अयोध्या में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा पांच जून को, मंदिर के प्रथम तल पर ऑनलाइन पास लेकर जा सकेंगे भक्त
राम मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा के लिए भवन-निर्माण समिति की बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक के पहले दिन समीक्षा में पाया गया है कि निर्धारित समयसीमा से काम पीछे चल रहा है। इसके कारण जो काम 30 जून तक पूरा होना था, वह जुलाई-अगस्त तक जाएगा।

राम मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा के लिए भवन-निर्माण समिति की बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक के पहले दिन समीक्षा में पाया गया है कि निर्धारित समयसीमा से काम पीछे चल रहा है। इसके कारण जो काम 30 जून तक पूरा होना था, वह जुलाई-अगस्त तक जाएगा। फिलहाल समीक्षा रिपोर्ट को लेकर समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने मीडिया से बातचीत में बताया कि राम दरबार सहित सभी मंदिरों में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा पांच जून तदनुसार गंगा दशहरा को होगी। इसके पहले तीन दिवसीय अनुष्ठान का शुभारम्भ तीन जून से शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि श्वेत संगमरमर की एक शिला पर निर्मित राम दरबार की मूर्ति का निर्माण जयपुर राजस्थान में हुआ है। इसे 23 मई को अयोध्या लाया जाएगा। इसके साथ ही यथास्थान पर मूर्ति स्थापित की जाएगी। इसी तरह से शेषावतार मंदिर जिसका निर्माण सबसे पीछे है। इसमें भी लक्ष्मण जी की मूर्ति की प्रतिष्ठा पांच जून को ही हो जाएगी। बताया गया कि लक्ष्मण जी की मूर्ति यहां 30 मई तक आ जाएगी। रोज 750 लोग ही प्रथम तल पर दर्शन कर सकेंगेः भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र का कहना है कि पांच जून को सभी मंदिरों में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद दर्शनार्थियों को प्रथम तल में भी दर्शन की व्यवस्था तय की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था निःशुल्क पास के जरिए होगी और एक दिन में अधिकतम 750 दर्शनार्थी प्रथम तल पर दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इसके प्रमुख कारण प्रथम तल पर आने-जाने की दो सीढ़ियों पर किसी तरह की भगदड़ जैसी स्थिति न पैदा हो। इसके अलावा वजन का भी मामला है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर में पत्थरों की हलचल की जांच के लिए दस सेंसर लगाए गये है। हालांकि इनका विशेष उपयोग भूकंप की तीव्रता के मापने के दृष्टिगत होगा। फिलहाल इस बारे में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विस्तृत कार्ययोजना तय कर सार्वजनिक सूचना देगा।
प्रथम तल पर दर्शन को भी ऑनलाइन बनेगा पास
राम मंदिर के प्रथम तल में दर्शन के लिए आनलाइन पास की सुविधा होगी जो पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी। भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि एक घंटे के लिए अधिकतम 50 पास निर्गत किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के आवागमन के दौरान लोड का अध्ययन तीन माह तक सेंसर के जरिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र व सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को कार्यदाई संस्था की ओर से तीर्थ क्षेत्र को हैंडओवर कर दिया गया है।
मुख्य मंदिर के हिस्से को अगस्त के अंत में पूरा होगा। परकोटा नवम्बर के अंत तक हैंडओवर होगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के चार किलोमीटर की परिधि में प्रस्तावित बाउंड्री वाल एवं ऑडिटोरियम व अतिथि गृह का निर्माण कार्य 2025 के बाद भी चलता रहेगा जबकि शेष कार्य दिसम्बर 2025 तक पूरा हो जाएगा।