साठा लगने की शिकायतों पर जागा कृषि विभाग, आदेश जारी
Shahjahnpur News - शाहजहांपुर में प्रतिबंधित साठा धान की बुवाई को लेकर कृषि विभाग ने आदेश जारी किया है। किसानों से साठा धान की जगह अन्य फसलों की बुवाई करने की अपील की गई है। साठा धान की खेती से भूजल स्तर में गिरावट और...

शाहजहांपुर, संवाददाता। जनपद में प्रतिबंधित साठा धान लगने की बंडा व ददरौल से लगातार कृषि विभाग को मिल रही, शिकायतों के बाद आखिरकार कृषि विभाग जाग गया है। सोमवार को देरशाम जिला कृषि अधिकार विकास किशोर द्वारा एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें किसानों से साठा धान की बुवाई नहीं करने की अपील की गई है और जायद सीजन में साठा की जगह किसानों से अन्य फसलों की बुवाई करने को कहा गया है। कृषि अधिकारी ने कहा कि किसान उड़द, मूंग, सूरजमुखी, मक्का, सब्जियों आदि बुवाई कर सकते हैं। जिले में साठा धान के लगाने से भूगर्भ जल स्तर तेजी से नीचे जाने और पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के चलते साठा धान की खेती प्रतिबंधित है। यदि आपके आसपास कोई किसान साठा की खेती करता है, तो तत्काल संबंधित तहसील में एसडीएम या ब्लॉक के सहायक विकास अधिकारी कृषि, लेखपाल या कानूनगो को सूचित करें। कृषि अधिकारी ने कहा कि जायद सीजन में ग्रीष्मकालीन धान यानी साठा धान लगभग 60 दिनों में पक जाती है, यह अन्य धान किस्मों की तुलना में अत्यधिक पानी का इस्तेमाल करती है। इससे भूजल दोहन बढ़ता है, जबकि जमीन के बंजर होने का खतरा भी रहता है। साठा धान को नदियों और जलाशयों का दुश्मन भी कहा जाता है, धान की अन्य किस्में आमतौर पर 3-4 महीनों में तैयार होती हैं, जबकि साठा अपने नाम की तरह 60 दिनों में पक जाती है, इससे किसान धान की बुवाई के लिए आकर्षित होते हैं, हालांकि, यह भूजल स्तर के लिए खराब मानी जाती है। इसीलिए डीएम द्वारा 2019 से जनपद में बुवाई हेतु रोक लगाई गई है।
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