मशीन
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मेंहदूपार पर हेल्थ एटीएम मशीन दो वर्ष पहले लगी , लेकिन यह संचालित नही हो पाई। यहां पर मरीजों की जांच सिर्फ ब्लड जांच हो पाती है। इसमें भी सारी जांचे नहीं होती है। एक्सरे की कोई सुविधा नहीं है। दवा भी पर्याप्त उपलब्ध नहीं रहता है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ निवेदिता की माने तो स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जाता है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
चिकित्सक की जगह लैब असिस्टेंट और फार्मासिस्ट करते हैं इलाज
सेमरियावां ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बूधाकला पर सप्ताह में केवल एक ही दिन चिकित्सक मौजूद रहते हैं। इनके न रहने पर यहां पर लैब असिस्टेंट और फार्मासिस्ट ही मरीजों का उपचार करते हैं। यहां पर तैनात कर्मियों के द्वारा यह जानकारी दी जाती है कि डाक्टर केवल रविवार को ही अस्प्ताल पर आते हैं। इस दिन मरीजों की काफी भीड़ हो जाती है। मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला में सबसे अधिक इसी केद्र पर मरीजों का उपचार होता है। पिछले दिनों इस सेंटर पर 150 मरीजों की हर दिन ओपीडी की जाती थी। रजापुर सरैया गांव निवासी पूनम देवी इलाज के लिए आई तो चिकित्सक न मिलने के कारण वह वापस चली गईं। यहां पर तैनात फर्मासिस्ट व अन्य स्टाफ के द्वारा बताया गया कि चिकित्सक आज नहीं आएंगे।
सीएचसी मेंहदावल पर नहीं है एक्सरे की सुविधा
मेंहदावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तहसील क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र है। यहां पर बखिरा,बेलहर,सांथा,धर्मसिंहवा समेत अन्य सब सेंटरों से मरीजों का रेफर कर उपचार के लिए भेजा जाता है। इसके बावजूद यहां पर मरीजों को एक्सरे कराने के लिए बाहर के जांच केंद्रों का ही सहारा लेना पड़ता है। हर दिन इस अस्पताल पर एक हजार से अधिक मरीजों का उपचार किया जाता है। फिर भी कई माह से इस उपचार केंद्र पर एक्सरे प्लेट ही नही है। ब्लड संमंधित अधिक जांचें भी बाहर से करानी पड़ती हैं। सीबीसी के साथ ही थॉयराइड की जांच नही हो पाती है। गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए बाहर जाना पड़ता है। हेल्थ एटीएम मशीन अब तक नही सक्रिय हो पाई है। जबकि इस मशीन को लेग दो बर्ष से अधिक का समय हो गया। सामान्य बीमारियों सर्दी,बुखार,दर्द आदि की दवाइयां उपलब्ध है। बाकी गंभीर बीमारियों के मरीजों को बाहर से दवा लिखी जा रही है। एक जनरल सर्जन की भी नियुक्ति हुई है।
सीएचसी पर नहीं है अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था
सीएचसी नाथनगर पर हेल्थ एटीएम मशीन धूल फांक रही है। अल्ट्रासाउंड मशीन है ही नहीं। इन दिनों सबसे अधिक डायरिया,बुखार और खांसी के मरीज पहुंच रहे हैं। आंकड़े के अनुसार प्रतिदिन दो से ढाई सौ से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। लैब में यहां 40 प्रकार की ब्लड से संबंधित जांच की जा रही है। लेकिन थॉयराइड जांच के लिए कोई व्यवस्था नही है। टीबी के संभावित मरीजों को जांच कराने के लिए हायर सेंटर जाना पड़ रहा है। यहां पर 45 स्टाफ की तैनाती है।
सीएचसी हैंसर पर एक्सरे और अल्ट्रासाउंड नहीं होता
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैंसर बाजार पर न तो एक्सरे हो पाता है, न ही अल्ट्रासांउड की व्यवस्था है। ये मशीनें करीब दो वर्ष से खराब हैं। इससे हेल्थ एटीएम मशीन भी संचालित नहीं है । अस्पताल में लगी सीबीसी मशीन लगभग एक वर्ष से खराब पड़ी हुई है। इसके कारण मरीजों को सीबीसी की जांच बाहर से कराना पड़ता है। ओपीडी में ज्यादातर मरीजों को बाहर की दवा लिखी जाती है। अस्पताल पर महिला रोग विशेषज्ञ कोई महिला डॉक्टर नहीं है। आंख के चिकित्सक भी यहां की जगह जिला अस्पताल से संबद्ध हैं। हड्डी रोग विशेषज्ञ भी नहीं हैं।
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