बोले हल्द्वानी : नई बस्ती में पार्क के लिए बड़े ही नहीं बच्चे भी जूझ रहे
हल्द्वानी के वनभूलपुरा की नई बस्ती के निवासियों को पार्क की खराब स्थिति और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पार्क में अतिक्रमण और जर्जर भवन के कारण बच्चों का खेलना मुश्किल हो गया है। स्थानीय...
हल्द्वानी। वनभूलपुरा की नई बस्ती में सालों से रह रहे लोग बदहाल पार्क और अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं। लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र में कई साल पहले बच्चों के खेलने के लिए बनाया गया पार्क अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहा है। पार्क में एक तरफ जल संस्थान का नलकूप है वहीं दूसरी तरफ एक खंडहर हो चुका भवन है जिसकी छत में पानी जमा होने और रखरखाव की व्यवस्था नहीं होने से यह ढहने की स्थिति में आ गया है। यहां के लोगों के अनुसार अगर भवन इसी हाल में हो रहा तो कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इस भवन को तोड़कर पहले की तरह पार्क बनाया जाना चाहिए या फिर यहां पर जन मिलन केंद्र बना दिया जाए, जिससे कि शिविर आदि लगने पर लोगों को सहायता मिल सकेगी। वहीं, अधूरी पड़ी सीवर लाइन का कार्य लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। खुदी हुई गलियों और टूटी सड़कों के कारण रोजाना आवागमन में परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं, लेकिन मरम्मत के कोई प्रयास नजर नहीं आ रहे। बोले हल्द्वानी की टीम जब नई बस्ती में लोगों के पास पहुंची तो उन्होंने अपने क्षेत्र के बदहाल पार्क के अलावा कई तरह की समस्याएं बताईं और सुझाव भी रखे।
नई बस्ती क्षेत्र में रहने वाली तीन हजार की आबादी इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के अभाव और प्रशासनिक उदासीनता के चलते गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। यहां के लोगों के अनुसार क्षेत्र के एकमात्र पार्क में बना भवन पुराने समय में लोगों की सहायता के लिए सामूहिक कार्यक्रम, विवाह आयोजनों आदि में प्रयोग किया जाता था। अब यह जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकता है। बच्चों के खेलने के लिए न तो पर्याप्त स्थान है और न ही सुरक्षित माहौल, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ रहा है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि यह पार्क नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है, जहां असामाजिक तत्वों की गतिविधियां आम हो गई हैं। पुलिस गश्त न के बराबर होती है, जिससे स्थानीय लोग भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं।
निगम भी नहीं कर रहा सुनवाई: स्थानीय लोगों के अनुसार, यह भवन जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। इसकी दीवारों में दरारें आ चुकी हैं और छत का प्लास्टर झड़ चुका है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थान खतरे से खाली नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार नगर निगम को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यदि समय रहते इसे गिराया या मरम्मत नहीं की गई, तो यह कभी भी किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकता है।
