जल निकासी, सड़क और पेयजल की समस्या से जूझ रहे महुलीवासी
Santkabir-nagar News - महुली कस्बा, संतकबीरनगर जिले में जल निकासी और साफ-सफाई की समस्याओं से जूझ रहा है। विधायक ने नगर पंचायत का दर्जा दिलाने की पहल की है। यहां शौचालयों की भी कमी है, जिससे लोगों को परेशानी होती है। महुली...

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के नाथनगर ब्लाक क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत ने अब भले ही कस्बा का रूप धारण कर लिया है लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। यहां की सबसे प्रमुख समस्या जल निकासी की है। हल्की बरसात होने पर भी सभी सड़कों पर पानी भर जाता है। यहां सफाई व्यवस्था भी ठीक नहीं है। गंदगी का ढेर लगा हुआ है। हालांकि महुली को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए क्षेत्रीय विधायक ने पहल शुरू कर दी है। ग्रामीणों को विकास की आस लगी हुई है कि नगर पंचायत बनने से विकास का रास्ता साफ हो जाएगा।
जल निकासी व्यवस्था सुदृढ़ होगी। नाथनगर ब्लाक क्षेत्र के बस्ती जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित महुली कस्बा की आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। प्रमुख बाजार होने के कारण आसपास के गांवों के अधिकांश लोग सुबह-शाम यहीं जमे रहते हैं। सैकड़ों लोग तो जमीन खरीदकर मकान बनवाकर बाकायदा महुली के निवासी भी हो चुके हैं। मड़हाराजा व महुलिया गांव के लोग बार्डर पर ही रहते हैं। आबादी तो बढ़ती गई लेकिन विकास उस तरह नहीं हो पाया जैसा यहां के लोगों को उम्मीद थी। महुली में वर्षों पूर्व लाखों रुपए की लागत से दुर्गा मंदिर से टैक्सी स्टैंड तिराहा होते हुए थाना तक नाले का निर्माण कराया गया। लेकिन उसमें लोगों के घरों का गंदा पानी बहता उससे पहले ही उक्त नाले को दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों के सामने पाट दिया। इसकी शिकायत हुई तो मौके पर तत्कालीन डीएम पहुंचे थे, लेकिन बगैर किसी कार्रवाई के वापस लौट गए। उसके बाद नाले का अस्तित्व ही खत्म हो गया और सरकार का लाखों रुपया बर्बाद हो गया। इतना ही नहीं पिछले वर्ष देईसाड़ से नाथनगर को जोड़ने वाली सड़क के चौड़ीकरण कार्य शुरू हुआ तो टैक्सी स्टैंड तिराहे पर नाली का निर्माण कराया गया। लेकिन मानक विहीन कार्य होने से उसका उपयोग नहीं हो सका। अंसारी टोला से मुख्य बाजार को जोड़ने वाली सड़क पर हमेशा पानी भरा रहता है। शिकायत पर भी कोई असर नहीं दिख रहा है। महुली में गंदगी का आलम यह है कि समय माता मंदिर को जोड़ने वाली सड़क पर गंदगी फैली हुई है और कोई पुरसा हाल नहीं है। दुर्गा मंदिर के निकट कूड़ा कचरे का ढेर लगा रहता है। हालांकि मुख्य बाजार में जल निकासी की समस्या का समाधान ग्राम प्रधान महेश यादव ने करा दिया है। इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण कराकर उसे ऊंचा कर दिया। अब अतिक्रमण की समस्या होने से राहगीरों को काफी दिक्कत होती है। हमेशा जाम लगता है। दुर्गा मंदिर से दक्षिण चौराहे तक सड़क की पटरी अतिक्रमण की चपेट में है। लोगों ने सड़क तक कब्जा कर लिया है। सड़क पर बाइक खड़ी करना लोगों की मजबूरी है। चौराहा और बाजार में नहीं है शौचालय नाथनगर ब्लाक क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत होने के बावजूद महुली के किसी चौराहा और मुख्य बाजार में एक अदद शौचालय तक नहीं बनवाया गया। जबकि सैकड़ों महिलाओं तथा अन्य लोगों का जमावड़ा रोजाना बाजार में लगा रहता है। कपड़ा और सौन्दर्य प्रसाधन की दर्जन भर से अधिक दुकानें खुली हुई हैं। उस पर भीड़ भी लगी रहती है। सार्वजनिक स्थान पर न तो शौचालय है और ना ही मूत्रालय । इस कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। लोगों ने महुली मुख्य बाजार और प्रमुख चौराहे पर सार्वजनिक शौचालय बनवाए जाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि कई बार खंड विकास अधिकारी और जिला प्रशासन से मांग की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। रोडवेज बस चलाने की मांग ने पकड़ा जोर महुली चौराहे पर प्रतिदिन सैकड़ों सवारी आती हैं और से सवारी वाहन से जिला, मंडल और राजधानी तक की यात्रा के लिए प्राइवेट वाहनों का इंतजार करना पड़ता है। शाम ढलने के बाद महुली से कही भी जाने के लिए सवारी वाहन नहीं मिलता है। जबकि तीन प्राइवेट बस रोजाना लखनऊ जाती है,वह भी फुल होकर। अब महुली से लखनऊ तथा जिला एवं गोरखपुर तथा अंबेडकनगर तक रोडवेज की बस चलाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। यहां के निवासियों ने परिवहन मंत्री को पत्र भेजकर सरकारी बस चलाने की मांग की है। तीन जिले की सीमा को जोड़ने वाला क्षेत्र इतना उपेक्षित रहेगा यह किसी के गले के नीचे नहीं उतर रहा है। बस्ती, गोरखपुर और अम्बेडकरनगर के लोगों का आना-जाना महुली में लगा रहता है। सब लोग प्राइवेट सवारी वाहनों के भरोसे यात्रा करने को मजबूर हैं। महुली कस्बा को जोड़ने वाली सड़क हुई क्षतिग्रस्त महुली कस्बा को जोड़ने वाली सभी सड़कें खस्ताहाल हो चुकी हैं। महुली से मड़हाराजा होते हुए अजांव- सिसवानियां जाने वाली सड़क जहां क्षतिग्रस्त है। वहीं बारीडीहा, दोकड़ा होकर महादेवा जाने वाली सड़क भी पैदल चलने लायक नहीं है। कस्बा की सड़क भी बदहाल हो चुकी है। इस तरफ ना तो अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और ना ही जनप्रतिनिधि का ध्यान इस समस्या की ओर जा रहा है। प्रधान प्रतिनिधि महेश यादव ने कहा कि ग्राम पंचायत में बहुत से विकास के कार्य कराए गए हैं। जिस अनुसार बजट उपलब्ध होता है उसी के अनुसार कार्य कराया जाता है। बड़ी ग्राम पंचायत और प्रमुख कस्बा होने के कारण विकास के लिए अधिक धन की आवश्यकता है। लगातार प्रयास किया जा रहा है। सभी समस्याओं को दूर कराया जाएगा। विधायक धनघटा गणेश चौहान ने कहा कि महुली को नगर पंचायत बनाने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। इसके लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयासरत हूं। जल्द से जल्द आस-पास के ग्राम पंचायतों को जोड़कर महुली को नगर पंचायत का दर्जा दिलाया जाए। इसके अलावा विकास के जो भी कार्य अधूरे हैं उसे पूरा कराया जाएगा।
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