यूपी के एडेड कॉलेजों में शिक्षकों के प्रमोशन की व्यवस्था बदली, डीआईओएस को मिली जिम्मेदारी
पूर्व में चयन बोर्ड नियमावली के तहत एडेड कॉलेज के शिक्षकों की पदोन्नति संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में गठित होने वाली 3 सदस्यीय समिति करती थी। इस समिति में संबंधित जिले के DIOS और एक राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सदस्य हुआ करते थे।

UP Teachers Promotion: उत्तर प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की पदोन्नति अब जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) करेंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विलय नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग में होने के बाद शासन ने पदोन्नति की व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। पूर्व में चयन बोर्ड नियमावली के तहत एडेड कॉलेज के शिक्षकों की पदोन्नति संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में गठित होने वाली तीन सदस्यीय समिति करती थी। इस समिति में संबंधित जिले के डीआईओएस और एक राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सदस्य हुआ करते थे। नए आदेश के बाद अगस्त 2023 से संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में पड़ी प्रमोशन की फाइलें डीआईओएस दफ्तर भेजी जाने लगी हैं।
अगस्त 2023 में नए आयोग के गठन के बाद चयन बोर्ड का उसमें विलय हो गया और उसके साथ ही पूरे प्रदेश में पदोन्नति की प्रक्रिया ठप हो गई। शिक्षक संगठनों के दबाव पर शासन के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता ने 28 अप्रैल को माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.महेन्द्र देव को भेजे पत्र में साफ किया है कि इस प्रकरण में कोई नवीन व्यवस्था स्थापित होने तक एडेड कॉलेज के अध्यापकों के संवा संबंधी मामलों का निस्तारण माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अनुसार करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें।
इंटरमीडिएट एक्ट 1921 में सेवा संबंधी प्रकरणों के निस्तारण का अधिकार डीआईओएस के पास है। यह आदेश होने के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालयों में अगस्त 2023 से पड़ी पदोन्नति संबंधी फाइलें वापस डीआईओएस कार्यालय भेजी जाने लगी है। वहीं प्रमोशन का इंतजार कर रहे शिक्षकों को भी जल्द प्रमोशन की उम्मीद जगी है।
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि यह आदेश पहले ही हो जाना चाहिए था। पदोन्नति न होने से शिक्षकों का आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा था मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे थे।