बीज गोदाम पर नहीं उपलब्ध है ढैंचा, किसान काट रहे चक्कर
Siddhart-nagar News - डुमरियागंज में किसानों को हरी खाद के लिए ढैंचा का बीज नहीं मिल रहा है, जिससे वे परेशान हैं। जिम्मेदारों का कहना है कि अगले हफ्ते बीज उपलब्ध हो जाएगा। कृषि विशेषज्ञों का सुझाव है कि 25 से 30 अप्रैल के...

डुमरियागंज, हिन्दुस्तान संवाद। खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए हरी खाद के रूप में मददगार ढांचा का बीज अब तक डुमरियागंज स्थित राजकीय बीज गोदाम पर उपलब्ध नहीं हो सका है। इससे किसान बीज गोदाम का चक्कर काट रहे हैं। किसानों का आरोप है कि जिम्मेदारों की लापरवाही से यह समस्या उत्पन्न हुई है जबकि जिम्मेदारों का दावा है कि अगले हफ्ते में गोदाम पर ढांचा उपलब्ध हो जाएगा। कृषि विभाग से जुड़े जानकारों का मानना है कि ढैंचा की बुवाई 25 से 30 अप्रैल के बीच कर देनी चाहिए। ऐसे में सवाल उठता है कि अभी तक जब केंद्र पर ढैंचा का बीज ही नहीं उपलब्ध है तो, किसान बुवाई कहां से कर पाएंगे। सोहना कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ.एसके मिश्र ने बताया कि गेहूं की फसल काटकर किसान खेत की जुताई कर दें। मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करके 10 दिन के लिए छोड़ दें, जिससे कड़ी धूप लगने से खरपतवार नष्ट हो जाएंगे। मिट्टी में रहने वाले हानिकारक जीवाणुओं व कीट भी समाप्त हो जाएंगे। अधिकतम 30-30 अप्रैल तक ढैंचे की बुवाई कर देंगे तो अच्छा रहेगा। उन्होंने बताया कि ढैंचा बोकर उसकी पलटाई करेंगे तो मिट्टी में जीवांश कार्बन सहित अन्य तत्वों में वृद्धि होगी। जीवांश कार्बन अत्यंत कम होने से उपज प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि खेतों में जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ानी चाहिए, जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ सके। जून में पहली बारिश होने तक ढैंचा के पौधे डेढ़ से दो फीट तक हो जाएंगे। तब तक उन्हें खेत में पलट देने से हरी खाद तैयार हो जाएगी।
ढैंचा के बीज पर 50 फीसदी का मिलता है अनुदान
डुमरियागंज राजकीय बीज गोदाम के प्रभारी संतोष यादव व तकनीकी सहायक करुणाशंकर त्रिपाठी ने बताया कि फिलहाल अभी तक गोदाम पर ढांचा का बीज उपलब्ध नहीं हो सका है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह में बीज आ जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पर सरकार 50 फीसदी अनुदान दे रही है। जो काट कर देना रहेगा।
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