सोशल मीडिया पर छाया अधिवक्ता चेंबर निर्माण का मामला
Unnao News - सोशल मीडिया पर छाया अधिवक्ता चेंबर निर्माण का मामलासोशल मीडिया पर छाया अधिवक्ता चेंबर निर्माण का मामला

उन्नाव। कचहरी परिसर में नवनिर्मित अधिवक्ता चेंबर में घालमेल का जिन्न शुक्रवार को सोशल मीडिया पर बाहर आ गया। बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर एक पत्र साझा किया जिसमे पूर्व अध्यक्ष व महामंत्री द्वारा चेंबर निर्माण में हुए खर्च का ब्योरा समेत अन्य सूचनाएं देने के बाद मूल प्रतियां वापस लेने की बात कही गई है। इसके विरोध में पूर्व अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सोंची समझी रणनीति के तहत क्षवि धूमिल किए जाने की बात कही है। बार एसोसिएशन में अधिक्वता चेंबर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौजूदा कार्यकारणी ने पूर्व कार्यकारणी सदस्यों पर अधिवक्ता चेम्बर के निर्माण में घालमेल का आरोप लगाया है।इस मामले को लेकर पूर्व में कई बार बैठक भी हो चुकी है, इसके बावजूद अब तक कोई हाल नहीं निकल सका है।बुधवार को हुई बैठक में वर्तमान बार एसोसिएशन अध्यक्ष गिरीश कुमार मिश्रा ने बार एसोसिएशन के कार्यालय लिपिक से पूर्व अध्यक्ष और महामंत्री द्वारा चेंबर निर्माण के दौरान खर्च की गई धनराशि का ब्योरा मांगा है।जिसपर कार्यालय प्रभारी लिपिक प्रयाग लाल यादव और कंप्यूटर आपरेटर लिपिक प्रताप शंकर रावत ने पत्र भेजा है। पत्र में बताया गया है कि पूर्व अध्यक्ष व महामंत्री द्वारा परिसर में आचार्य विष्णु गुप्त चाणक्य, भगवान परशुराम, राजा राव राम बक्स सिंह अधिवक्ता भवनों का निर्माण कराया है। जिसमें आवंटन के लिए अधिवक्ताओं ने 19 फरवरी 2025 तक बार एसोसिएशन कार्यालय में 1,21,26.500 रुपये जमा किए थे। जिसकी रशीद आवंटन कराने वाले अधिवक्ताओं को दे दी गई थी। अबतक 28,03,500 रुपए की धनराशि भी बार के खाते में जमा नहीं कराई जा सकी है।आरोप है कि धनराशि आवंटन के लिए आई उसे अध्यक्ष महामंत्री ने आवंटी अधिवक्ताओं ने जो धनराशि दी उसे पूर्व कार्यकारिणी ने बैंक में जमा ही नहीं किया। 19 फरवरी को पूर्व अध्यक्ष ने पहले जमा की गई धनराशि की रसीद व खर्च के ब्योरे की मूलप्रति कार्यकारिणी को दी जिसे मिलान करने के नाम पर वापस भी ले लिया गया।शुक्रवार को बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने कार्यालय लिपिक के इस पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल किया है।
शनिवार को होगी बैठक
बार एसोसिएशन की पूर्व कार्यकारिणी द्वरा परशुराम अधिवक्ता भवन, राजा राव राम बक्स सिंह अधिवक्ता भवन एवं आचार्य विष्णु गुप्त चाणक्य अधिवक्ता भवन निर्माण का निर्माण किया गया है। मौजूदा कार्यकारिणी द्वारा पूर्व कार्यकारिणी पर भवनों के निर्माण में घालमेल के आरोप लगाए गए थे।इसको लेकर बीते बुधवार को बैठक का आयोजन किया गया था, हालांकि बैठक में पूर्व कार्यकारिणी सदस्यों ने खर्च के मूल दस्तावेज नहीं पेश किए थे। जिसपर 19 अप्रैल को दोबारा बैठक बुलाई गई थी।
प्रपत्र पेश न करने पर कार्रवाई होगी
9 अप्रैल को हुई बैठक में बार एसोसिएशन अध्यक्ष गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा यह भी प्रस्ताव पारित हुआ था कि आय व्यय से संबंधित मूल प्रपत्र, आवंटन लिस्ट, नक्शा और आवंटियों द्वारा जमा की गयी धनराशि का विवरण न दिये जाने की स्थिति में यह माना जाएगा कि निवर्तमान अध्यक्ष व निवर्तमान महामंत्री जानबूझ कर उपरोक्त प्रपत्र सदन के समक्ष नहीं रखना चाहते हैं। ऐसे में सदन के निर्णय के अनुसार, कार्रवाई तय की जाएगी।
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