बच्चों के खेलने के लिए नहीं बचा सुरक्षित स्थान : पार्क में न तो कोई झूला सही स्थिति में है और न ही हरे-भरे मैदान बचे हैं। अधिकांश क्षेत्र गंदगी, टूटे फर्श और खतरनाक भवन से घिरा हुआ है। बच्चों के पास घरों के बाहर गलियों में खेलने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। गलियों में खेलने से दुर्घटना होने की आशंका भी बनी रहती है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सुरक्षित खेल का स्थान होना अत्यंत आवश्यक है। यहां के लोगों का कहना है कि क्षेत्र के पार्क को शहर के दूसरे पार्कों की तरह विकसित किया जाना चाहिए और यहां पर बच्चों के खेलने आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए।
नशेड़ियों का अड्डा बनी बस्ती : नई बस्ती में बीते कुछ समय से नशे के आदी युवकों का जमावड़ा आम होता जा रहा है। शाम होते ही पार्क और सुनसान गलियों में इनका जमघट लग जाता है, जिससे महिलाओं और बच्चों का बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस इलाके में पुलिस गश्त नाम मात्र की होती है। शिकायतों के बावजूद प्रशासन की चुप्पी से नशेड़ियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। इससे न सिर्फ समाज में डर का माहौल बना है, बल्कि युवा वर्ग भी इस बुराई की ओर आकर्षित हो रहा है।
अधूरी पड़ी सीवर लाइन बनी मुसीबत: नई बस्ती में कुछ महीनों पहले सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन वह अधूरा छोड़ दिया गया। जगह-जगह खुदाई कर छोड़ी गई सड़कों पर अब गंदा पानी जमा हो रहा है, जिससे न केवल दुर्गंध फैल रही है बल्कि मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। बरसात के मौसम में हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। नागरिकों का कहना है कि बार-बार शिकायतों के बाद भी कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है, जिससे अब लोग खुद ही गड्ढों में मिट्टी डालकर रास्ता बनाने को मजबूर हो रहे हैं।
सड़कें टूटी, आवागमन हुआ बाधित: सीवर लाइन के अधूरे कार्य और भारी वाहनों की लगातार आवाजाही के कारण नई बस्ती की सड़कों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। कई मुख्य मार्गों पर गहरे गड्ढे बन चुके हैं, जिससे दोपहिया वाहनों का चलना मुश्किल हो गया है। बारिश के दिनों में इन गड्ढों में पानी भर जाता है, जिससे दुर्घटना की आशंका और बढ़ जाती है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि पिछले एक साल से सड़क की मरम्मत नहीं की गई है। अधिकारी निरीक्षण के बाद भी चुप्पी साधे हुए हैं।
नई बस्ती की पांच समस्याएं
1. नई बस्ती स्थित पार्क में बना भवन बन गया है खतरा।
2. क्षेत्र में बच्चों के खेलने के लिए नहीं है स्थान।
3. बस्ती में नशेड़ियों का अड्डा, नहीं होती पुलिस की गश्त।
4. सीवर लाइन बिछने का कार्य अधूरा छूटने से परेशानी।
5. सड़कें हो रहीं क्षतिग्रस्त, नहीं हो पा रही मरम्मत।
नई बस्ती के लोगों के पांच सुझाव
1. क्षतिग्रस्त भवन तोड़कर बने ओपन पार्क या जन मिलन केंद्र।
2. क्षेत्र में पुलिस गश्त कर नशेड़ियों पर कार्रवाई करे।
3. पार्क से अतिक्रमण हटाकर साफ सफाई कराई जाए।
4. सीवर लाइन बिछाने का अधूरा कार्य पूरा किया जाए।
5. क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा हो।
लोगों का दर्द
पार्क की हालत देखकर दुख होता है। इसे बच्चों के खेलने लायक बनाए जाने चाहिए। बच्चों के खेलने की जगह अब नशेड़ियों का अड्डा बन गई है।
मो. अल्मास
पार्क में एक तरफ नलकूप बना दिया गया और दूसरे तरफ भवन। इस भवन की छत कभी भी गिर सकती है। यह किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रही है।
मो. उमर
क्षेत्र में न तो सफाई होती है, न ही सुरक्षा के इंतजाम है। पहले यह पार्क लोगों की शांति का स्थान था, अब डर का कारण बन चुका है।
रियासत अली
