चाय बेचते-बेचते करोड़पति बना UP का युवक? बैंक मैनेजर के खुलासे से मचा हड़कंप, 3 महीने पहले ही ओपन कराया था अकाउंट
आगरा में एक चाय की टपरी चलाने वाले युवक करोड़पति निकला। दरअसल एकाउंट से करोड़ों की लेन-देन की गई। उधर, जब इस मामले की जानकारी खुद चायवाले को हुई तो उसके होश उड़ गए। छानबीन करने पर उसे पता चला कि एक अन्य से खाते से भी करोड़ों की लेन-देन हुई है।

यूपी के आगरा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक चाय की टपरी चलाने वाले युवक के एकाउंट से करोड़ों की लेन-देन की गई। उधर, जब इस मामले की जानकारी खुद चायवाले को हुई तो उसके होश उड़ गए। छानबीन करने पर उसे पता चला कि उसका खाता खुलवाने वाले ने कमला नगर के एक युवक का भी खाता खुलवाया था। उसके खाते में भी करोड़ों का लेन-देन हुआ है। माना जा रहा है कि खातों का प्रयोग साइबर अपराध में किया गया है। तहरीर पर साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
मुकदमा काव्य कुंज, ट्रांसयमुना कालोनी के रहने वाले लोकेश कुमार ने लिखाया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि पहले भारत पे कंपनी में कार्य करते थे। इस दौरान उनकी पहचान सेक्टर 15 के रहने वाले सुरेंद्र पाल सिंह से हुई थी। नौकरी छोड़कर उन्होंने अपनी चाय की टपरी खोल ली। साल 2024 में सुरेंद्र उनकी दुकान पर आया। कहने लगा कि काम धंधा बढ़ाओ। ऑनलाइन का जमाना है। स्विगी और जोमेटो से जुड़ जाओ। आर्डर आया करेंगे। उसने जानकारी की तो पता चला कि इसके लिए जीएसटी या एमएसएमई प्रमाण पत्र होना चाहिए। वह शांत बैठ गया। कुछ समय बाद सुरेंद्र अपने साथी सैफ अली के साथ आया। उससे पूछा कि ऑनलाइन काम का क्या हुआ। उसने बताया कि उसके पास जीएसटी रजिस्ट्रेशन और एमएसएमई प्रमाण पत्र नहीं है।
सुरेंद्र ने कहा कि यह काम वह करवा देगा। उसे एक दुकान पर ले गया। उसकी आईडी पर सिम कार्ड लिया। इसके बाद बैंक ले गया। केनरा बैंक में उसका खाता खुलवाया। खाते की पूरी किट और सिमकार्ड अपने पास रख ली। कहा कि प्रमाणपत्र बनवाने में जरूरत पड़ेगी। उसे भी लगा कि जब खाते में रकम ही नहीं तो सुरेंद्र कागजों का क्या करेगा। पिछले दिनों बैंक मैनेजर ने उससे संपर्क किया। बताया कि उसके खाते में तीन माह में करोड़ों का लेन-देन हुआ है।
वहीं, कमला नगर के अभिषेक अग्रवाल के खाते में भी ऐसा ही हुआ है। अभिषेक अग्रवाल से संपर्क किया। पता चला कि सुरेंद्र पाल सिंह ने लोन दिलाने के नाम पर उन्हें फंसाया था। पीड़ित ने आशंका जताई है कि अपराधियों को किराए पर खाते दिए जा रहे हैं। सुरेंद्र पाल सिंह खाते मुहैया कराने वाला गैंग चला रहा है। गैंग में कई सदस्य हैं। मुकदमे के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।