यहां हम गंदगी से परेशान हैं। पार्क के चारों ओर अतिक्रमण है। कई बार शिकायत के बाद भी प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। पता नहीं कब यहां सफाई होगी।
मतलूब अहमद
महिलाओं और बच्चों के लिए पार्क में आना खतरे से खाली नहीं है। नशेड़ी घूम रहे होते हैं। यहां बनाए गए भवन की छत पर हमेशा उनका अड्डा बना रहता है।
शबनम
हमारी मांग है कि शहर के अन्य पार्कों की तरह इसे भी विकसित किया जाए। यहां पार्क में न झूले हैं, न लाइटिंग। यह पूरी तरह उजड़ चुका है।
फरीदा।
बच्चों के खेलने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं है, मोबाइल में ही दिन कट रहे हैं। हम परेशान हो चुके हैं। बच्चों को घरों में कैद करने पर मजबूर हैं।
निशाद
हम चाहते हैं कि पार्क को फिर से हराभरा और सुंदर बनाया जाए। पहले जब यहां निर्माण नहीं हुआ था तो पार्क बेहद ही सुंदर था। इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।
राना
हमारे मोहल्ले में सड़कें भी टूटी हुई हैं। पार्क तक पहुंचना भी एक चुनौती है। पार्क के आसपास अतिक्रमण फैला रखा है। अवैध पार्किंग स्थल बना दिया गया है।
अनीस
पार्क के लिए हमने कई बार शिकायत की, इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। यदि कोई कार्रवाई नहीं होती है तो अब मिलकर क्षेत्रवासी आंदोलन करेंगे।
फुरकान
पार्क का नवीनीकरण और अतिक्रमण हटाना जरूरी है। यहां पार्क के अंदर बने भवन में गंदगी फैली हुई है इसकी सफाई होनी चाहिए।
फिरोज
हमारे पार्क में अगर समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो बड़ा हादसा हो सकता है। पार्क में खंडहर हो चुका भवन कभी भी गिर सकता है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
मो. वसीम
बुजुर्गों के टहलने और बच्चों के खेलने का एकमात्र सहारा यह पार्क ही था। इसमें सालों से अतिक्रमण कर दिया गया। हम परेशान हैं समाधान होना चाहिए।
शामिर मियां।
हम चाहते हैं कि यहां झूले लगें, गार्ड तैनात हो और लाइट की व्यवस्था हो। पार्क को व्यवस्थित किया जाना चाहिए। ताकि क्षेत्र के लोगों को सुविधा मिल सके।
मो. एहसान
यह पार्क पूरी बस्ती की जरूरत है, इसे ऐसे नहीं छोड़ सकते इसमें बना हुआ भवन क्षतिग्रस्त होने की कगार पर है। हम इसका स्थाई समाधान चाहते हैं।
मो. इमरान
अधिकारियों को दौरा करना चाहिए और खुद देखना चाहिए कि हालात कैसे हैं। बस्ती में बच्चे खेलने का मैदान नहीं होने के कारण घरों में कैद रहने को मजबूर हो चुके हैं।
मो. दिलशाद
हम पार्क की बहाली के लिए एकजुट होकर प्रशासन से मिल चुके हैं। बस्ती की सड़क भी बदहाल हैं। अधिकारियों को क्षेत्र की समस्याओं का संज्ञान लेकर समाधान करना चाहिए।
मो. शाद
बच्चों से उनका बचपन छीन लिया गया है। हमें फिर से वो माहौल चाहिए। पार्क में बच्चों के खेलने की व्यवस्था होनी चाहिए। जिम्मेदार लोगों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
महबूब अली
पार्क की स्थिति महिलाओं की सुरक्षा पर भी सवाल उठाती है। यह स्थान नशेड़ियों का अड्डा बना रहता है। हम परेशान हैं बच्चों के लिए नया पार्क चाहते हैं।
शाहीन परवीन
हम सिर्फ शिकायत नहीं कर रहे, समस्या का समाधान भी चाहते हैं। पार्क में व्यवस्था बनाने को लेकर प्रशासन तुरंत कार्रवाई करे। ताकि लोगों को सुविधा मिल सके।
फैजान
बोले जिम्मेदार
नई बस्ती में बदहाल पार्क के बारे में जानकारी मिली है, संबंधित विभाग के अधिकारियों को वहां भेजकर पार्क सही करवाया जाएगा। इसके साथ ही क्षेत्र में घूमने वाले नशेड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ऋचा सिंह, नगर आयुक्त
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